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जिंदगी हसीं है इससे प्यार करो, अभी है रात तो सुबह का इंतजार करो, वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको, रब पर रखो भरोसा वक्त पर एतबार करो। ©Dumu Goud

#Motivational  जिंदगी हसीं है 
इससे प्यार करो,
अभी है रात तो
 सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा 
जिसकी
 ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो 
भरोसा वक्त पर एतबार करो।

©Dumu Goud

जिंदगी हसीं है इससे प्यार करो, अभी है रात तो सुबह का इंतजार करो, #

13 Love

चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है, दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है? कह न पाया, आंखों का ये हाल, मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल। हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती, भीतर के आँसू हवाओं में बहती। ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें, उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें। सवालों के घेरे, जवाबों का डर, दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर। हंसी के सुरों में रुदन की कहानी, हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी। चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी, क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली? दिल ने बस धीरे से इतना बताया, "मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।" ©Jitendra Giri Goswami

#NojotoWritingPrompt #शायरी #sadness  चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है,
दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है?
कह न पाया, आंखों का ये हाल,
मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल।

हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती,
भीतर के आँसू हवाओं में बहती।
ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें,
उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें।

सवालों के घेरे, जवाबों का डर,
दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर।
हंसी के सुरों में रुदन की कहानी,
हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी।

चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी,
क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली?
दिल ने बस धीरे से इतना बताया,
"मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।"

©Jitendra Giri Goswami

रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'

8 Love

White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha

#Sad_Status #रात  White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha

#Sad_Status #रात  White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha

ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश, कैसा लगता है। हमें तो बादलों से झांकता चांद , अच्छा लगता हैं।। ©Tej Pratap

#शायरी #चांद #रात #Quote  ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश,
कैसा लगता है।
हमें तो बादलों से झांकता चांद ,
अच्छा लगता हैं।।

©Tej Pratap

उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा, खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे। चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई, सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे। वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया, रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे। उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला, हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे। नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया, हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे। वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है, धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे। उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर, फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #रात  उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा,
खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे।

चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई,
सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे।

वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया,
रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे।

उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला,
हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे।

नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया,
हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे।

वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है,
धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे।

उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर,
फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे।

©नवनीत ठाकुर

#रात में महताब

14 Love

जिंदगी हसीं है इससे प्यार करो, अभी है रात तो सुबह का इंतजार करो, वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको, रब पर रखो भरोसा वक्त पर एतबार करो। ©Dumu Goud

#Motivational  जिंदगी हसीं है 
इससे प्यार करो,
अभी है रात तो
 सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा 
जिसकी
 ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो 
भरोसा वक्त पर एतबार करो।

©Dumu Goud

जिंदगी हसीं है इससे प्यार करो, अभी है रात तो सुबह का इंतजार करो, #

13 Love

चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है, दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है? कह न पाया, आंखों का ये हाल, मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल। हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती, भीतर के आँसू हवाओं में बहती। ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें, उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें। सवालों के घेरे, जवाबों का डर, दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर। हंसी के सुरों में रुदन की कहानी, हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी। चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी, क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली? दिल ने बस धीरे से इतना बताया, "मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।" ©Jitendra Giri Goswami

#NojotoWritingPrompt #शायरी #sadness  चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है,
दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है?
कह न पाया, आंखों का ये हाल,
मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल।

हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती,
भीतर के आँसू हवाओं में बहती।
ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें,
उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें।

सवालों के घेरे, जवाबों का डर,
दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर।
हंसी के सुरों में रुदन की कहानी,
हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी।

चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी,
क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली?
दिल ने बस धीरे से इतना बताया,
"मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।"

©Jitendra Giri Goswami

रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'

8 Love

White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha

#Sad_Status #रात  White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha

#Sad_Status #रात  White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha

ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश, कैसा लगता है। हमें तो बादलों से झांकता चांद , अच्छा लगता हैं।। ©Tej Pratap

#शायरी #चांद #रात #Quote  ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश,
कैसा लगता है।
हमें तो बादलों से झांकता चांद ,
अच्छा लगता हैं।।

©Tej Pratap

उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा, खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे। चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई, सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे। वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया, रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे। उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला, हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे। नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया, हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे। वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है, धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे। उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर, फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #रात  उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा,
खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे।

चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई,
सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे।

वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया,
रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे।

उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला,
हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे।

नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया,
हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे।

वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है,
धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे।

उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर,
फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे।

©नवनीत ठाकुर

#रात में महताब

14 Love

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