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New ग़ज़ल तमन्ना Status, Photo, Video

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White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav

#शायरी  White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

17 Love

जब मैंने माँगा सुकूँ खुश दिखने को तो माँगा कलम ने दर्द लिखने को अब फर्क नहीं पड़ता ख़ुशी हो ग़म वास्ते कलम मजबूर हूँ मैं झुकने को वो नज़र करें तो महक जायें हर्फ़ मेरे कहीं और कहाँ राजी मर मिटने को गुथ लिया ख़ुद हार-ए-ग़ज़ल हो गये अब तैयार हैं सरे बाजार बिकने को लिफाफा खोला तो पैगाम लिखा था हम हाजिर तेरे इशारों पे चलने को ©अज्ञात

#तमन्ना #शायरी  जब मैंने माँगा सुकूँ खुश दिखने को 
तो माँगा कलम ने दर्द लिखने को 

अब फर्क नहीं पड़ता ख़ुशी हो ग़म 
वास्ते कलम मजबूर हूँ मैं झुकने को 

वो नज़र करें तो महक जायें हर्फ़ मेरे 
कहीं और कहाँ राजी मर मिटने को 

गुथ लिया ख़ुद हार-ए-ग़ज़ल हो गये 
अब तैयार हैं सरे बाजार बिकने को 

लिफाफा खोला तो पैगाम लिखा था 
हम हाजिर तेरे इशारों पे चलने को

©अज्ञात

#तमन्ना-हर्फ़

14 Love

White हसरतों का दौर है , तमन्नाओं से दिल खेल रहा है। करनी हैं कुछ ख्वाहिशें पूरी, हालातों को दिल सह रहा ..!! @ वकील साहब ✍️ ©love you zindagi

#हालात_ए_जिंदगी #तमन्ना #Sad_Status #wakt #SAD  White हसरतों का दौर है ,
तमन्नाओं से दिल खेल रहा है।
करनी हैं कुछ ख्वाहिशें पूरी, 
हालातों को दिल सह रहा ..!!

@ वकील साहब ✍️

©love you zindagi
#good_night #Quotes  White 
जीना हैं अकेले फिर भी लोगों के पीछे दुख के मेले हैं 
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों हम अब भी अकेले हैं 
जलते हैं अकेले ही यादों के दरिया में भी बुझती नहीं वो आग  
तफ़्दिशे जलन भी झेले हैं
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों मगर और भी अकेले हैं

नसीब का लिखा वो ही जाने तक़दीर का दिया हुआ
 दर्द_ए _नसीब हम ने भी झेले है 
अब इस के बाद न जाने नसीब में क्या है
 ना आओ साथ हमारे जिंदगी में हमारे बहुत झमेले हैं

ना याद आते अब वो लम्हे ना याद आते हो तुम कभी
 इस कदर मेरे सफ़र में ओ मुसाफ़िर 
कि अब  तन्हाई इस कदर मेरी यादों में घुल गई कि 
ना अब कोई मिलता ना अब कभी बिछड़ता 
शायद अब हम अपने आप से भी नहीं मिलते कि 
अब हम अपने ध्यान से उतरे हुए से आसुओं के रेले हैं

के ना अब कभी कहना मुझसे कि साथ चलने को 
तुम्हारे हम अपना सब कुछ छोड़ चलते हैं 
अब ना  मिलेंगे हम ना वो हमारी मोहब्बत 
मिलेंगे तो सिर्फ हम और हमारी तन्हाई जिसको दिया तुमने 
और हमने वो जख्म सदियों से झेले है 

फिर ये खेल ना खेलो हमारे साथ समझ जरा ज़ख्मी हु 
और टूटे हुए इस कदर की फ़िर ना जुड़ सकू दोबारा 

जो खेल लोगों ने सदियों से खेले हैं मत आजमा ए ज़ालिम
 कि आवाज़ तक नहीं आएगी मेरे दर्द कि हम 
अब अकेले बहुत अकेले हैं

©Sonuzwrites

#good_night ग़ज़ल ✍️

126 View

मत देना एक ग़ज़ल

423 View

#कविता  White मैंने तो हर वक्त  एक ही  तमन्ना क़ी है 
कि ज़ुल्फ़े तुम्हारी सदैव सज़ी रहे  और मांग तुम्हारी भरी रहे 

और यही है बे बाते मेरे दिल क़ी जिनका अहसास मैं तुम्हे कराना .चाहता हू

©Parasram Arora

तमन्ना

144 View

White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था मेरा अज़ीज़ मुझको गिफ्ट में आईना लाया था वो आसूं सिर्फ आसूं नहीं बाग़ी भी हो सकते थे पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था जिससे ज्यादातर नाराज़ ही रहता रहा ये दिल उसको ही अपने बुरे दिनों में अपने साथ पाया था वो मेरी जान से जिक्र की है कि वो मेरी होती जो मुझे उन दिनों बर्बाद ओ बेकार बताया था ©dharmendra kumar yadav

