ashita pandey  बेबाक़

ashita pandey बेबाक़

writer by passion dreamer by soul...

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मैने ना,तुम्हारी खामोशी से इश्क़ किया है तुम्हारे लफ़्ज़ मेरे हिस्से में,आए ही कहा शायद कोई और हो,जो काबिल हो मुझे वैसे शिक़ायत भी नहीं,तुम से मैं हु भी अजीब सी,पिछे ही पड़ जाती हु मैने तुम्हे झलक,दो झलक देख सकने के इंतेज़ार से इश्क़ किया हैं तुम और कभी इज़हार करोगे मोहब्ब्त का नामुमकिन,इतनी क़ाबिल होती तो शायद साथ होते हम मैने इस कभी खत्म न होने वाले ऐतबार से इश्क़ किया हैं लोग करते होंगे क़ूबूलियत पर लेकिन मैंने तो तुम्हारे इनकार से इश्क़ किया है मुझे कुछ भी नहीं चाहिए तुम से तुम्हारी फिक्र तुम्हारे खैर ओ शुमार से किया हैं तुम्हारी मौजूदगी तुम्हारी खुशबू तुम्हारी नज़रे,तुम्हारे इज़्तेरार से किया है कहा पा सकूंगी तुम को मै तुम्हे देख कर फ़िर भी हर बार किया हैं नहीं मेरी आदत नहीं यू इस तरह बिछ जाना लेकिन मैं वो मिट्टी चूम लू जहां से गुजरो तुम मैने जिस्म की ज़द से कही आगे तुम से प्यार किया हैं कोई ख़्वाइश नहीं हैं मुझे के तुम मुझे कोई ओहदा दो ज़िंदगी में अपनी मैने खामोशी से गुमनाम सा प्यार किया हैं करते होंगे लोग फायदों को सौदे मैं तमाम नुकसान उठा के भी तुम को ही चुन लू तुम्हारे हिस्से की ज़मीन,सच,बाते जितनी भी गहरी हो मुझ से कहो सारी बैठ कर सुन लू तुम से चाहा नहीं हैं कुछ,तुम्हे चाहा है वो और लोग हैं,जो बदल लेते है माज़ी अपना मैने इबादत सरीखा इश्क़ तुम से हर बार किया है मैने मान लिए हर फैसले,तुम जो भी करो ये मेरे दिल पर तो असर नहीं कर सकेंगे मग़र एक ही तो शर्त है,खुश रहो जहां भी रहो शायद नहीं होगा के,हम साथ चल सकेंगे अगर मैं तुम्हे याद नहीं रखतीं,तुम सांसों की तरह बसते हो मुझ में जब जब तुम करीब से गुजरे,कई बार किया हैं मैने बेहद मासूम सा इश्क़ तुम से हर बार किया हैं.... ©ashita pandey बेबाक़

