शुभम मिश्र बेलौरा

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White आज का दिन याद  है , उनके लिए मशहूर है, प्राण  देना  देश  के ख़ातिर  जिन्हें मंजूर है।।       ✨️14 फरवरी✨️ जो सदी से, जो सदी तक, हिन्द पर कुर्बान हैं, उन शहीदों की वजह से हिन्दुस्तान महान है।         ✨️14 फरवरी✨️ पुलवामा की हैवानियत पर, देश पूरा था विवश, उसके पश्चाताप में अब, मन रहा काला दिवस। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #sad_quotes  White आज का दिन याद  है , उनके लिए मशहूर है,
प्राण  देना  देश  के ख़ातिर  जिन्हें मंजूर है।।
      ✨️14 फरवरी✨️
जो सदी से, जो सदी तक, हिन्द पर कुर्बान हैं,
उन शहीदों की वजह से हिन्दुस्तान महान है।
        ✨️14 फरवरी✨️
पुलवामा की हैवानियत पर, देश पूरा था विवश,
उसके पश्चाताप में अब, मन रहा काला दिवस।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#sad_quotes 14

15 Love

White आज का दिन याद है , उनके लिए मशहूर है, प्राण देना देश के ख़ातिर जिन्हें मंजूर है।। ✨️ 14 फरवरी✨️ जो सदी से, जो सदी तक, हिन्द पर कुर्बान हैं, उन शहीदों की वजह से हिन्दुस्तान महान है। ✨️14 फरवरी✨️ पुलवामा की हैवानियत पर देश पूरा था विवश, उसके पश्चाताप में ही मन रहा काला दिवस। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #sad_quotes  White आज का दिन याद  है , उनके लिए मशहूर है,
प्राण  देना  देश  के ख़ातिर  जिन्हें मंजूर है।।
                    ✨️ 14 फरवरी✨️                   
जो सदी से, जो सदी तक, हिन्द पर कुर्बान हैं,
उन शहीदों की वजह से हिन्दुस्तान महान है।
                     ✨️14 फरवरी✨️                  
पुलवामा की हैवानियत पर देश पूरा था विवश,
उसके पश्चाताप में ही मन रहा काला दिवस।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#sad_quotes 14

15 Love

White नहाना तेरा पानी में..... कि जैसे कयामत से आई हुई हो कि जैसे नजारा कोई जादुई हो जमाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में.. वो तेरा नदी में उतरना झिझकना तेरा जिस्म छूके नदी का महकना वो होंठों से पानी गुलाबी बनाना सभी मछलियों को शराबी बनाना कलम लिख न पाई ये कैसे बतायें अरे बाप रे जान लेवा अदाएं दिखाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... वो सर से तेरा बांधना ओढ़नी को लगा जैसे बांधा हो सारी नदी को हंसी चांद बादल के आगोश में था तुम्हें देख कोई कहां होश में था अरे जागते जागते सो गया था तुम्हें देख कर इस तरह खो गया था दिवाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में..... वो पानी से अठखेलियां और मस्ती कि जैसे विखरने लगी मेरी हस्ती लगा तन वदन सारा जल जायेगा ये अभी बर्फ सा दिल पिघल जाएगा ये दुपट्टे का तेरे बदन से लिपटना मुझे देख कर तेरा खुद में सिमटना लजाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #Thinking  White नहाना तेरा पानी में.....
कि जैसे कयामत से आई हुई हो
कि जैसे नजारा कोई जादुई हो 
जमाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में.. 
वो तेरा नदी में उतरना झिझकना 
तेरा जिस्म छूके नदी का महकना
वो होंठों से पानी गुलाबी बनाना 
सभी मछलियों को शराबी बनाना
कलम लिख न पाई ये कैसे बतायें 
अरे बाप रे जान लेवा अदाएं 
दिखाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में...
वो सर से तेरा बांधना ओढ़नी को 
लगा जैसे बांधा हो सारी नदी को
हंसी चांद बादल के आगोश में था
तुम्हें देख कोई कहां होश में था 
अरे जागते जागते सो गया था 
तुम्हें देख कर इस तरह खो गया था
दिवाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में..... 
वो पानी से अठखेलियां और मस्ती 
कि जैसे विखरने लगी मेरी हस्ती 
लगा तन वदन सारा जल जायेगा ये 
अभी बर्फ सा दिल पिघल जाएगा ये 
दुपट्टे का तेरे बदन से लिपटना 
मुझे देख कर तेरा खुद में सिमटना 
लजाना तेरा पानी में 
नहाना तेरा पानी में...

