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New बिश्नोई समाज की औरतें Status, Photo, Video

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White आधुनिक समाज का सच आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ, रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ। दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची, भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित। रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात, जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात। दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई, दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई। शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य, जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व। सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं, जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं। तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान, जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान। साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं, प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती। प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई, जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई। कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार, आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार। सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो, जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो। इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो, वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा। ©पूर्वार्थ

#समाज  White आधुनिक समाज का सच

आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ,
रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ।
दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची,
भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित।

रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात,
जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात।
दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई,
दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई।

शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य,
जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व।
सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं,
जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं।

तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान,
जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान।
साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं,
प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती।

प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई,
जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई।
कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार,
आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार।

सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो,
जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो।
इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो,
वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा।

©पूर्वार्थ

#समाज

17 Love

#वीडियो

अखिल भारतीय सुंडी समाज सम्मेलन की तैयारी जोरों पर l सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास l Chhattisgarh

144 View

White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। मेरा एक प्रश्न है सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर के शान से अपने परिवार में रह सकती है कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है। ©Anuj Ray

#विचार  White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की 
 बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। 
मेरा एक प्रश्न है 
सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला 
विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर 
के शान से अपने परिवार में रह सकती है 
कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है।

©Anuj Ray

# समाज के ठेकेदार"

17 Love

#विचार #दहेज

#दहेज समाज के लिए श्राप है

99 View

White 'समाज' _________ बदल रहा है आज समाज बदल रहा है रीति रिवाज, लोगों के चाल-ढाल बदले लोगों के हाव-भाव बदले। कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, कहीं थकावट कहीं रुकावट कहीं दिखती जिंदगी बनावट। समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में हम सबों का हाथ होना चाहिेए। समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां, समाज से मिटे सारी त्रुटियां। रहे कोई भले ही दुराचारी दिखलाओ उन्हें सही मार्ग समाज सही तो देश बढ़े, जब देश बढ़े,तो मान बढ़े। समाज से पहचान हमारी समाज में बसती जान हमारी, एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित। -------🌻🌻---------🌻🌻------ (स्वरचित एवं मौलिक) त्रिपुरा कौशल🏵️ ©Tripura kaushal

#कविता #समाज  White               'समाज'
             _________
बदल रहा है आज समाज 
बदल रहा है रीति रिवाज,
लोगों के चाल-ढाल बदले
लोगों के हाव-भाव  बदले। 

कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, 
कहीं थकावट कहीं रुकावट 
कहीं दिखती जिंदगी बनावट। 

समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में 
हम सबों का हाथ होना चाहिेए।

समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां,
समाज से मिटे सारी त्रुटियां।

रहे कोई भले ही दुराचारी
दिखलाओ उन्हें सही मार्ग
समाज सही तो देश बढ़े,
जब देश बढ़े,तो मान बढ़े।

समाज से पहचान हमारी
समाज में बसती जान हमारी,
एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित।

-------🌻🌻---------🌻🌻------

(स्वरचित एवं मौलिक)
   त्रिपुरा कौशल🏵️

©Tripura kaushal

#समाज

10 Love

#परिवार #usfauji #Family

भारतीय समाज की सबसे गम्भीर समस्या का समाधान #Family #परिवार #usfauji #Nojoto

198 View

White आधुनिक समाज का सच आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ, रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ। दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची, भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित। रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात, जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात। दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई, दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई। शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य, जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व। सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं, जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं। तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान, जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान। साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं, प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती। प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई, जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई। कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार, आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार। सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो, जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो। इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो, वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा। ©पूर्वार्थ

#समाज  White आधुनिक समाज का सच

आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ,
रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ।
दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची,
भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित।

रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात,
जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात।
दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई,
दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई।

शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य,
जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व।
सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं,
जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं।

तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान,
जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान।
साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं,
प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती।

प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई,
जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई।
कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार,
आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार।

सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो,
जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो।
इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो,
वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा।

©पूर्वार्थ

#समाज

17 Love

#वीडियो

अखिल भारतीय सुंडी समाज सम्मेलन की तैयारी जोरों पर l सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास l Chhattisgarh

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White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। मेरा एक प्रश्न है सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर के शान से अपने परिवार में रह सकती है कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है। ©Anuj Ray

#विचार  White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की 
 बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। 
मेरा एक प्रश्न है 
सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला 
विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर 
के शान से अपने परिवार में रह सकती है 
कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है।

©Anuj Ray

# समाज के ठेकेदार"

17 Love

#विचार #दहेज

#दहेज समाज के लिए श्राप है

99 View

White 'समाज' _________ बदल रहा है आज समाज बदल रहा है रीति रिवाज, लोगों के चाल-ढाल बदले लोगों के हाव-भाव बदले। कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, कहीं थकावट कहीं रुकावट कहीं दिखती जिंदगी बनावट। समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में हम सबों का हाथ होना चाहिेए। समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां, समाज से मिटे सारी त्रुटियां। रहे कोई भले ही दुराचारी दिखलाओ उन्हें सही मार्ग समाज सही तो देश बढ़े, जब देश बढ़े,तो मान बढ़े। समाज से पहचान हमारी समाज में बसती जान हमारी, एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित। -------🌻🌻---------🌻🌻------ (स्वरचित एवं मौलिक) त्रिपुरा कौशल🏵️ ©Tripura kaushal

#कविता #समाज  White               'समाज'
             _________
बदल रहा है आज समाज 
बदल रहा है रीति रिवाज,
लोगों के चाल-ढाल बदले
लोगों के हाव-भाव  बदले। 

कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, 
कहीं थकावट कहीं रुकावट 
कहीं दिखती जिंदगी बनावट। 

समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में 
हम सबों का हाथ होना चाहिेए।

समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां,
समाज से मिटे सारी त्रुटियां।

रहे कोई भले ही दुराचारी
दिखलाओ उन्हें सही मार्ग
समाज सही तो देश बढ़े,
जब देश बढ़े,तो मान बढ़े।

समाज से पहचान हमारी
समाज में बसती जान हमारी,
एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित।

-------🌻🌻---------🌻🌻------

(स्वरचित एवं मौलिक)
   त्रिपुरा कौशल🏵️

©Tripura kaushal

#समाज

10 Love

#परिवार #usfauji #Family

भारतीय समाज की सबसे गम्भीर समस्या का समाधान #Family #परिवार #usfauji #Nojoto

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