English
The Accidental Writer ✍🏼
White गुजरते हुए वक्त की ये निशानी रहती हैं... यादों की विदाई में ये रस्म निभानी रहती हैं... साल-दर-साल यहीं मंजर देखती हैं आँखें... "कैलेंडर" नया हो जाता हैं दीवार पुरानी रहती हैं...!! ©Ashish Mishra
Ashish Mishra
19 Love
White एक दूजे के हाल पर हँसते हुए लोग... अपनों के बीच अपनेपन को तरसते हुए लोग...!! स्वार्थ के दलदल में फंसते हुए लोग... शराफत की गलियाँ छोड़ जुर्म के मोहल्लों में बसते हुए लोग...!! कोई पूछे कि "कलयुग" क्या हैं तो कहना... महंगी हुई "इंसानियत" सस्ते हुए लोग...!! ©Ashish Mishra
14 Love
White सूरज में बेपनाह आग हैं मगर... आसमाँ का बदन जल नहीं सकता...!! कुदरत के भी अपने उसूल होते हैं... रात की दोस्ती में सवेरा ढल नहीं सकता...!! कोई कितनी भी रफ्तार से दौड़ता हो मगर... वक्त से तेज चल नहीं सकता...!! हर कदम पर ठोकरें मिली हो जिसे... वो लड़खड़ाता ही रहेगा सँभल नहीं सकता...!! जिंदगी ने यहीं सिखाया हैं "आशीष"... कोई कितनी भी कोशिश कर ले मगर किस्मत का लिखा बदल नहीं सकता...!! ©Ashish Mishra
12 Love
White ना कसमें लाना,ना ख्वाहिशें लाना... दिल में जरा सी चाहत लाना...!! मैं तेरे हिस्से की खुशी लाऊँगा,तू मेरे हिस्से की राहत लाना...!! ©Ashish Mishra
15 Love
White चाँद - सूरज ढलते रहते हैं... मंजिलें और रास्ते बदलते रहते हैं...!! चाहें लाख हो मुश्किलें सफर में मगर... "मुसाफिर" चलते रहते हैं...!! ©Ashish Mishra
9 Love
White चाँद - सूरज ढलते रहते हैं... मंजिल और रास्ते बदलते रहते हैं... ना रुकते हैं ना थकते हैं, "मुसाफिर" चलते रहते हैं...!! ©Ashish Mishra
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here