©शुभम मिश्र बेलौरा

#Thinking bathing

11 Love

White छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है। फूल से बचपन को अपने खंडहर बनवाने जाना है। छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।। छत से टपके बूंद और ढेहरी खाली खड़ी हुई है, शादी की करनी तैयारी बहनें मेरी बड़ी हुई हैं। बापू की बढ़ती सांसें बिन बोले ही सब कहती हैं, कड़क ठंड में फटी हुुई धोती में अम्मा जब रहती हैं। उन्हीं सिकुड़ती खालों पर अचकन डलवाने जाना है, छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।। गांवों के संगी साथी यारों की दुनिया छूट गयी, भरी लालिमा से दादी की दूध की मटकी फूट गयी। छोटी सी बहना मेरी किससे लड़कर सोती होगी, राह देखकर जानें कितनें कितनें घंटे रोती होगी। उसके छोटे हांथों को, कंगन दिलवाने जाना है, छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #Thinking  White छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।
फूल से बचपन को अपने खंडहर बनवाने जाना है।
छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।।

छत से टपके बूंद और ढेहरी खाली खड़ी हुई है,
शादी की करनी तैयारी बहनें मेरी बड़ी हुई हैं।
बापू की बढ़ती सांसें बिन बोले ही सब कहती हैं,
कड़क ठंड में फटी हुुई धोती में अम्मा जब रहती हैं।
उन्हीं सिकुड़ती खालों पर अचकन डलवाने जाना है,
छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।।

गांवों के संगी साथी यारों की दुनिया छूट गयी, 
भरी लालिमा से दादी की दूध की मटकी फूट गयी। 
छोटी सी बहना मेरी किससे लड़कर सोती होगी,
राह देखकर जानें कितनें कितनें घंटे रोती होगी।
उसके छोटे हांथों को, कंगन दिलवाने जाना है,
छोड़ें घर ,बढ़ी उमर, अब हमें कमाने जाना है।।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#Thinking कमाना

17 Love

White समय जब भागता है रात गहरी होने लगती है। तब उसके याद की सम्मा सुनहरी होने लगती है। मेरी पलकों पर उसके ख्वाब उगने लगते हैं जैसे, अजब खुशबू से तर मेरी मशहरी होने लगती है। मैं उठकर बैठता हूं और कलम कागज उठाता हूँ। मैं उस कागज पर अपने ख्वाब का चेहरा बनाता हूँ। उजाले चुभने लगते हैं मेरी आंखों में कमरे के, कलम को चूमता हूं और चरागों को बुझाता हूँ। मेरी यादों की उठती इस भंवर में साथ रहती है। कोई मासूम सी लड़की सफर में साथ रहती है। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #love_shayari  White समय जब भागता है रात गहरी होने लगती है।
तब उसके याद की सम्मा सुनहरी होने लगती है। 
मेरी पलकों पर उसके ख्वाब उगने लगते हैं जैसे,
अजब खुशबू से तर मेरी  मशहरी होने लगती है।

मैं उठकर बैठता हूं और कलम कागज उठाता हूँ। 
मैं उस कागज पर अपने ख्वाब का चेहरा बनाता हूँ।
उजाले चुभने लगते हैं मेरी आंखों में कमरे के,
कलम को चूमता हूं और चरागों को बुझाता हूँ। 

मेरी यादों की उठती इस भंवर में साथ रहती है।
कोई मासूम सी लड़की सफर में साथ रहती है।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#love_shayari love

13 Love

White नहाना तेरा पानी में..... कि जैसे कयामत से आई हुई हो कि जैसे नजारा कोई जादुई हो जमाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में.. वो तेरा नदी में उतरना झिझकना तेरा जिस्म छूके नदी का महकना वो होंठों से पानी गुलाबी बनाना सभी मछलियों को शराबी बनाना कलम लिख न पाई ये कैसे बतायें अरे बाप रे जान लेवा अदाएं दिखाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... वो सर से तेरा बांधना ओढ़नी को लगा जैसे बांधा हो सारी नदी को हंसी चांद बादल के आगोश में था तुम्हें देख कोई कहां होश में था अरे जागते जागते सो गया था तुम्हें देख कर इस तरह खो गया था दिवाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में..... वो पानी से अठखेलियां और मस्ती कि जैसे विखरने लगी मेरी हस्ती लगा तन वदन सारा जल जायेगा ये अभी बर्फ सा दिल पिघल जाएगा ये दुपट्टे का तेरे बदन से लिपटना मुझे देख कर तेरा खुद में सिमटना लजाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #Sad_Status  White नहाना तेरा पानी में.....
कि जैसे कयामत से आई हुई हो
कि जैसे नजारा कोई जादुई हो
जमाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में..
वो तेरा नदी में उतरना झिझकना 
तेरा जिस्म छूके नदी का महकना
वो होंठों से पानी गुलाबी बनाना
सभी मछलियों को शराबी बनाना
कलम लिख न पाई ये कैसे बतायें
अरे बाप रे जान लेवा अदाएं
दिखाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में...
वो सर से तेरा बांधना ओढ़नी को
लगा जैसे बांधा हो सारी नदी को
हंसी चांद बादल के आगोश में था 
तुम्हें देख कोई कहां होश में था
अरे जागते जागते सो गया था
तुम्हें देख कर इस तरह खो गया था 
दिवाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में.....
वो पानी से अठखेलियां और मस्ती 
कि जैसे विखरने लगी मेरी हस्ती
लगा तन वदन सारा जल जायेगा ये 
अभी बर्फ सा दिल पिघल जाएगा ये 
दुपट्टे का तेरे बदन से लिपटना
मुझे देख कर तेरा खुद में सिमटना 
लजाना तेरा पानी में
नहाना तेरा पानी में...

©शुभम मिश्र बेलौरा

#Sad_Status नहाना तेरा पानी में

14 Love

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