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White वो सच्चा इश्क़ ही क्या जिसमें इंतजार ना हो, वो सच्ची मोहब्बत ही क्या जिसमें तुम्हारे सब्र का इम्तिहान ना हो❤ ©Shweta Sharma

#quoteoftheday #truelove #motivate #purelove #thought  White वो सच्चा इश्क़ ही क्या जिसमें इंतजार ना हो,
वो सच्ची मोहब्बत ही क्या जिसमें तुम्हारे सब्र का इम्तिहान ना हो❤

©Shweta Sharma

True love♾❤ #truelove #purelove #Quote #thought #quoteoftheday #motivate quote of love

14 Love

White تم اب تک منافق دلوں میں رہی ہو میرے دل کی آب و ہوا مختلف ہے ( علی زریون ) . ©Azhar Ashiq

#شاعری۔ #دل  White تم اب تک منافق دلوں میں رہی ہو 
میرے دل کی آب و ہوا مختلف ہے

( علی زریون )



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©Azhar Ashiq

#دل

15 Love

White अपनी प्रतिभा इतनी बढ़ाओ कि लोगों को तुम्हें हराने के लिए कोशिश नहीं साजिश करनी पड़े!! नमस्कार ©veena Mishra

#विचार #flowers  White अपनी प्रतिभा इतनी बढ़ाओ कि लोगों को तुम्हें हराने के लिए कोशिश नहीं साजिश करनी पड़े!!                                                                                          नमस्कार

©veena Mishra

#flowers आज शुभ विचार

16 Love

White अक्सर हमारी ज़िंदगी में या हमारे आस-पास मौजूद लोगों को ख़ुश रखने के लिए हमें ज़्यादा कुछ नहीं करना पड़ता, बस उन लोगों को सुनना पड़ता है, बहुत ध्यान से, बहुत ग़ौर से। हो सकता है कि उनकी बातें हमें फ़िज़ूल लगे या फ़िर सिर्फ़ बक-बक लगे, लेकिन उनके लिए ये उनके दिल की बातें होती हैं,उनके जज़्बात होते हैं। कितने ही लोग ऐसे होते हैं कि जिन के पास उनकी बातें ग़ौर से सुनने वाला कोई होता ही नहीं, वो ढूॅंढते हैं ऐसे लोग जो बस उन्हें ख़ामोशी से सुने , भले ही उन्हें समझ ना सके लेकिन उन्हें judge किए बिना सिर्फ़ सुन लें। इसलिए अगर आप पर यक़ीन कर के, आप को भी कोई अपने दिल की बातें सुनाना चाहता हो तो उस इंसान को बस ख़ामोशी से सुन लिया कीजिए, उसे समझना ना समझना ये बाद की बात है लेकिन समझने के लिए भी पहले सुन लेना ज़रूरी है। ये हरगिज़ ज़रूरी नहीं कि आप उनकी हर उम्मीद को पूरा कर दे, लेकिन आप उन लोगों को गौर से,दिल से सुन तो सकते हैं । क्या पता की शायद किसी के दिल का बोझ हल्का करने का, किसी के दिल को सुकून देने का ज़रिया आप बन जाए । लेकिन आप को ये भी पता होना चाहिए कि आप को कहाॅं रुक जाना चाहिए। "Listening is also a therapy and we all search for a good listener without being judgemental towards us, so be a good listener for others, maybe you too will get one for yourself." #bas yunhi ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Listener #Zindagi  White अक्सर हमारी ज़िंदगी में या हमारे आस-पास मौजूद लोगों को 
ख़ुश रखने के लिए हमें ज़्यादा कुछ नहीं करना पड़ता,
बस उन लोगों को सुनना पड़ता है, बहुत ध्यान से, बहुत ग़ौर से।
हो सकता है कि उनकी बातें हमें फ़िज़ूल लगे या फ़िर सिर्फ़ बक-बक लगे,
लेकिन उनके लिए ये उनके दिल की बातें होती हैं,उनके जज़्बात होते हैं।
कितने ही लोग ऐसे होते हैं कि जिन के पास उनकी बातें ग़ौर से सुनने वाला 
कोई होता ही नहीं, वो ढूॅंढते हैं ऐसे लोग जो बस उन्हें ख़ामोशी से सुने ,
भले ही उन्हें समझ ना सके लेकिन उन्हें judge किए बिना सिर्फ़ सुन लें।
इसलिए अगर आप पर यक़ीन कर के, आप को भी कोई 
अपने दिल की बातें सुनाना चाहता हो तो उस इंसान को बस ख़ामोशी से 
सुन लिया कीजिए, उसे समझना ना समझना ये बाद की बात है लेकिन 
समझने के लिए भी पहले सुन लेना ज़रूरी है।
ये हरगिज़ ज़रूरी नहीं कि आप उनकी हर उम्मीद को पूरा कर दे, 
लेकिन आप उन लोगों को गौर से,दिल से सुन तो सकते हैं ।
क्या पता की शायद किसी के दिल का बोझ हल्का करने का, 
किसी के दिल को सुकून देने का ज़रिया आप बन जाए ।
लेकिन आप को ये भी पता होना चाहिए कि आप को कहाॅं रुक जाना चाहिए।

"Listening is also a therapy and 
we all search for a good listener 
without being judgemental towards us,
so be a good listener for others,
maybe you too will get one for yourself."

