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New ढलती शाम शायरी Status, Photo, Video

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White याद आती है वो शाम याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था, आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था। हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी, हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी। गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल, उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल। दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं, वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं। सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे, हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे। खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून, जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून। वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था, हर बात में बस अपनापन था। मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था, कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था। अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है, उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है। याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन, जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम। ©Avinash Jha

#शाम #याद  White याद आती है वो शाम

याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था,
आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था।
हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी,
हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी।

गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल,
उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल।
दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं,
वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं।

सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे,
हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे।
खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून,
जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून।

वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था,
हर बात में बस अपनापन था।
मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था,
कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था।

अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है,
उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है।
याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन,
जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम।

©Avinash Jha

एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra

#SAD  एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू
एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

©Dr.Priyanka Chandra

#SAD sad love shayari एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

13 Love

White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है.. आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है.. तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे.. आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY

#शाम  White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है..
आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है..

तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे..
आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY

#शाम है...

14 Love

White जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!! ©RAVI PRAKASH

#शायरी #happy_diwali  White जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!!

©RAVI PRAKASH

#happy_diwali जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!!

8 Love

#ज़िंदगी #शायरी #शाम #ग़म #है 

#ज़िंदगी #ग़म #की #शाम #है  हिंदी शायरी

180 View

White याद आती है वो शाम याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था, आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था। हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी, हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी। गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल, उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल। दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं, वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं। सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे, हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे। खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून, जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून। वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था, हर बात में बस अपनापन था। मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था, कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था। अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है, उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है। याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन, जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम। ©Avinash Jha

#शाम #याद  White याद आती है वो शाम

याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था,
आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था।
हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी,
हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी।

गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल,
उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल।
दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं,
वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं।

सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे,
हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे।
खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून,
जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून।

वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था,
हर बात में बस अपनापन था।
मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था,
कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था।

अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है,
उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है।
याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन,
जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम।

©Avinash Jha

एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra

#SAD  एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू
एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

©Dr.Priyanka Chandra

#SAD sad love shayari एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

13 Love

White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है.. आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है.. तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे.. आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY

#शाम  White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है..
आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है..

तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे..
आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY

#शाम है...

14 Love

White जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!! ©RAVI PRAKASH

#शायरी #happy_diwali  White जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!!

©RAVI PRAKASH

#happy_diwali जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!!

8 Love

#ज़िंदगी #शायरी #शाम #ग़म #है 

#ज़िंदगी #ग़म #की #शाम #है  हिंदी शायरी

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