#leafbook #लव  मैने ना,तुम्हारी खामोशी से इश्क़ किया है
तुम्हारे लफ़्ज़ मेरे हिस्से में,आए ही कहा
शायद कोई और हो,जो काबिल हो
मुझे वैसे शिक़ायत भी नहीं,तुम से
मैं हु भी अजीब सी,पिछे ही पड़ जाती हु
मैने तुम्हे झलक,दो झलक देख सकने के 
इंतेज़ार से इश्क़ किया हैं 
तुम और कभी इज़हार करोगे मोहब्ब्त का
नामुमकिन,इतनी क़ाबिल होती तो
शायद साथ होते हम
मैने इस कभी खत्म न होने वाले ऐतबार से इश्क़ किया हैं 
लोग करते होंगे क़ूबूलियत पर लेकिन
मैंने तो
तुम्हारे इनकार से इश्क़ किया है
मुझे कुछ भी नहीं चाहिए तुम से
तुम्हारी फिक्र तुम्हारे खैर ओ शुमार से किया हैं 
तुम्हारी मौजूदगी तुम्हारी खुशबू तुम्हारी नज़रे,तुम्हारे इज़्तेरार से किया है
कहा पा सकूंगी तुम को मै
तुम्हे देख कर फ़िर भी हर बार किया हैं 
नहीं मेरी आदत नहीं यू इस तरह बिछ जाना लेकिन
मैं वो मिट्टी चूम लू जहां से गुजरो तुम
मैने जिस्म की ज़द से कही आगे 
तुम से प्यार किया हैं 
कोई ख़्वाइश नहीं हैं मुझे के तुम मुझे कोई 
ओहदा दो ज़िंदगी में अपनी
मैने खामोशी से गुमनाम सा प्यार किया हैं 
करते होंगे लोग फायदों को सौदे
मैं तमाम नुकसान उठा के भी तुम को ही चुन लू
तुम्हारे हिस्से की ज़मीन,सच,बाते जितनी भी गहरी हो
मुझ से कहो सारी बैठ कर सुन लू 
तुम से चाहा नहीं हैं कुछ,तुम्हे चाहा है
वो और लोग हैं,जो बदल लेते है माज़ी अपना
मैने इबादत सरीखा इश्क़ तुम से हर बार किया है
मैने मान लिए हर फैसले,तुम जो भी करो
ये मेरे दिल पर तो असर नहीं कर सकेंगे मग़र 
एक ही तो शर्त है,खुश रहो जहां भी रहो
शायद नहीं होगा के,हम साथ चल सकेंगे अगर
मैं तुम्हे याद नहीं रखतीं,तुम सांसों की तरह बसते हो मुझ में 
जब जब तुम करीब से गुजरे,कई बार किया हैं 
मैने बेहद मासूम सा इश्क़ तुम से 
हर बार किया हैं....

©ashita pandey  बेबाक़

#leafbook 'लव स्टोरीज' खतरनाक लव स्टोरी शायरी लव शायरियां

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You jolly soul Your kindness is taken for granted Your innocence is mistreated Often Your heart has scars Your eyes have witnessed enough wars They don't take you seriously Ahhh That's the irony I keep doing my stuff I have to answer My God Not Them They don't take me seriously I DONT TAKE THEM SERIOUSLY,EITHER..... ©ashita pandey बेबाक़

#मोटिवेशनल #leafbook  You jolly soul
Your kindness is taken for granted 
Your innocence is mistreated 
Often 
Your heart has scars 
Your eyes have witnessed enough wars
They don't take you seriously 
Ahhh
That's the irony 
I keep doing my stuff 
I have to answer My God 
Not Them 
They don't take me seriously 
I DONT TAKE THEM 
SERIOUSLY,EITHER.....

©ashita pandey  बेबाक़

#leafbook मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस

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मुमकिन है के हर मुश्किल पर गहरी राहत का इक वाजिब तुम सबब बनोगे या यू होगा सबसे गहरी चोट का कोई सबक बनोगे.... ©ashita pandey बेबाक़

#leafbook #लव  मुमकिन है के 
हर मुश्किल पर
गहरी राहत का 
इक वाजिब तुम
सबब बनोगे
या यू होगा
सबसे गहरी चोट 
का कोई सबक 
बनोगे....

©ashita pandey  बेबाक़

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वो गया था तो सब रंगते,संग ले गया था अपने आज लौटा तो मुस्कराहट साथ ले के आया हैं...!!! ©ashita pandey बेबाक़

#leafbook #लव  वो गया था तो सब 
रंगते,संग ले गया था
अपने
आज लौटा 
तो मुस्कराहट साथ ले के 
आया हैं...!!!

