mautila registan(Naveen Pandey)

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White . Is it okay?if I give you my heart and soul! You can do whatever you want with it. Is it okay? If I make you my top priority. Nothing comes before you...not even me. Is it okay? If I love you so much that I forget everything else. Is it okay? That I want you to love me as madly as I do. Is it okay ? That whenever you are feeling down...I want you come to me. Is it okay? That all the first times and last times....I want to spend together. Is it okay? ©mautila registan(Naveen Pandey)

 White .

Is it okay?if I give you my heart and soul! You can do whatever you want with it.

Is it okay? If I make you my top priority. Nothing comes before you...not even me.

Is it okay? If I love you so much that I forget everything else.

Is it okay? That I want you to love me as madly as I do.

Is it okay ? That whenever you are feeling down...I want you come to me.

Is it okay? That all the first times and last times....I want to spend together.

 Is it okay?

©mautila registan(Naveen Pandey)

11 Love

White तरस आता है तुम सब पर तुमको लगता है तुमने मुझे मार दिया? मैं आगे आने वाले तुम्हारे हर अविश्वास और हीन भावना में जिंदा रहूंगी। तुम्हारे अंतर्मन के एक एक भय को पोषित करूंगी। भयावह स्वप्न की तरह रोज आऊंगी तेरे रूदन में दिखूंगी, अश्रु में बहुंगी। गर गलती से कभी कोई स्त्री तेरे साथ मन से रहने लगे, तेरे मन में संदेह बन साथ चलूंगी। जा बड़ा बल है, संपन्नता है तेरे पास, बच सकता है, तू इस खोखले नपुंसक समाज में किसी दिन स्त्री के किसी दूसरे रूप में तुझे सारे उत्तर दूंगी। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#rgkarmedicalcollege #कविता  White  तरस आता है तुम सब पर
तुमको लगता है तुमने मुझे मार दिया?

मैं आगे आने वाले तुम्हारे हर अविश्वास 
और हीन भावना में जिंदा रहूंगी।
तुम्हारे अंतर्मन के एक एक भय 
को पोषित करूंगी।
भयावह स्वप्न की तरह रोज आऊंगी 
तेरे रूदन में दिखूंगी, अश्रु में बहुंगी।

गर गलती से कभी कोई स्त्री तेरे साथ 
मन से रहने लगे,
तेरे मन में संदेह बन साथ चलूंगी।

जा बड़ा बल है, संपन्नता है तेरे पास,
बच सकता है, तू इस खोखले नपुंसक समाज में 
किसी दिन स्त्री के किसी दूसरे रूप में तुझे सारे उत्तर दूंगी।

©mautila registan(Naveen Pandey)

White तरस आता है तुम सब पर तुमको लगता है तुमने मुझे मार दिया? मैं आगे आने वाले तुम्हारे हर अविश्वास और हीन भावना में जिंदा रहूंगी। तुम्हारे अंतर्मन के एक एक भय को पोषित करूंगी। भयावह स्वप्न की तरह रोज आऊंगी तेरे रूदन में दिखूंगी, अश्रु में बहुंगी। गर गलती से कभी कोई स्त्री तेरे साथ मन से रहने लगे, तेरे मन में संदेह बन साथ चलूंगी। जा बड़ा बल है, संपन्नता है तेरे पास, बच सकता है, तू इस खोखले नपुंसक समाज में किसी दिन एक स्त्री ही तुझे सारे उत्तर देगी। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#rgkarmedicalcollege #कविता  White तरस आता है तुम सब पर
तुमको लगता है तुमने मुझे मार दिया?

मैं आगे आने वाले तुम्हारे हर अविश्वास 
और हीन भावना में जिंदा रहूंगी।
तुम्हारे अंतर्मन के एक एक भय 
को पोषित करूंगी।
भयावह स्वप्न की तरह रोज आऊंगी 
तेरे रूदन में दिखूंगी, अश्रु में बहुंगी।

गर गलती से कभी कोई स्त्री तेरे साथ 
मन से रहने लगे,
तेरे मन में संदेह बन साथ चलूंगी।

जा बड़ा बल है, संपन्नता है तेरे पास,
बच सकता है, तू इस खोखले नपुंसक समाज में 
किसी दिन एक स्त्री ही तुझे सारे उत्तर देगी।

©mautila registan(Naveen Pandey)

