tags

New imam ul haq Status, Photo, Video

Find the latest Status about imam ul haq from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about imam ul haq.

  • Latest
  • Popular
  • Video

Unsplash हुस्न फिर फ़ित्नागर है क्या कहिए दिल की जानिब नज़र है क्या कहिए फिर वही रहगुज़र है क्या कहिए ज़िंदगी राह पर है क्या कहिए हुस्न ख़ुद पर्दा-वर है क्या कहिए ये हमारी नज़र है क्या कहिए आह तो बे-असर थी बरसों से नग़्मा भी बे-असर है क्या कहिए हुस्न है अब न हुस्न के जल्वे अब नज़र ही नज़र है क्या कहिए आज भी है 'मजाज़' ख़ाक-नशीं और नज़र अर्श पर है क्या कहिए ©दिवाकर

 Unsplash हुस्न फिर फ़ित्नागर है क्या कहिए
दिल की जानिब नज़र है क्या कहिए

फिर वही रहगुज़र है क्या कहिए
ज़िंदगी राह पर है क्या कहिए

हुस्न ख़ुद पर्दा-वर है क्या कहिए
ये हमारी नज़र है क्या कहिए

आह तो बे-असर थी बरसों से
नग़्मा भी बे-असर है क्या कहिए

हुस्न है अब न हुस्न के जल्वे
अब नज़र ही नज़र है क्या कहिए

आज भी है 'मजाज़' ख़ाक-नशीं
और नज़र अर्श पर है क्या कहिए

©दिवाकर

Kalam- Asraal-ul-haq Majaaz shayari sad attitude shayari attitude shayari

15 Love

White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी, किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं?? और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है, मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं । मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी?? उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान । लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं। और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं। जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई?? और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से, जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई। और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं?? कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं । मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं। " बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि... एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि... मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं। न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। " #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी,
किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं 
क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का 
मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं??
और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है,
मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं ।
मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार 
तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी??
उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी 
न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान ।
लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर 
तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं।
और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं।
जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को 
ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि 
उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई??  और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से,
जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई।
और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे 
दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं??
कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर 
तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं ।
मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद 
मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, 
कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं।

" बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि...
एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि...
मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं।
न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। "

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #basyunhi #rishte #haq #...................... #nojotohindi #Quotes #2Dec

26 Love

White ये ज़रूरी नहीं कि ज़िंदगी में मौजूद हर रिश्ते को कोई नाम दिया जाए, लेकिन ये ज़रूर ज़रूरी हैं कि रिश्ता दिल से जुड़ा हुआ है अगर तो इक-दूसरे को कम से कम इक दोस्त की तरह तो हक़ दिया जाए #bas yunhi ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Zindagi  White ये ज़रूरी नहीं कि ज़िंदगी में मौजूद हर रिश्ते को 
कोई नाम दिया जाए, लेकिन 
ये ज़रूर ज़रूरी हैं कि रिश्ता दिल से जुड़ा हुआ है अगर 
तो इक-दूसरे को कम से कम इक दोस्त की तरह तो हक़ दिया जाए

#bas yunhi .......

