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My insta id pokharanaanju मन जब उद्विग्न या प्रसन्न होता है तो लिखने पर ही शांत होता हैं!! wish me 6th julai
https://youtu.be/K4pq81rjx0E
Unsplash ईश्वर हमसे प्रसन्न है तो सारी दुनिया के अप्रसन्न होने पर भी हम सुखी और प्रसन्न रहेंगे किन्तु ईश्वर अगर हमसे नाराज है तो सारी दुनिया के प्रसन्न होने पर भी हम सुखी और प्रसन्न नहीं रह सकते अतः हमें अपने कार्यों से ईश्वर को प्रसन्न करना चाहिये,दुनिया को नहीं! कार्यों से(पढ़े,अपने कर्म) ©Anjali Jain
Anjali Jain
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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset असत्य बहुत स्वादिष्ट होता है उसमें चालाकी चतुराई, दुर्भावना, ईर्ष्या-द्वेष, उपहास सभी मसालों का मिश्रण होता है सो सभी उसे सुनना चाहते हैं और मानना भी! सत्य बहुत तटस्थ और निष्पक्ष होता है बेस्वाद होता है सो न कोई सुनना चाहता है न मानना!! ©Anjali Jain
10 Love
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset अनावश्यक लिहाज़ यानी हर समय आप दूसरों की भावनाओं की परवाह करते हो तो आप में मुर्दापन आ जाता है इसलिये आवश्यक हो उतनी ही परवाह करो ताकि तुम्हारा जिंदापन बना रहे!! ©Anjali Jain
14 Love
green-leaves पूरे समूह,जाति या वर्ग का एक ही संगठन सार्थक होता है कई संगठन होने का आशय तो आपसी संघर्ष है!! ©Anjali Jain
24 Love
green-leaves अगर लड़कियां सही कार्यों के लिए सराही जाती है तो ग़लत कार्यों के लिए निंदित भी होनी चाहिये!! ©Anjali Jain
31 Love
White कोई मनुष्य कितना ही ऊंचा उठ जाए, ईश्वर से ऊंचा नहीं हो सकता अतः ईश्वर से ऊंचा स्थान किसी को न दें!! ©Anjali Jain
23 Love
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