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White वियोग की. पीड़ा से छटपटाती प्रेयसी का दर्द केवल बो चांदनी समझ सकती है क्योंकि उस पीड़ा से वो हर माह गुज़रती है जब चाँद से बिछड़ कर उसे अंधेरो मे अकेला रहना पड़ता है अँधेरी रातो मे कई बार वो रोती है बिलखती है और तकलीफ उसकी तब और भी बढ़ जाती है ये सोच कर कि "ज़ब मै अँधेरों मे रहती हूँ तोंमेरा चाँद कहा चला जाता है और किसके साथ रातें बिताता है" ©Parasram Arora

#SAD  White  वियोग की. पीड़ा से 
छटपटाती प्रेयसी  का दर्द 
केवल बो चांदनी समझ सकती  है

क्योंकि उस पीड़ा से 
वो हर माह गुज़रती है 

जब चाँद से बिछड़ 
कर  उसे अंधेरो मे 
अकेला रहना पड़ता है 
अँधेरी रातो मे

कई बार वो रोती है
बिलखती है और तकलीफ 
उसकी तब और भी 
बढ़ जाती है ये सोच कर कि
"ज़ब मै अँधेरों मे रहती हूँ 
तोंमेरा चाँद
 कहा चला जाता है 
और किसके साथ 
रातें बिताता है"

©Parasram Arora

वियोग क़ी पीड़ा

12 Love

White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।। मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी। सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी। कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।। जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता। तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था। वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#शायरी #good_night  White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, 
वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। 
बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। 
समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।।

मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी।
सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी।
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। 
खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।।

जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता।
तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। 
मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था।
वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night श्रृंगार

14 Love

जाते—जाते वो चले ही गए हमसे भी उनको ना रोका गया। जाते—जाते ना उन्होंने कुछ कहा हमसे भी उनको ना टोका गया। बंध गए आज वो परिणय सूत्र में तोड़ कर हमसे बंधन सभी। गए आज वो संग किसी और के उनके साथ उनका ही धोखा गया। ©Kulwant singh

#कविता #lonely  जाते—जाते  वो चले ही गए
हमसे भी उनको ना रोका गया।
जाते—जाते ना उन्होंने कुछ कहा
हमसे भी उनको ना टोका गया।
बंध गए आज वो परिणय सूत्र में
तोड़ कर हमसे बंधन सभी।
 गए आज वो संग किसी और के
उनके साथ उनका ही धोखा गया।

©Kulwant singh

#lonely वियोग

12 Love

White वियोग की. पीड़ा से छटपटाती प्रेयसी का दर्द केवल बो चांदनी समझ सकती है क्योंकि उस पीड़ा से वो हर माह गुज़रती है जब चाँद से बिछड़ कर उसे अंधेरो मे अकेला रहना पड़ता है अँधेरी रातो मे कई बार वो रोती है बिलखती है और तकलीफ उसकी तब और भी बढ़ जाती है ये सोच कर कि "ज़ब मै अँधेरों मे रहती हूँ तोंमेरा चाँद कहा चला जाता है और किसके साथ रातें बिताता है" ©Parasram Arora

#SAD  White  वियोग की. पीड़ा से 
छटपटाती प्रेयसी  का दर्द 
केवल बो चांदनी समझ सकती  है

क्योंकि उस पीड़ा से 
वो हर माह गुज़रती है 

जब चाँद से बिछड़ 
कर  उसे अंधेरो मे 
अकेला रहना पड़ता है 
अँधेरी रातो मे

कई बार वो रोती है
बिलखती है और तकलीफ 
उसकी तब और भी 
बढ़ जाती है ये सोच कर कि
"ज़ब मै अँधेरों मे रहती हूँ 
तोंमेरा चाँद
 कहा चला जाता है 
और किसके साथ 
रातें बिताता है"

©Parasram Arora

वियोग क़ी पीड़ा

12 Love

White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।। मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी। सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी। कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।। जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता। तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था। वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#शायरी #good_night  White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, 
वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। 
बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। 
समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।।

मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी।
सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी।
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। 
खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।।

जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता।
तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। 
मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था।
वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night श्रृंगार

14 Love

जाते—जाते वो चले ही गए हमसे भी उनको ना रोका गया। जाते—जाते ना उन्होंने कुछ कहा हमसे भी उनको ना टोका गया। बंध गए आज वो परिणय सूत्र में तोड़ कर हमसे बंधन सभी। गए आज वो संग किसी और के उनके साथ उनका ही धोखा गया। ©Kulwant singh

#कविता #lonely  जाते—जाते  वो चले ही गए
हमसे भी उनको ना रोका गया।
जाते—जाते ना उन्होंने कुछ कहा
हमसे भी उनको ना टोका गया।
बंध गए आज वो परिणय सूत्र में
तोड़ कर हमसे बंधन सभी।
 गए आज वो संग किसी और के
उनके साथ उनका ही धोखा गया।

©Kulwant singh

#lonely वियोग

12 Love

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