White बच्चों को अँग्रेजी भाषा ही तो सिखानी है अंग्रेज तो नहीं बनाना है इसके लिए उन्हें भारतीयों द्वारा चलाई जाने वाली अँग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ायें ताकि केवल अँग्रेजी ही सीखें! ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाई जाने वाली स्कूल में पढ़ाने से वे अंग्रजी सभ्यता ,संस्कृति और खान पान भी सीखेंगे जिसकी किसी को आवश्यकता नहीं है!
ग़लत शुरुआत अभिभावक स्वयं करते हैं और बाद में बच्चों को, नई पीढियों को दोषी ठहरा कर कोसते रहते हैं कि वे तमीज,शिष्टाचार, बड़ों का आदर सम्मान करना भूल गए!
हमारा खान-पान,रहन-सहन,पहनावा सब छोड़कर अंग्रेज बन गए!
जरा अपने भीतर झांककर देखिए बच्चे ने कब उन स्कूलों में पढ़ने की फर्माइश की थी, की भी हो तो दूरदर्शिता से निर्णय लेना आपका काम है!बच्चों को या स्कूल को कोसना बिल्कुल ग़लत है!!
©Anjali Jain
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