©Sh@kila Niy@z

यूॅं तो ये बात सच है कि ज़िंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिन का कोई नाम नहीं होता, बस बेनाम होते हैं लेकिन फ़िर भी दिल के क़रीब होते हैं और ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाते हैं। लेकिन फ़िर ऐसे रिश्तों की एक हक़ीक़त ये भी है ना कि, ऐसे बेनाम रिश्तों में फ़िर इक-दूसरे पर कोई हक़ ही नहीं होता। इक-दूसरे की अच्छाइयाॅं-बुराइयाॅं बताने का,दिल खोल कर तारीफ़ करने का, या फ़िर किसी की गलतियाॅ़ बताने का कोई हक नहीं होता, तब-तक,जब-तक इक दूसरे को ऐसा कोई हक़ दिया न जाए। और फ़िर ऐसे रिश्तों में अक्सर ख़ामोश ही रहना पड़ता है और फ़िर दिल में ये सवाल आता है कि, जहां हमारा कोई हक़ ही नहीं ऐसा रिश्ता निभाते रहने का क्या जवाज़ बनता है?? आप का उस इंसान के बिना दिल नहीं लगता क्या सिर्फ़ इसलिए ही वो इंसान बिना किसी हक़ के आप से रिश्ता निभाता रहे?? जब आप का दिल करे आप उस से बात करें,जब चाहे उसे ignore करें, गलतियाॅं आप करें और फ़िर भी वही आप के सामने झुकता रहे?? जब उसका दिल करे आप से बात करने का,आप कही और ही busy रहें, उस से भी ज़्यादा कोई और ही आप के लिए ज़रूरी हो जाए और फ़िर भी वही इंसान रिश्ते को बनाए रखने की कोशिश करें?? क्यूॅं और किस लिए ?? क्या आपने कभी ये सोचा कि आप के ऐसे बरताव से उस इंसान के दिल को कितनी तकलीफ़ होती होगी ?? क्या सिर्फ़ उसी के लिए आप ज़रूरी हैं?? आप के लिए वो इंसान ज़रूरी नहीं?? और फ़िर भी अगर आप अपनी मर्ज़ी और सहूलियत के हिसाब से ही रिश्ता निभाना चाहते हैं अगर तो फ़िर उस इंसान को भी ये हक़ दीजिए कि वो भी अपने हिसाब से रिश्ता निभाए। वर्ना बेहतर यही है कि आज़ाद कर दीजिए इस रिश्ते से उसे भी और ख़ुद भी आज़ाद हो जाइए और ढूॅंढ लीजिए कोई ऐसा इंसान जो आप की मर्ज़ी के हिसाब से आप से रिश्ता निभाए। क्यूॅंकि हर कोई इतना भी मजबूर नहीं होता कि बार-बार अपनी ख़ुद्दारी को मार कर आप के सामने हर बार झुक जाए । #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#benaam_rishte #basekkhayaal #self_respect #nojotohindi #basyunhi  यूॅं तो ये बात सच है कि ज़िंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं 
जिन का कोई नाम नहीं होता, बस बेनाम होते हैं लेकिन फ़िर भी 
दिल के क़रीब होते हैं और ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाते हैं।
लेकिन फ़िर ऐसे रिश्तों की एक हक़ीक़त ये भी है ना कि, 
ऐसे बेनाम रिश्तों में फ़िर इक-दूसरे पर कोई हक़ ही नहीं होता।
इक-दूसरे की अच्छाइयाॅं-बुराइयाॅं बताने का,दिल खोल कर तारीफ़ करने का,
या फ़िर किसी की गलतियाॅ़ बताने का कोई हक नहीं होता,
तब-तक,जब-तक इक दूसरे को ऐसा कोई हक़ दिया न जाए।
और फ़िर ऐसे रिश्तों में अक्सर ख़ामोश ही रहना पड़ता है और 
फ़िर दिल में ये सवाल आता है कि,
जहां हमारा कोई हक़ ही नहीं ऐसा रिश्ता निभाते रहने का क्या जवाज़ बनता है??

आप का उस इंसान के बिना दिल नहीं लगता क्या सिर्फ़ इसलिए ही 
वो इंसान बिना किसी हक़ के आप से रिश्ता निभाता रहे??
जब आप का दिल करे आप उस से बात करें,जब चाहे उसे ignore करें,
गलतियाॅं आप करें और फ़िर भी वही आप के सामने झुकता रहे??
जब उसका दिल करे आप से बात करने का,आप कही और ही busy रहें,
उस से भी ज़्यादा कोई और ही आप के लिए ज़रूरी हो जाए 
और फ़िर भी वही इंसान रिश्ते को बनाए रखने की कोशिश करें??
क्यूॅं और किस लिए ??  क्या आपने कभी ये सोचा कि आप के ऐसे 
बरताव से उस इंसान के दिल को कितनी तकलीफ़ होती होगी ??
क्या सिर्फ़ उसी के लिए आप ज़रूरी हैं??
आप के लिए वो इंसान ज़रूरी नहीं??  और फ़िर भी अगर आप 
अपनी मर्ज़ी और सहूलियत के हिसाब से ही रिश्ता निभाना चाहते हैं अगर 
तो फ़िर उस इंसान को भी ये हक़ दीजिए कि वो भी अपने हिसाब से रिश्ता निभाए।
वर्ना बेहतर यही है कि आज़ाद कर दीजिए इस रिश्ते से उसे भी और 
ख़ुद भी आज़ाद हो जाइए और ढूॅंढ लीजिए कोई ऐसा इंसान 
जो आप की मर्ज़ी के हिसाब से आप से रिश्ता निभाए।
क्यूॅंकि हर कोई इतना भी मजबूर नहीं होता कि बार-बार 
अपनी ख़ुद्दारी को मार कर आप के सामने हर बार झुक जाए ।

