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White तुम्हारी यादें मेरी जां लें के जायेंगी थक गया हूँ, मुझे सुलाने यें आयेंगी.! नहीं इनसे नहीं होता है कुछ भी यहाँ बस मुझमें हलचल करके जायेंगी.!! ©Shreyansh Gaurav

#कविता #यादें #दो  White तुम्हारी यादें मेरी जां लें के जायेंगी 
थक गया हूँ, मुझे सुलाने यें आयेंगी.!

नहीं इनसे नहीं होता है कुछ भी यहाँ 
बस मुझमें हलचल करके जायेंगी.!!

©Shreyansh Gaurav

#यादें #दो शब्द

13 Love

White जीवन -मरण ,माया-मोह ,सब अपरोक्ष, मोह का क्षय हो पाये, दो दिये मोक्ष। मृत्यु -मात्र से काम न चलना, वो तो जीवन में इक पलना, पलते झूलते रहे झल ना। देह छोड़ बस सुख क्या पाऊं, जीते जी तुमको समझाऊं, मरके जो तुम तक मैं आऊं। ©BANDHETIYA OFFICIAL

#कविता #मोक्ष #GoodNight  White जीवन -मरण ,माया-मोह ,सब अपरोक्ष,
मोह का क्षय हो पाये, दो दिये मोक्ष।
मृत्यु -मात्र से काम न चलना,
वो तो जीवन में इक पलना,
पलते झूलते रहे झल ना।
देह छोड़ बस सुख क्या पाऊं,
जीते जी तुमको समझाऊं,
मरके जो तुम तक मैं आऊं।

©BANDHETIYA OFFICIAL

#GoodNight #मोक्ष दो।

17 Love

White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray

#शायरी  White  दो मुसाफ़िर "

घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, 
राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए,

खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी 
भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए।

©Anuj Ray

# दो मुसाफ़िर

14 Love

green-leaves देखते देखते जनवरी दो हो गई, एक थी क्या बुरी थी? ©BANDHETIYA OFFICIAL

#विचार #GreenLeaves  green-leaves देखते देखते जनवरी दो हो गई, एक थी क्या बुरी थी?

©BANDHETIYA OFFICIAL

#GreenLeaves दो जनवरी

11 Love

Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद मुझे मिली नहीं कितना बड़ा ये जहांन है फिर भी रहने के लिए दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी. पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं ©Parasram Arora

 Unsplash बहूत रात  जागने के बावजूद.
 एक गहरी नींद मुझे  मिली नहीं 

कितना बड़ा ये जहांन है 
फिर भी  रहने के लिए 
दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं 

खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी.
पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं

©Parasram Arora

दो गज़ जमीन

15 Love

White काफ़ी दिनों तक साथ साथ हम चलते रहे फिर एक दिन अलग हुए अब मुझे तलाश है उस जगह की जहा नदी के दोनों किनारे जा कर मिलते हो ©Parasram Arora

 White काफ़ी  दिनों तक  
साथ साथ  हम चलते 
रहे फिर एक 
दिन अलग हुए 

अब मुझे  तलाश है 
उस जगह की जहा 
नदी के दोनों किनारे
 जा कर मिलते हो

©Parasram Arora

दो किनारे

9 Love

White तुम्हारी यादें मेरी जां लें के जायेंगी थक गया हूँ, मुझे सुलाने यें आयेंगी.! नहीं इनसे नहीं होता है कुछ भी यहाँ बस मुझमें हलचल करके जायेंगी.!! ©Shreyansh Gaurav

#कविता #यादें #दो  White तुम्हारी यादें मेरी जां लें के जायेंगी 
थक गया हूँ, मुझे सुलाने यें आयेंगी.!

नहीं इनसे नहीं होता है कुछ भी यहाँ 
बस मुझमें हलचल करके जायेंगी.!!

©Shreyansh Gaurav

#यादें #दो शब्द

13 Love

White जीवन -मरण ,माया-मोह ,सब अपरोक्ष, मोह का क्षय हो पाये, दो दिये मोक्ष। मृत्यु -मात्र से काम न चलना, वो तो जीवन में इक पलना, पलते झूलते रहे झल ना। देह छोड़ बस सुख क्या पाऊं, जीते जी तुमको समझाऊं, मरके जो तुम तक मैं आऊं। ©BANDHETIYA OFFICIAL

#कविता #मोक्ष #GoodNight  White जीवन -मरण ,माया-मोह ,सब अपरोक्ष,
मोह का क्षय हो पाये, दो दिये मोक्ष।
मृत्यु -मात्र से काम न चलना,
वो तो जीवन में इक पलना,
पलते झूलते रहे झल ना।
देह छोड़ बस सुख क्या पाऊं,
जीते जी तुमको समझाऊं,
मरके जो तुम तक मैं आऊं।

©BANDHETIYA OFFICIAL

#GoodNight #मोक्ष दो।

17 Love

White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray

#शायरी  White  दो मुसाफ़िर "

घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, 
राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए,

खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी 
भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए।

©Anuj Ray

# दो मुसाफ़िर

14 Love

green-leaves देखते देखते जनवरी दो हो गई, एक थी क्या बुरी थी? ©BANDHETIYA OFFICIAL

#विचार #GreenLeaves  green-leaves देखते देखते जनवरी दो हो गई, एक थी क्या बुरी थी?

©BANDHETIYA OFFICIAL

#GreenLeaves दो जनवरी

11 Love

Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद मुझे मिली नहीं कितना बड़ा ये जहांन है फिर भी रहने के लिए दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी. पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं ©Parasram Arora

 Unsplash बहूत रात  जागने के बावजूद.
 एक गहरी नींद मुझे  मिली नहीं 

कितना बड़ा ये जहांन है 
फिर भी  रहने के लिए 
दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं 

खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी.
पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं

©Parasram Arora

दो गज़ जमीन

15 Love

White काफ़ी दिनों तक साथ साथ हम चलते रहे फिर एक दिन अलग हुए अब मुझे तलाश है उस जगह की जहा नदी के दोनों किनारे जा कर मिलते हो ©Parasram Arora

 White काफ़ी  दिनों तक  
साथ साथ  हम चलते 
रहे फिर एक 
दिन अलग हुए 

अब मुझे  तलाश है 
उस जगह की जहा 
नदी के दोनों किनारे
 जा कर मिलते हो

©Parasram Arora

दो किनारे

9 Love

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