©ashita pandey  बेबाक़

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आघातों पर मौन रही, दंशों कों सभी स्वीकार किया मैं नारी हु,जब उठा प्रश्न निष्ठा पर,तब,प्रतिकार किया मैं शांत रही कष्टों में भी,मूक रही,मै तपी कर्मयोगिनी जैसे गगन तलक विस्तार किया जब बात चरित्र पर आई,मै बनी कालिका,हुंकार किया मैं रणचंडी बन कर गरजी,दुर्जन सब संहार किया मैं नारी हु,मेरा क्या है,मैंने बस उपकार किया मेरी देह से जन्मा जो,वो मानुष पाठ सिखाता हैं मैं हु निर्बल,और स्वयं को सबल बड़ा बतलाता है मैं रही मौन,मूर्ति जैसी,मुस्कान लिए,स्वीकार किया बात स्वाभिमान पर आई तो मैने सब का,परित्याग किया मैं नारी हु,इस सृष्टि ने मुझ से कितना संवाद किया मैं रही जनक सूता जैसी,कई वर्षों तक इंतेज़ार किया जब जब मुझ पर हैं प्रश्न उठे,अग्निस्नान सहर्ष,स्वीकार किया मैं रही विवश,अहिल्या सी,तुलसी सा धैर्य हर बार धरा मैं सती,बने तप लीन रही,कई वर्षों तक वियोग स्वीकार किया मैं स्मृतियों तक में शेष नहीं,नहीं, मेरा कोई भेष नहीं मैं रामचंद्र सी श्रेष्ठ नहीं,शिव सा तेज नहीं मुझ में मैं,निर्मल कोमल काया सी,मैं,दीप्तिमान भी माया सी मैं भोली भाली सबरी सी,मैं हु प्रचंड,काली जैसी मैं महाकाल का काल स्वरूप,मैं रौद्र रूप,विकराल अनूप तुम मुझ से स्नेह जताओगे,निर्मल स्वरूप ही पाओगे तुम जब जब प्रश्न उठाओगे,प्रत्युत्तर भी तो पाओगे मुझ को मत समझो तुम श्रेष्ठ सही,तुम पूज्यनीय,तुम ज्येष्ठ सही मैं गंगा जैसी तरिणी हु,मैं तपोभूमि की वरिणी हु मैं सफ़ल कर्म का ध्येय लिए,नित नए विरल में जलती हु मैं हु अनंत आकाश जैसी,मै सागर जैसी गहरी हु मैं मैल नहीं रखती मन में,मै सरिता कल-कल बहती हु तुम कितने शूल बिछाओगे,मुझ को चलता ही पाओगे तुम रचो नए पर्याय रचो,आओ एक नया अध्याय रचो तुम अर्चनीय मत मानो फ़िर, हु वंदनीय ना जानो फ़िर मैं हु मनुष्य पहचानो फ़िर,अधिकार मेरे मुझ को दे दो मैं सहज प्रेम प्रतीता सी,मै पावन बिल्कुल गीता सी ना मुझ को देना हो कोई प्रमाण ना प्रश्न उठे बन के यू, बाण,ना होना हो मुझ को पाषाण ये कीर्तिमान कर जाओ फिर,तुम शक्तिमान हो..??? ,बतलाओ फ़िर यू मौन धरे ना बैठो फ़िर,उठो पार्थ प्रतिकार करो,ना नियति यू,स्वीकार करो मैं ज्वाला जैसी हु ज्वलंत, कर सकती हु कितना विध्वंश, मुझ पर प्रण का तो त्याग नहीं,स्वाभिमान का परित्याग नहीं मैं छोटा कोई कंकर हु,जो अड़ी स्वयं फिर शंकर हु मेरा अस्तित्व मिटाने को,कई युग बीतेंगे जाने को होगा सृष्टि का अंत तभी,जब नारी भी मर जाएगी ये कोपल कोमल सुंदर रुपा,अत्यंत विकराल हो जाएगी काव्यों का सौन्दर्य भी मै,जीवन का तप और अर्थ भी अरे,अट्टहास सा आता है,मैं हु समर्थ,और व्यर्थ भी मै...... ©ashita pandey बेबाक़

