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New अपराध का पर्यायवाची Status, Photo, Video

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Unsplash अपराध बोध से ग्रसित है ये. स्वछंद हवाएं बिना बताये चुपके चुपके आकर मेरी सांसे चुरा कर किसी और को बेच देती है और कही और से किसी और क़ी साँसे चुरा कर मुझे दे जाती है ©Parasram Arora

 Unsplash अपराध बोध 
से ग्रसित है ये.
स्वछंद हवाएं 

 बिना बताये 
चुपके चुपके 
आकर  मेरी सांसे 
चुरा कर 

किसी और को 
 बेच  देती है 
और कही और 
से किसी और क़ी 
साँसे चुरा कर 
मुझे  दे  जाती है

©Parasram Arora

अपराध बोधसे ग्रसित

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

15 Love

#Videos

दियरा का राजा का महल

144 View

White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया, सांसों की मोहलत खरीदने के लिए ।।।।।।।।। अफसोस,, समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला, एक कतरा सांस के लिए ।।।।।।🥹।।।।।।। सारी किताबें लिखी पड़ी है अमर होने का वरदान मांगने वालों से । पता नहीं, अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं ।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav

#अध्यात्म #विचार #love_shayari  White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया,
सांसों की मोहलत खरीदने के लिए
।।।।।।।।।

अफसोस,,
समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला,
एक कतरा सांस के लिए
।।।।।।🥹।।।।।।।

सारी किताबें लिखी पड़ी है
अमर होने का वरदान मांगने वालों से
।
पता नहीं,
अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं
।।।।।।।।।।।

©Ram Yadav

#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म

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Unsplash अपराध बोध से ग्रसित है ये. स्वछंद हवाएं बिना बताये चुपके चुपके आकर मेरी सांसे चुरा कर किसी और को बेच देती है और कही और से किसी और क़ी साँसे चुरा कर मुझे दे जाती है ©Parasram Arora

 Unsplash अपराध बोध 
से ग्रसित है ये.
स्वछंद हवाएं 

 बिना बताये 
चुपके चुपके 
आकर  मेरी सांसे 
चुरा कर 

किसी और को 
 बेच  देती है 
और कही और 
से किसी और क़ी 
साँसे चुरा कर 
मुझे  दे  जाती है

©Parasram Arora

अपराध बोधसे ग्रसित

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

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दियरा का राजा का महल

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White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया, सांसों की मोहलत खरीदने के लिए ।।।।।।।।। अफसोस,, समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला, एक कतरा सांस के लिए ।।।।।।🥹।।।।।।। सारी किताबें लिखी पड़ी है अमर होने का वरदान मांगने वालों से । पता नहीं, अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं ।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav

#अध्यात्म #विचार #love_shayari  White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया,
सांसों की मोहलत खरीदने के लिए
।।।।।।।।।

अफसोस,,
समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला,
एक कतरा सांस के लिए
।।।।।।🥹।।।।।।।

सारी किताबें लिखी पड़ी है
अमर होने का वरदान मांगने वालों से
।
पता नहीं,
अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं
।।।।।।।।।।।

©Ram Yadav

#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म

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