Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद | हिंदी Poetry

"Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद मुझे मिली नहीं कितना बड़ा ये जहांन है फिर भी रहने के लिए दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी. पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं ©Parasram Arora"

 Unsplash बहूत रात  जागने के बावजूद.
 एक गहरी नींद मुझे  मिली नहीं 

कितना बड़ा ये जहांन है 
फिर भी  रहने के लिए 
दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं 

खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी.
पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं

©Parasram Arora

Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद मुझे मिली नहीं कितना बड़ा ये जहांन है फिर भी रहने के लिए दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी. पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं ©Parasram Arora

दो गज़ जमीन

People who shared love close

More like this

Trending Topic