#मोटिवेशनल #leafbook  आघातों पर मौन रही, दंशों कों सभी स्वीकार किया
मैं नारी हु,जब उठा प्रश्न निष्ठा पर,तब,प्रतिकार किया 
मैं शांत रही कष्टों में भी,मूक रही,मै तपी कर्मयोगिनी जैसे
गगन तलक विस्तार किया
जब बात चरित्र पर आई,मै बनी कालिका,हुंकार किया
मैं रणचंडी बन कर गरजी,दुर्जन सब संहार किया
मैं नारी हु,मेरा क्या है,मैंने बस उपकार किया
मेरी देह से जन्मा जो,वो मानुष पाठ सिखाता हैं 
मैं हु निर्बल,और स्वयं को सबल बड़ा बतलाता है 
मैं रही मौन,मूर्ति जैसी,मुस्कान लिए,स्वीकार किया
बात स्वाभिमान पर आई तो मैने सब का,परित्याग किया
मैं नारी हु,इस सृष्टि ने मुझ से कितना संवाद किया
मैं रही जनक सूता जैसी,कई वर्षों तक इंतेज़ार किया
जब जब मुझ पर हैं प्रश्न उठे,अग्निस्नान सहर्ष,स्वीकार किया
मैं रही विवश,अहिल्या सी,तुलसी सा धैर्य हर बार धरा 
मैं सती,बने तप लीन रही,कई वर्षों तक वियोग स्वीकार किया
मैं स्मृतियों तक में शेष नहीं,नहीं, मेरा कोई भेष नहीं
मैं रामचंद्र सी श्रेष्ठ नहीं,शिव सा तेज नहीं मुझ में
मैं,निर्मल कोमल काया सी,मैं,दीप्तिमान भी माया सी
मैं भोली भाली सबरी सी,मैं हु प्रचंड,काली जैसी
मैं महाकाल का काल स्वरूप,मैं रौद्र रूप,विकराल अनूप
तुम मुझ से स्नेह जताओगे,निर्मल स्वरूप ही पाओगे
तुम जब जब प्रश्न उठाओगे,प्रत्युत्तर भी तो पाओगे
मुझ को मत समझो तुम श्रेष्ठ सही,तुम पूज्यनीय,तुम ज्येष्ठ सही
मैं गंगा जैसी तरिणी हु,मैं तपोभूमि की वरिणी हु
मैं सफ़ल कर्म का ध्येय लिए,नित नए विरल में जलती हु
मैं हु अनंत आकाश जैसी,मै सागर जैसी गहरी हु
मैं मैल नहीं रखती मन में,मै सरिता कल-कल बहती हु
तुम कितने शूल बिछाओगे,मुझ को चलता ही पाओगे
तुम रचो नए पर्याय रचो,आओ एक नया अध्याय रचो 
तुम अर्चनीय मत मानो फ़िर, हु वंदनीय ना जानो फ़िर 
मैं हु मनुष्य पहचानो फ़िर,अधिकार मेरे मुझ को दे दो
मैं सहज प्रेम प्रतीता सी,मै पावन बिल्कुल गीता सी
ना मुझ को देना हो कोई प्रमाण
ना प्रश्न उठे बन के यू, बाण,ना होना हो मुझ को पाषाण 
ये कीर्तिमान कर जाओ फिर,तुम शक्तिमान हो..???
,बतलाओ फ़िर 
यू मौन धरे ना बैठो फ़िर,उठो पार्थ प्रतिकार करो,ना नियति यू,स्वीकार करो
मैं ज्वाला जैसी हु ज्वलंत, कर सकती हु कितना विध्वंश,
मुझ पर प्रण का तो त्याग नहीं,स्वाभिमान का परित्याग नहीं
मैं छोटा कोई कंकर हु,जो अड़ी स्वयं फिर शंकर हु
मेरा अस्तित्व मिटाने को,कई युग बीतेंगे जाने को
होगा सृष्टि का अंत तभी,जब नारी भी मर जाएगी
ये कोपल कोमल सुंदर रुपा,अत्यंत विकराल हो जाएगी
काव्यों का सौन्दर्य भी मै,जीवन का तप और अर्थ भी
अरे,अट्टहास सा आता है,मैं हु समर्थ,और
व्यर्थ भी मै......

