White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।
सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।
बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।
एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।
©Avinash Jha
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