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New javed akhtar poetry in hindi Status, Photo, Video

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Jai Shri Ram पहुँचे गुरुकुल चारों भाई। गुरु माता ने लाड लगाई।। कठिन नहीं जब हो अनुशासन। संभव कैसे तब हो शासन।। विचार गुरु यह माँ से बोले। महत्व अनुशासन का तौले। ©Bharat Bhushan pathak

#jaishriram  Jai Shri Ram पहुँचे गुरुकुल चारों भाई।
गुरु माता ने लाड लगाई।।
कठिन नहीं जब हो अनुशासन।
संभव कैसे तब हो शासन।।
विचार गुरु यह माँ से बोले।
महत्व अनुशासन का तौले।

©Bharat Bhushan pathak

#jaishriram poetry quotes hindi poetry love poetry in hindi poetry in hindi

15 Love

White dil ke alfaaz...... ©Sharma Sharma g

 White dil ke alfaaz......

©Sharma Sharma g

love poetry in hindi urdu poetry hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi

14 Love

White कुदरत ने भी क्या अनोखी रात बनाई है अंधेरी रात भी उसने सितारों से सजाई है ©M Diwakar

 White कुदरत ने भी क्या अनोखी रात बनाई है
अंधेरी रात भी उसने सितारों से सजाई है

©M Diwakar

love poetry in hindi hindi poetry poetry quotes poetry in hindi hindi poetry on life

6 Love

Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep

#library  Unsplash एक खामोशी जब.
गहरी अता हो... 
जिस्म मिटे... 
रूह खुदा हो... 

ये  शोरत,नाम ,मुकाम सभी... 
मिट्टी, मिट्टी...
या फिर धुआ, धुआ हो.. 

होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... 
ज़मीन पे तेरे होने पर... 
आखरी नींद तेरे सोने पर.

©Anudeep

#library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry

19 Love

जीवन सजीव,सुखद गतिशील,क्रियाशील,दीर्घायु प्राणयुक्त,जीवनरेखा,जीवनपर्यंत,चेतनापूर्ण व्यतीत,समर्पित,संघर्षी जीवंत,सुखमय प्राण। मृत्यु भयावह,विकराल मारक,नाशक,नष्टकर अंत,विराम,काल हंता,अवरोधक,प्राणांत,निधन दमघोंटू,दुखद मौत। ©Bharat Bhushan pathak

 जीवन
सजीव,सुखद
गतिशील,क्रियाशील,दीर्घायु
प्राणयुक्त,जीवनरेखा,जीवनपर्यंत,चेतनापूर्ण
व्यतीत,समर्पित,संघर्षी
जीवंत,सुखमय
प्राण।

मृत्यु
भयावह,विकराल
मारक,नाशक,नष्टकर
अंत,विराम,काल
हंता,अवरोधक,प्राणांत,निधन
दमघोंटू,दुखद
मौत।

©Bharat Bhushan pathak

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17 Love

खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak

 खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी।
हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।।
दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम।
रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।।
सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा।
रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।।
सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है।
सो सकूँगा अभी जी भर कर,  बस ये शुरुआत हुई है।
ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता।
दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।।

©Bharat Bhushan pathak

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11 Love

Jai Shri Ram पहुँचे गुरुकुल चारों भाई। गुरु माता ने लाड लगाई।। कठिन नहीं जब हो अनुशासन। संभव कैसे तब हो शासन।। विचार गुरु यह माँ से बोले। महत्व अनुशासन का तौले। ©Bharat Bhushan pathak

#jaishriram  Jai Shri Ram पहुँचे गुरुकुल चारों भाई।
गुरु माता ने लाड लगाई।।
कठिन नहीं जब हो अनुशासन।
संभव कैसे तब हो शासन।।
विचार गुरु यह माँ से बोले।
महत्व अनुशासन का तौले।

©Bharat Bhushan pathak

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15 Love

White dil ke alfaaz...... ©Sharma Sharma g

 White dil ke alfaaz......

©Sharma Sharma g

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14 Love

White कुदरत ने भी क्या अनोखी रात बनाई है अंधेरी रात भी उसने सितारों से सजाई है ©M Diwakar

 White कुदरत ने भी क्या अनोखी रात बनाई है
अंधेरी रात भी उसने सितारों से सजाई है

©M Diwakar

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6 Love

Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep

#library  Unsplash एक खामोशी जब.
गहरी अता हो... 
जिस्म मिटे... 
रूह खुदा हो... 

ये  शोरत,नाम ,मुकाम सभी... 
मिट्टी, मिट्टी...
या फिर धुआ, धुआ हो.. 

होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... 
ज़मीन पे तेरे होने पर... 
आखरी नींद तेरे सोने पर.

©Anudeep

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जीवन सजीव,सुखद गतिशील,क्रियाशील,दीर्घायु प्राणयुक्त,जीवनरेखा,जीवनपर्यंत,चेतनापूर्ण व्यतीत,समर्पित,संघर्षी जीवंत,सुखमय प्राण। मृत्यु भयावह,विकराल मारक,नाशक,नष्टकर अंत,विराम,काल हंता,अवरोधक,प्राणांत,निधन दमघोंटू,दुखद मौत। ©Bharat Bhushan pathak

 जीवन
सजीव,सुखद
गतिशील,क्रियाशील,दीर्घायु
प्राणयुक्त,जीवनरेखा,जीवनपर्यंत,चेतनापूर्ण
व्यतीत,समर्पित,संघर्षी
जीवंत,सुखमय
प्राण।

मृत्यु
भयावह,विकराल
मारक,नाशक,नष्टकर
अंत,विराम,काल
हंता,अवरोधक,प्राणांत,निधन
दमघोंटू,दुखद
मौत।

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खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak

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हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।।
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रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।।
सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा।
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सो सकूँगा अभी जी भर कर,  बस ये शुरुआत हुई है।
ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता।
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©Bharat Bhushan pathak

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