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z
#SavitribaiPhule #revolution #Struggle #justice #kurbani #Right
#वीडियो #Boot #haq

roti haq di khayiye ji#roti #haq #Boot वीडियो डाउनलोड यूट्यूब वीडियो

153 View

Unsplash हुस्न फिर फ़ित्नागर है क्या कहिए दिल की जानिब नज़र है क्या कहिए फिर वही रहगुज़र है क्या कहिए ज़िंदगी राह पर है क्या कहिए हुस्न ख़ुद पर्दा-वर है क्या कहिए ये हमारी नज़र है क्या कहिए आह तो बे-असर थी बरसों से नग़्मा भी बे-असर है क्या कहिए हुस्न है अब न हुस्न के जल्वे अब नज़र ही नज़र है क्या कहिए आज भी है 'मजाज़' ख़ाक-नशीं और नज़र अर्श पर है क्या कहिए ©दिवाकर

 Unsplash हुस्न फिर फ़ित्नागर है क्या कहिए
दिल की जानिब नज़र है क्या कहिए

फिर वही रहगुज़र है क्या कहिए
ज़िंदगी राह पर है क्या कहिए

हुस्न ख़ुद पर्दा-वर है क्या कहिए
ये हमारी नज़र है क्या कहिए

आह तो बे-असर थी बरसों से
नग़्मा भी बे-असर है क्या कहिए

हुस्न है अब न हुस्न के जल्वे
अब नज़र ही नज़र है क्या कहिए

आज भी है 'मजाज़' ख़ाक-नशीं
और नज़र अर्श पर है क्या कहिए

©दिवाकर

Kalam- Asraal-ul-haq Majaaz shayari sad attitude shayari attitude shayari

15 Love

White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी, किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं?? और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है, मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं । मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी?? उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान । लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं। और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं। जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई?? और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से, जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई। और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं?? कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं । मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं। " बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि... एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि... मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं। न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। " #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी,
किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं 
क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का 
मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं??
और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है,
मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं ।
मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार 
तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी??
उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी 
न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान ।
लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर 
तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं।
और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं।
जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को 
ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि 
उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई??  और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से,
जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई।
और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे 
दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं??
कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर 
तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं ।
मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद 
मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, 
कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं।

" बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि...
एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि...
मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं।
न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। "

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #basyunhi #rishte #haq #...................... #nojotohindi #Quotes #2Dec

26 Love

White ये ज़रूरी नहीं कि ज़िंदगी में मौजूद हर रिश्ते को कोई नाम दिया जाए, लेकिन ये ज़रूर ज़रूरी हैं कि रिश्ता दिल से जुड़ा हुआ है अगर तो इक-दूसरे को कम से कम इक दोस्त की तरह तो हक़ दिया जाए #bas yunhi ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Zindagi  White ये ज़रूरी नहीं कि ज़िंदगी में मौजूद हर रिश्ते को 
कोई नाम दिया जाए, लेकिन 
ये ज़रूर ज़रूरी हैं कि रिश्ता दिल से जुड़ा हुआ है अगर 
तो इक-दूसरे को कम से कम इक दोस्त की तरह तो हक़ दिया जाए

#bas yunhi .......

