शुभम मिश्र बेलौरा

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White Good morning से आती सुबह और Good evening से जाती शाम, धीरे-2 हो रहा हूँ फिर से अंग्रेजियत का गुलाम। अपनी परम्पराओं पर शर्मिंदगी जताई जा रही, ये अनपढ़ों की भाषा है, हिन्दी बताई जा रही। उसी का दर्द उसकी निराशा खोलना चाहता हूँ, सुुनो,मैं अपने गांव की भाषा बोलना चाहता हूँ।। ये पश्चिम तेरी हर चालाकी मैं पहचान जाता हूँ, क्या,क्यूं और कब कर रहे, सब जान जाता हूँ। अफसोस! सब जानकर भी सच्चाई से कोसों दूर हूँ, मैं भी नौकर बनने, नौकरी करने पर मजबूर हूँ। शक्कर नहीं है शरबत मे बताशा घोलना चाहता हूँ, सुुनो,मैं अपने गांव की भाषा बोलना चाहता हूं।। प्रेम की गहराई को बस काम बनाना सिखाया, सुन्दरता के नाम पर अश्लीलता नग्नता दिखाया। हां! तुम जो जो चाहते थे वो सब खाने लगे हैं, आधुनिकता की आग में खुद को जलाने लगे हैं। तुम्हारी जीत अपनी हताशा तौलना चाहता हूँ, सुुनो,मैं अपने गांव की भाषा बोलना चाहता हूं।। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#कविता #good_night  White Good morning से आती सुबह और Good evening से जाती शाम, 
धीरे-2 हो रहा हूँ  फिर से अंग्रेजियत का गुलाम।
अपनी परम्पराओं पर शर्मिंदगी जताई जा रही,
ये अनपढ़ों की भाषा है, हिन्दी बताई जा रही।
उसी का दर्द उसकी निराशा खोलना चाहता हूँ,
सुुनो,मैं अपने गांव की भाषा बोलना चाहता हूँ।।

ये पश्चिम तेरी हर चालाकी मैं पहचान जाता हूँ,
क्या,क्यूं और कब कर रहे, सब जान जाता हूँ।
अफसोस! सब जानकर भी सच्चाई से कोसों दूर हूँ,
मैं भी नौकर बनने, नौकरी करने पर मजबूर हूँ। 
शक्कर नहीं है शरबत मे बताशा घोलना चाहता हूँ, 
सुुनो,मैं अपने गांव की भाषा बोलना चाहता हूं।।

प्रेम की गहराई को बस काम बनाना सिखाया,
सुन्दरता के नाम पर अश्लीलता नग्नता दिखाया।
हां! तुम जो जो चाहते थे वो सब खाने लगे हैं,
आधुनिकता की आग में खुद को जलाने लगे हैं।
तुम्हारी जीत अपनी हताशा तौलना चाहता हूँ,
सुुनो,मैं अपने गांव की भाषा बोलना चाहता हूं।।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night English vs Hindi

9 Love

White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।। मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी। सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी। कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।। जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता। तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था। वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#शायरी #good_night  White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, 
वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। 
बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। 
समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।।

मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी।
सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी।
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। 
खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।।

जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता।
तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। 
मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था।
वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night श्रृंगार

14 Love

White किसी की याद के आंसू किसी के गम की रातें हैं। बताऊं क्या तुम्हें हर बार? ये चाहत की बातें हैं। लगी लम्बी कतारें कुछ दिनों से पास में मेरे, तुम्हारी याद जब आती सभी को भूल जाते हैं। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#शायरी #sad_quotes  White किसी की याद के आंसू किसी के गम की रातें हैं।
बताऊं क्या तुम्हें हर बार? ये चाहत की बातें हैं।
लगी लम्बी कतारें कुछ दिनों से पास में मेरे,
तुम्हारी याद जब आती सभी को भूल जाते हैं।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#sad_quotes प्यार

