एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाश | हिंदी Sad

"एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra"

 एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू
एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

©Dr.Priyanka Chandra

एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra

#SAD sad love shayari

एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू
एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

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