White मेरा यूं नोचा जाना, मारा जाना और, बलात्कार क्या सिर्फ मेरा था? मेरी अस्मिता, उस समाज की अस्मिता है जिससे मैं आती हूं। उसमे रहे हैं, नपुंसक दैत्य से पुरुष। जो एक क्षण के दैहिक सुख को मेरे जीवन से ज्यादा समझते हैं। और वो नपुंसक, चुने हुए प्रतिनिधि, जो इससे अपना उल्लू सीधा करते हैं। और एक एक व्यक्ति जो, किनारे से मुझे देख रहा था, या है। समझ लो आइना हूं मैं, उन सब के मरे हुए साहस का, पौरुष का। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#kolkata_cityof_rape #कविता  White मेरा यूं नोचा जाना, मारा जाना और, बलात्कार क्या सिर्फ मेरा था?
मेरी अस्मिता, उस समाज की अस्मिता है जिससे मैं आती हूं।
उसमे रहे हैं, नपुंसक दैत्य से पुरुष।
जो एक क्षण के दैहिक सुख को मेरे जीवन से ज्यादा समझते हैं।
और वो नपुंसक, चुने हुए प्रतिनिधि, 
जो इससे अपना उल्लू सीधा करते हैं।
और एक एक व्यक्ति जो, किनारे से मुझे देख रहा था, या है।
समझ लो आइना हूं मैं, उन सब के मरे हुए साहस का, पौरुष का।

©mautila registan(Naveen Pandey)
#कविता #loveyoualways  White चल ना कहीं दूर चलते हैं।

इस समाज से दूर, इसकी खोखली मर्यादाओ से दूर।
इक दूसरे के लिए, एक दूसरे मे चूर।
इक इक पल रहे प्रेम और विश्वास भरपूर।
अपने लिए नही, चल इक दूसरे के लिए जीते हैं।

चल ना........।

जहां तेरे मेरे अलावा कुछ न हो।
कोई भी प्रश्न न हो, कोई जवाब न हो।
अधरों में फंसा कोई संताप न हो।
नैनों में बढ़ता, अविश्वास न हो।
इक दूसरे को बिना बोले चल माफ करते हैं।

चल ना.....।

©mautila registan(Naveen Pandey)

#loveyoualways

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White प्रेम था, समर्पण था, एक छोटा सा भ्रम था, जो आज मर गया। हृदय को बड़ी, कुशलता से जो सम्हाला था,आज कोई उसे निर्जीव सा कर गया। तिल तिल कर मारता रहा, असत्य के शब्भेदी बाण मुझे। वेदना मे रचे बसे मन को, तितर बितर कर गया। मैं शायद कड़ुआ बोला, पर कर्म तो तेरे थे। साथ मे जीवन यापन करने के, ध्वस्त स्वप्न मेरे थे। एक एक कोशिका से करे जतन भमेरे थे। सब कुछ, एक क्षण भर में भस्म कर गया। रक्त सूख सा गया है, चित्त बस आशा खोजता है। खोया हुआ विश्वास मानस पे, साहस खोजता है। वाह री विडंबना, प्रिय जो भ्रामक खोजता है। जड़ ही काट डाली, पर वृक्ष खोजता है। हरे भरे वन में, चिंगारी से भयंकर अनल दे गया प्रेम ..............। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#कविता #loveisdeath  White प्रेम था, समर्पण था, एक छोटा सा भ्रम था, जो आज मर गया।
हृदय को बड़ी, कुशलता से जो सम्हाला था,आज कोई उसे निर्जीव सा कर गया।

तिल तिल कर मारता रहा, असत्य के शब्भेदी बाण मुझे।
वेदना मे रचे बसे मन को, तितर बितर कर गया।

मैं शायद कड़ुआ बोला, पर कर्म तो तेरे थे।
साथ मे जीवन यापन करने के, ध्वस्त स्वप्न मेरे थे।
एक एक कोशिका से करे जतन भमेरे थे।
सब कुछ, एक क्षण भर में भस्म कर गया।

रक्त सूख सा गया है, चित्त बस आशा खोजता है।
खोया हुआ विश्वास मानस पे, साहस खोजता है।
वाह री विडंबना, प्रिय जो भ्रामक खोजता है।
जड़ ही काट डाली, पर वृक्ष खोजता है।

हरे भरे वन में, चिंगारी से भयंकर अनल दे गया 
प्रेम ..............।

©mautila registan(Naveen Pandey)

#loveisdeath

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