13 Love

White भले किरदार कुछ भी हो ,सदा हल्का दिखूंगा मैं। बड़ी औकात मत लाना,नहीं उसमें बिकूंगा मैं। बहुत दुनिया में घूमूंगा , रहूंगा मैं कहीं पर भी पसंद पूछोगे मेरी तो,सदा तिलका लिखूंगा मैं। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#शायरी #good_night  White भले किरदार कुछ भी हो ,सदा हल्का दिखूंगा मैं।
बड़ी औकात मत लाना,नहीं उसमें बिकूंगा मैं।
बहुत दुनिया में घूमूंगा , रहूंगा मैं कहीं पर भी
पसंद पूछोगे मेरी तो,सदा तिलका लिखूंगा मैं।

©शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night गांव

14 Love

White खुदा तेरी सबसे बड़ी ये खुदाई, दुनिया में तूने जो मां है बनाई। वो रिश्ते सारे अकेले निभाती, शिकन देख चेहरे का सब जान जाती। मुझे देखकर एक दिन मुझसे बोली, छिपाया जो उनसे वही राज खोली। बीमारी में जब से बदहाल हूं मैं, तेरी झुर्रियां देख बेहाल हूं मैं। अकेले तू मुझसे छिप-छिपके रोता, मुझे देखकर क्यूं परेशान होता। मेरे हाथों को चूमीं और समझायीं, न होगा मुझे कुछ,ये मुझसे बताईं। कहा मैं नहीं मां मैं रोया नहीं हूं, कल रात से बस मैं सोया नहीं हूं। ये सुनते ही बस, एक थपकी लगाई रोती हुई फिर गले से लगाई बहुत झूठ बोलता ,बहाने बनाता बड़ा हो गया!अब मां को समझाता। गले लगके उनसे रोने लगा मैं, आंसू से आंचल भिगोने लगा मैं। कहा बिन तुम्हारे कहां जाउंगा मैं, बिना अपनी मां के न जी पाउंगा मैं। ©Shubham Mishra

#कविता #sad_quotes  White खुदा तेरी सबसे बड़ी ये खुदाई, 
दुनिया में तूने जो मां है बनाई।
वो रिश्ते सारे अकेले निभाती,
शिकन देख चेहरे का सब जान जाती।
मुझे देखकर एक दिन मुझसे बोली,
छिपाया जो उनसे वही राज खोली।
बीमारी में जब से बदहाल हूं मैं,
तेरी झुर्रियां देख बेहाल हूं मैं।
अकेले तू मुझसे छिप-छिपके रोता,
मुझे देखकर क्यूं परेशान होता।
मेरे हाथों को चूमीं और समझायीं,
न होगा मुझे कुछ,ये मुझसे बताईं।
कहा मैं नहीं मां मैं रोया नहीं हूं,
कल रात से बस मैं सोया नहीं हूं।
ये सुनते ही बस, एक थपकी लगाई
रोती हुई फिर गले से लगाई
बहुत झूठ बोलता ,बहाने बनाता 
बड़ा हो गया!अब मां को समझाता।
गले लगके उनसे रोने लगा मैं,
आंसू से आंचल भिगोने लगा मैं।
कहा बिन तुम्हारे कहां जाउंगा मैं,
बिना अपनी मां के न जी पाउंगा मैं।

©Shubham Mishra

#sad_quotes मां

14 Love

White क्या प्रेम जताने के ख़ातिर, इक लम्बा ख़त देना होगा। या गुच्छे फूलों के लेकर, चौराहे पर मिलना होगा। उपहारों के सेज सजाकर, तुम्हें सुलाना ही होगा। क्या रात दोपहरी में लाकर, वो वीयर पिलाना ही होगा। यदि प्रेम इसी को कहते हैं, तो प्रेम नहीं कर पाउंगा। ये सब करने से अच्छा है, मैं प्रेम बिना मर जाउंगा। ©Shubham Mishra

#कविता #love_shayari  White क्या प्रेम जताने के ख़ातिर,
इक लम्बा ख़त देना होगा।
या गुच्छे फूलों के लेकर,
चौराहे पर मिलना होगा।
उपहारों के सेज सजाकर, 
तुम्हें सुलाना ही होगा।
क्या रात दोपहरी में लाकर,
वो वीयर पिलाना ही होगा।
यदि प्रेम इसी को कहते हैं,
तो प्रेम नहीं कर पाउंगा।
ये सब करने से अच्छा है,
मैं प्रेम बिना मर जाउंगा।

©Shubham Mishra

#love_shayari love

13 Love

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