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The Accidental Writer ✍🏼
White एक दूजे के हाल पर हँसते हुए लोग... अपनों के बीच अपनेपन को तरसते हुए लोग...!! स्वार्थ के दलदल में फंसते हुए लोग... शराफत की गलियाँ छोड़ जुर्म के मोहल्लों में बसते हुए लोग...!! कोई पूछे कि "कलयुग" क्या हैं तो कहना... महंगी हुई "इंसानियत" सस्ते हुए लोग...!! ©Ashish Mishra
Ashish Mishra
14 Love
White चाँद - सूरज ढलते रहते हैं... मंजिल और रास्ते बदलते रहते हैं... ना रुकते हैं ना थकते हैं, "मुसाफिर" चलते रहते हैं...!! ©Ashish Mishra
आँधी हो या तूफान,मेरे हौसलों की इमारत थर्थरा नहीं सकती... लाख मुश्किलें भी मन को डरा नहीं सकती... जब तक मेरे "बाबूजी" मेरे साथ हैं,दुनिया की कोई ताकत मुझको हरा नहीं सकती...!! ©Ashish Mishra
10 Love
गम, खुशी, प्यार, बेवफाई... हर जज़्बात पर बड़ा गौर करती हैं... ए "कलम" तू चुप रहकर भी कितना शोर करती हैं...!! ©Ashish Mishra
11 Love
सारे भाव,सारी ख्वाहिशें मर गई... हमने सपनों से सजाई थी जो वो दुनिया बिखर गई...!! कैसी अजब कश्मकश हैं... "जिंदगी" को समझने में आधी जिंदगी गुजर गई...!! ©Ashish Mishra
Maa उलझन की संगत में रहना नहीं पड़ता... उसके होते हुए जरा भी दुख-दर्द सहना नहीं पड़ता...!! चेहरा देखकर मन का हाल बता देती हैं... "माँ" से कुछ भी कहना नहीं पड़ता...!! ©Ashish Mishra
8 Love
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