#bas yunhi .......

©Sh@kila Niy@z
#लोग  White मैंने पूछा जिन्दगी से
कि इतने दर्द क्यूँ हैं... 
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उसने भी मुस्कराते हुए कहाँ
जब तक जिन्दगी है दर्द तो होगा
क्यूंकि लोग तो कब्र पर परेशान करने नहीं आते.... 
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बड़ा सुकून मिलता है उस गहरी नींद से
वहाँ दर्द पहुचाँने
प्यार जताने
पराये क्या अपने भी नहीं जाते..... 
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ये मुझे (जिंदगी) अज़ीब लगता हैं
जीते जी नहीं कोई पूछता हाल भी किसी का 
मरने पर क्यूँ लोग आँसू बहाते.... 
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चंद दिन की हैं जिन्दगी
ये चंद दिन के दर्द 
ऐ दोस्त 
क्यूंकि लोग कब्र पर परेशान करने नहीं आते...

©writer....nishu...

#लोग कब्र पर परेशान करने नहीं आते shayari in hindi

99 View

White हम इंसान दूसरों के सामने चाहे जितने भी भोले, मासूम, नादान या फ़िर अंजान बन कर रहें लेकिन हम ने क्या-क्या किया है और हम क्या-क्या करते हैं ( फ़िर वो चाहे हमारी नेकियाॅं हो या हमारे गुनाह हो ) ये ख़ुद हमारा दिल और हमारा ज़मीर जानता है और हम से भी बेहतर हमारा रब जानता है और वो सब जानता है। लेकिन हमें ये बात भी याद रखनी चाहिए कि, गलतियाॅं और गुनाह भी हम इंसानों से ही होते हैं और अक्सर हम सभी से होते हैं लेकिन फ़िर हम उन गुनाहों पर सोच-सोच कर बस ख़ुद को कोसते रहते हैं या फ़िर ख़ुद से नफ़रत करने लगते हैं लेकिन उस वक़्त हम अपने रब को क्यूँ भूल जाते हैं?? अपनी ग़लतियों और गुनाहों का एहसास हो कर उन पर शर्मिंदा होना ज़रूरी है लेकिन इस वजह से ख़ुद से नफ़रत करते रहना मतलब अपने रब की रहमत पर शक करने जैसा है। हम क्यूॅं भूल जाते हैं कि हमारा बड़े से बड़ा गुनाह भी हमारे रब की रहमत से बड़ा हो ही नहीं सकता । हमारे बड़े से बड़े गुनाह पर भी हमारे रब की रहमत ग़ालिब आ जाती है लेकिन इस के लिए अपने रब की बारगाह में सच्चे दिल से अपने गुनाहों की माफ़ी माॅंगनी पड़ती है, वो भी पुख़्ता यक़ीन के साथ। और यक़ीन के साथ सच्चे दिल से माॅंगी गई माफ़ी और की गई तौबा फ़िर ख़ुद-ब-ख़ुद हमारे बेचैन दिल को सुकून अता करती है। ©Sh@kila Niy@z

#galatiyan_gunaah #basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi  White हम इंसान दूसरों के सामने चाहे जितने भी भोले,
मासूम, नादान या फ़िर अंजान बन कर रहें लेकिन 
हम ने क्या-क्या किया है और हम क्या-क्या करते हैं 
( फ़िर वो चाहे हमारी नेकियाॅं हो या हमारे गुनाह हो )
ये ख़ुद हमारा दिल और हमारा ज़मीर जानता है 
और हम से भी बेहतर हमारा रब जानता है और वो सब जानता है।

लेकिन हमें ये बात भी याद रखनी चाहिए कि, गलतियाॅं और गुनाह भी 
हम इंसानों से ही होते हैं और अक्सर हम सभी से होते हैं लेकिन फ़िर 
हम उन गुनाहों पर सोच-सोच कर बस ख़ुद को कोसते रहते हैं 
या फ़िर ख़ुद से नफ़रत करने लगते हैं लेकिन उस वक़्त हम 
अपने रब को क्यूँ भूल जाते हैं??
अपनी ग़लतियों और गुनाहों का एहसास हो कर उन पर शर्मिंदा होना 
ज़रूरी है लेकिन इस वजह से ख़ुद से नफ़रत करते रहना मतलब 
अपने रब की रहमत पर शक करने जैसा है।
हम क्यूॅं भूल जाते हैं कि हमारा बड़े से बड़ा गुनाह भी 
हमारे रब की रहमत से बड़ा हो ही नहीं सकता ।
हमारे बड़े से बड़े गुनाह पर भी हमारे रब की रहमत ग़ालिब आ जाती है 
लेकिन इस के लिए अपने रब की बारगाह में सच्चे दिल से 
अपने गुनाहों की माफ़ी माॅंगनी पड़ती है, वो भी पुख़्ता यक़ीन के साथ।
और यक़ीन के साथ सच्चे दिल से माॅंगी गई माफ़ी और की गई तौबा 
फ़िर ख़ुद-ब-ख़ुद हमारे बेचैन दिल को सुकून अता करती है।

©Sh@kila Niy@z
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