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#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #दयावान #शायरी

#दयावान मुझे नहीं चाहिए धन और दौलत,महल अटारी मेरे कोई काम नहीं मुझे इंसान चाहिए किसी का अहसान नहीं ईमान निभा सको पर सच्चा मेहरबान वही

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Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है.. पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#मेरी  Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है..

पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...

12 Love

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

14 Love

White पल्लव की डायरी दीपक के जैसे दिल जलते अब दिया तले अंधेरा है मन रोज मारते अपने हम सब दिवालो जैसा हाल है फलता फूलता पूँजी वाद अथाह सागर धन का चंद लोगो के पास है ईर्ष्या घृणा नही उनसे मगर हमारे छोटे संसाधन व्यापारो पर कब्जा उन रहीशजादो का है आटे दूध नमक चिप्पस के बल पर फूलते वे सब धिक्कार उनकी काबलियत पर है एक एक बूँद शहीद हो गयी अंध विकास की घर घर हमारे फूक डाले दिल दुखाकर जनता के, रोशन नही महल होने वाले प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #happy_diwali  White पल्लव की डायरी
दीपक के जैसे दिल जलते अब
दिया तले अंधेरा है
मन रोज मारते अपने हम सब
दिवालो जैसा हाल है
फलता फूलता पूँजी वाद 
अथाह सागर धन का चंद लोगो के पास है
ईर्ष्या घृणा नही उनसे
मगर हमारे छोटे संसाधन व्यापारो पर
कब्जा उन रहीशजादो का है
आटे दूध नमक चिप्पस के बल पर फूलते वे सब
धिक्कार उनकी काबलियत पर है
एक एक बूँद शहीद हो गयी अंध विकास की
घर घर हमारे फूक डाले
दिल दुखाकर जनता के,
रोशन नही महल होने वाले
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#happy_diwali रोशन नही महल होने वाले है

23 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #दयावान #शायरी

#दयावान मुझे नहीं चाहिए धन और दौलत,महल अटारी मेरे कोई काम नहीं मुझे इंसान चाहिए किसी का अहसान नहीं ईमान निभा सको पर सच्चा मेहरबान वही

99 View

Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है.. पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#मेरी  Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है..

पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...

12 Love

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

14 Love

White पल्लव की डायरी दीपक के जैसे दिल जलते अब दिया तले अंधेरा है मन रोज मारते अपने हम सब दिवालो जैसा हाल है फलता फूलता पूँजी वाद अथाह सागर धन का चंद लोगो के पास है ईर्ष्या घृणा नही उनसे मगर हमारे छोटे संसाधन व्यापारो पर कब्जा उन रहीशजादो का है आटे दूध नमक चिप्पस के बल पर फूलते वे सब धिक्कार उनकी काबलियत पर है एक एक बूँद शहीद हो गयी अंध विकास की घर घर हमारे फूक डाले दिल दुखाकर जनता के, रोशन नही महल होने वाले प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #happy_diwali  White पल्लव की डायरी
दीपक के जैसे दिल जलते अब
दिया तले अंधेरा है
मन रोज मारते अपने हम सब
दिवालो जैसा हाल है
फलता फूलता पूँजी वाद 
अथाह सागर धन का चंद लोगो के पास है
ईर्ष्या घृणा नही उनसे
मगर हमारे छोटे संसाधन व्यापारो पर
कब्जा उन रहीशजादो का है
आटे दूध नमक चिप्पस के बल पर फूलते वे सब
धिक्कार उनकी काबलियत पर है
एक एक बूँद शहीद हो गयी अंध विकास की
घर घर हमारे फूक डाले
दिल दुखाकर जनता के,
रोशन नही महल होने वाले
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#happy_diwali रोशन नही महल होने वाले है

23 Love

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