©Sh@kila Niy@z

यूॅं तो ये बात सच है कि ज़िंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिन का कोई नाम नहीं होता, बस बेनाम होते हैं लेकिन फ़िर भी दिल के क़रीब होते हैं और ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाते हैं। लेकिन फ़िर ऐसे रिश्तों की एक हक़ीक़त ये भी है ना कि, ऐसे बेनाम रिश्तों में फ़िर इक-दूसरे पर कोई हक़ ही नहीं होता। इक-दूसरे की अच्छाइयाॅं-बुराइयाॅं बताने का,दिल खोल कर तारीफ़ करने का, या फ़िर किसी की गलतियाॅ़ बताने का कोई हक नहीं होता, तब-तक,जब-तक इक दूसरे को ऐसा कोई हक़ दिया न जाए। और फ़िर ऐसे रिश्तों में अक्सर ख़ामोश ही रहना पड़ता है और फ़िर दिल में ये सवाल आता है कि, जहां हमारा कोई हक़ ही नहीं ऐसा रिश्ता निभाते रहने का क्या जवाज़ बनता है?? आप का उस इंसान के बिना दिल नहीं लगता क्या सिर्फ़ इसलिए ही वो इंसान बिना किसी हक़ के आप से रिश्ता निभाता रहे?? जब आप का दिल करे आप उस से बात करें,जब चाहे उसे ignore करें, गलतियाॅं आप करें और फ़िर भी वही आप के सामने झुकता रहे?? जब उसका दिल करे आप से बात करने का,आप कही और ही busy रहें, उस से भी ज़्यादा कोई और ही आप के लिए ज़रूरी हो जाए और फ़िर भी वही इंसान रिश्ते को बनाए रखने की कोशिश करें?? क्यूॅं और किस लिए ?? क्या आपने कभी ये सोचा कि आप के ऐसे बरताव से उस इंसान के दिल को कितनी तकलीफ़ होती होगी ?? क्या सिर्फ़ उसी के लिए आप ज़रूरी हैं?? आप के लिए वो इंसान ज़रूरी नहीं?? और फ़िर भी अगर आप अपनी मर्ज़ी और सहूलियत के हिसाब से ही रिश्ता निभाना चाहते हैं अगर तो फ़िर उस इंसान को भी ये हक़ दीजिए कि वो भी अपने हिसाब से रिश्ता निभाए। वर्ना बेहतर यही है कि आज़ाद कर दीजिए इस रिश्ते से उसे भी और ख़ुद भी आज़ाद हो जाइए और ढूॅंढ लीजिए कोई ऐसा इंसान जो आप की मर्ज़ी के हिसाब से आप से रिश्ता निभाए। क्यूॅंकि हर कोई इतना भी मजबूर नहीं होता कि बार-बार अपनी ख़ुद्दारी को मार कर आप के सामने हर बार झुक जाए । #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#benaam_rishte #basekkhayaal #self_respect #nojotohindi #basyunhi  यूॅं तो ये बात सच है कि ज़िंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं 
जिन का कोई नाम नहीं होता, बस बेनाम होते हैं लेकिन फ़िर भी 
दिल के क़रीब होते हैं और ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाते हैं।
लेकिन फ़िर ऐसे रिश्तों की एक हक़ीक़त ये भी है ना कि, 
ऐसे बेनाम रिश्तों में फ़िर इक-दूसरे पर कोई हक़ ही नहीं होता।
इक-दूसरे की अच्छाइयाॅं-बुराइयाॅं बताने का,दिल खोल कर तारीफ़ करने का,
या फ़िर किसी की गलतियाॅ़ बताने का कोई हक नहीं होता,
तब-तक,जब-तक इक दूसरे को ऐसा कोई हक़ दिया न जाए।
और फ़िर ऐसे रिश्तों में अक्सर ख़ामोश ही रहना पड़ता है और 
फ़िर दिल में ये सवाल आता है कि,
जहां हमारा कोई हक़ ही नहीं ऐसा रिश्ता निभाते रहने का क्या जवाज़ बनता है??

आप का उस इंसान के बिना दिल नहीं लगता क्या सिर्फ़ इसलिए ही 
वो इंसान बिना किसी हक़ के आप से रिश्ता निभाता रहे??
जब आप का दिल करे आप उस से बात करें,जब चाहे उसे ignore करें,
गलतियाॅं आप करें और फ़िर भी वही आप के सामने झुकता रहे??
जब उसका दिल करे आप से बात करने का,आप कही और ही busy रहें,
उस से भी ज़्यादा कोई और ही आप के लिए ज़रूरी हो जाए 
और फ़िर भी वही इंसान रिश्ते को बनाए रखने की कोशिश करें??
क्यूॅं और किस लिए ??  क्या आपने कभी ये सोचा कि आप के ऐसे 
बरताव से उस इंसान के दिल को कितनी तकलीफ़ होती होगी ??
क्या सिर्फ़ उसी के लिए आप ज़रूरी हैं??
आप के लिए वो इंसान ज़रूरी नहीं??  और फ़िर भी अगर आप 
अपनी मर्ज़ी और सहूलियत के हिसाब से ही रिश्ता निभाना चाहते हैं अगर 
तो फ़िर उस इंसान को भी ये हक़ दीजिए कि वो भी अपने हिसाब से रिश्ता निभाए।
वर्ना बेहतर यही है कि आज़ाद कर दीजिए इस रिश्ते से उसे भी और 
ख़ुद भी आज़ाद हो जाइए और ढूॅंढ लीजिए कोई ऐसा इंसान 
जो आप की मर्ज़ी के हिसाब से आप से रिश्ता निभाए।
क्यूॅंकि हर कोई इतना भी मजबूर नहीं होता कि बार-बार 
अपनी ख़ुद्दारी को मार कर आप के सामने हर बार झुक जाए ।

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z
#SavitribaiPhule #revolution #Struggle #justice #kurbani #Right
#वीडियो #Boot #haq

roti haq di khayiye ji#roti #haq #Boot वीडियो डाउनलोड यूट्यूब वीडियो

153 View

Trending Topic