©ashita pandey  बेबाक़

#leafbook मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

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Betrayal hurts..???? Yup,At an initial level It does Once you make peace with the pain It's all calm and gray Though it takes a lot of courage to do so Yet,it's worth it We humans are so fragile that We start over valuing people Over caring, Over loving,Over expecting Either We make them starve for the bare minimum Well in both the cases we lose as humans Basically,Life is filled with lots of zigzag tunnels We've to keep faith It's always light at the end of the tunnel Even amid the darkness Let your soul stay lit I agree things are better done than said So,Be in a calm energy Value people Make efforts Ask and Share Betrayal shouldn't make one insecure It shall make you intellectual So you can distinguish between cheesy dialogue and real emotions That's where the mess begins We keep running towards the bling Whereas it's peace that's gonna matter at the end So,My dear if it doesn't calm you down If it's not available at your lows If it's attained after begging Plese let it go The world is a better place Holding on hurts the most No one leaves by chance It's a choice we all make So,if they leave your table once Never offer it the next time It's good to be good from within Never indulge in validation from others Be grateful,Stay happy,Keep calm Stay generous there is more to life You deserve happiness and peace You deserve the love and priority you offered Better give it to yourself first Be your own light There is no scar that time couldn't heal Don't run from emotions face them Be proud of your heart in this plastic era it still feels You're alive,So make every moment count Stay lively,Full of life Smile and let life smile back at you Remember If they lost you,it's their loss Not yours, sweetheart Cheers to the golden soul you keep alluring from Kudos to your strength Stay beautiful inside out Braveheart.... ©ashita pandey बेबाक़

#leafbook #लव  Betrayal hurts..????
Yup,At an initial level 
It does 
Once you make peace with the pain 
It's all calm and gray 
Though it takes a lot of courage to do so
Yet,it's worth it
We humans are so fragile that
We start over valuing people
Over caring, Over loving,Over expecting 
Either
We make them starve for the bare minimum 
Well in both the cases we lose as humans 
Basically,Life is filled with lots of zigzag tunnels 
We've to keep faith 
It's always light at the end of the tunnel 
Even amid the darkness 
Let your soul stay lit 
I agree things are better done than said 
So,Be in a calm energy 
Value people 
Make efforts 
Ask and Share 
Betrayal shouldn't make one insecure 
It shall make you intellectual 
So you can distinguish between cheesy dialogue and real emotions 
That's where the mess begins 
We keep running towards the bling 
Whereas it's peace that's gonna matter at the end 
So,My dear if it doesn't calm you down
If it's not available at your lows 
If it's attained after begging 
Plese let it go
The world is a better place 
Holding on hurts the most 
No one leaves by chance 
It's a choice we all make 
So,if they leave your table once
Never offer it the next time 
It's good to be good from within 
Never indulge in validation from others 
Be grateful,Stay happy,Keep calm
Stay generous there is more to life 
You deserve happiness and peace 
You deserve the love and priority you offered 
Better give it to yourself first 
Be your own light 
There is no scar that time couldn't heal 
Don't run from emotions face them 
Be proud of your heart in this plastic era it still feels 
You're alive,So make every moment count 
Stay lively,Full of life 
Smile and let life smile back at you 
Remember 
If they lost you,it's their loss
Not yours, sweetheart 
Cheers to the golden soul you keep alluring from 
Kudos to your strength 
Stay beautiful inside out Braveheart....

©ashita pandey  बेबाक़

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