#शायरी  White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

17 Love

जब मैंने माँगा सुकूँ खुश दिखने को तो माँगा कलम ने दर्द लिखने को अब फर्क नहीं पड़ता ख़ुशी हो ग़म वास्ते कलम मजबूर हूँ मैं झुकने को वो नज़र करें तो महक जायें हर्फ़ मेरे कहीं और कहाँ राजी मर मिटने को गुथ लिया ख़ुद हार-ए-ग़ज़ल हो गये अब तैयार हैं सरे बाजार बिकने को लिफाफा खोला तो पैगाम लिखा था हम हाजिर तेरे इशारों पे चलने को ©अज्ञात

#तमन्ना #शायरी  जब मैंने माँगा सुकूँ खुश दिखने को 
तो माँगा कलम ने दर्द लिखने को 

अब फर्क नहीं पड़ता ख़ुशी हो ग़म 
वास्ते कलम मजबूर हूँ मैं झुकने को 

वो नज़र करें तो महक जायें हर्फ़ मेरे 
कहीं और कहाँ राजी मर मिटने को 

गुथ लिया ख़ुद हार-ए-ग़ज़ल हो गये 
अब तैयार हैं सरे बाजार बिकने को 

लिफाफा खोला तो पैगाम लिखा था 
हम हाजिर तेरे इशारों पे चलने को

©अज्ञात

#तमन्ना-हर्फ़

14 Love

White हसरतों का दौर है , तमन्नाओं से दिल खेल रहा है। करनी हैं कुछ ख्वाहिशें पूरी, हालातों को दिल सह रहा ..!! @ वकील साहब ✍️ ©love you zindagi

#हालात_ए_जिंदगी #तमन्ना #Sad_Status #wakt #SAD  White हसरतों का दौर है ,
तमन्नाओं से दिल खेल रहा है।
करनी हैं कुछ ख्वाहिशें पूरी, 
हालातों को दिल सह रहा ..!!

@ वकील साहब ✍️

©love you zindagi
#good_night #Quotes  White 
जीना हैं अकेले फिर भी लोगों के पीछे दुख के मेले हैं 
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों हम अब भी अकेले हैं 
जलते हैं अकेले ही यादों के दरिया में भी बुझती नहीं वो आग  
तफ़्दिशे जलन भी झेले हैं
किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों मगर और भी अकेले हैं

नसीब का लिखा वो ही जाने तक़दीर का दिया हुआ
 दर्द_ए _नसीब हम ने भी झेले है 
अब इस के बाद न जाने नसीब में क्या है
 ना आओ साथ हमारे जिंदगी में हमारे बहुत झमेले हैं

ना याद आते अब वो लम्हे ना याद आते हो तुम कभी
 इस कदर मेरे सफ़र में ओ मुसाफ़िर 
कि अब  तन्हाई इस कदर मेरी यादों में घुल गई कि 
ना अब कोई मिलता ना अब कभी बिछड़ता 
शायद अब हम अपने आप से भी नहीं मिलते कि 
अब हम अपने ध्यान से उतरे हुए से आसुओं के रेले हैं

के ना अब कभी कहना मुझसे कि साथ चलने को 
तुम्हारे हम अपना सब कुछ छोड़ चलते हैं 
अब ना  मिलेंगे हम ना वो हमारी मोहब्बत 
मिलेंगे तो सिर्फ हम और हमारी तन्हाई जिसको दिया तुमने 
और हमने वो जख्म सदियों से झेले है 

फिर ये खेल ना खेलो हमारे साथ समझ जरा ज़ख्मी हु 
और टूटे हुए इस कदर की फ़िर ना जुड़ सकू दोबारा 

जो खेल लोगों ने सदियों से खेले हैं मत आजमा ए ज़ालिम
 कि आवाज़ तक नहीं आएगी मेरे दर्द कि हम 
अब अकेले बहुत अकेले हैं

©Sonuzwrites

#good_night ग़ज़ल ✍️

126 View

मत देना एक ग़ज़ल

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#कविता  White मैंने तो हर वक्त  एक ही  तमन्ना क़ी है 
कि ज़ुल्फ़े तुम्हारी सदैव सज़ी रहे  और मांग तुम्हारी भरी रहे 

और यही है बे बाते मेरे दिल क़ी जिनका अहसास मैं तुम्हे कराना .चाहता हू

©Parasram Arora

तमन्ना

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