Lakhnavi shayar 2.O

Lakhnavi shayar 2.O Lives in Lucknow, Uttar Pradesh, India

A motivational speaker

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset प्यार भी जब बेक़ाबू होने लगता है । आप से तुम, तुम से तू होने लगता है । वैसे तो लगता है कुछ भी खास नहीं, तुमसे मिलकर ज़ादू होने लगता है । लफ्ज़ मुहब्बत जब भी सुनायी देता है, दर्द पिघलकर आँसू होने लगता है । तुम इक फूल का बेहद जीना क्या जानो, मिटते-मिटते खुशबू होने लगता है । नुक़्तों का रस जब बोली में घुल जाये, ज़र्रा-ज़र्रा उर्दू होने लगता है । नीरज निश्चल ©Lakhnavi shayar 2.O

#SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset 

प्यार भी जब बेक़ाबू होने लगता है ।

आप से तुम, तुम से तू होने लगता है ।


वैसे तो लगता है कुछ भी खास नहीं,

तुमसे मिलकर ज़ादू होने लगता है ।


लफ्ज़ मुहब्बत जब भी सुनायी देता है,

दर्द पिघलकर आँसू होने लगता है ।


तुम इक फूल का बेहद जीना क्या जानो,

मिटते-मिटते खुशबू होने लगता है ।


नुक़्तों का रस जब बोली में घुल जाये,

ज़र्रा-ज़र्रा उर्दू होने लगता है ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O

#SunSet

13 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पहले लगता था जो स्कूलों में पढ़ाया जाता है वह ज्ञान है फिर लगा जो शास्त्रों और आध्यात्मिक पुस्तकों में लिखा है वह ज्ञान है फिर लगा जो जीवन जीकर समझ में आए वह ज्ञान है । नीरज निश्चल ©Lakhnavi shayar 2.O

#Motivational #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पहले लगता था जो स्कूलों में पढ़ाया जाता है वह ज्ञान है
फिर लगा जो शास्त्रों और आध्यात्मिक पुस्तकों में लिखा है वह ज्ञान है
फिर लगा जो जीवन जीकर समझ में आए वह ज्ञान है ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O

#SunSet

14 Love

Unsplash सहेजे हुए हैं निशानी किताबें । चलों ढूंढते हैं पुरानी किताबें । कि हर उम्र का है तसव्वुर इन्हीं में, हैं बचपन बुढ़ापा ज़वानी किताबें । कभी मुस्कराहट हैं खामोश लब की, कभी शोख आंखों का पानी किताबें । किसी इक सफ़र का है अहसास इनमें, सुनाती हैं कितनी कहानी किताबें । अकेले में होती हैं बातें इन्हीं से, हैं इक दोस्त की हमज़ुबानी किताबें । नीरज निश्चल ©Lakhnavi shayar 2.O

#Book  Unsplash सहेजे हुए हैं निशानी किताबें ।
चलों ढूंढते हैं पुरानी किताबें ।

कि हर उम्र का है तसव्वुर इन्हीं में,
हैं बचपन बुढ़ापा ज़वानी किताबें ।

कभी मुस्कराहट हैं खामोश लब की,
कभी शोख आंखों का पानी किताबें ।

किसी इक सफ़र का है अहसास इनमें,
सुनाती हैं कितनी कहानी किताबें ।

अकेले में होती हैं बातें इन्हीं से,
 हैं इक दोस्त की हमज़ुबानी किताबें ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O

#Book

15 Love

New Year 2024-25 एक शेर सूना है शोर दुनिया का जुदा रखता हमे उससे, मुहब्बत जो भी कहती है बहुत चुपके से कहती है । नीरज निश्चल ©Lakhnavi shayar 2.O

#Newyear2024  New Year 2024-25 एक शेर

सूना है शोर दुनिया का जुदा रखता हमे उससे,
मुहब्बत जो भी कहती है बहुत चुपके से कहती है ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O

#Newyear2024-25

15 Love

Unsplash अगर गुज़ारिश हो मेरी मंजूर हमारे साथ चलो । बिना किसी रिश्ते के तुम कुछ दूर हमारे साथ चलो । जितना है मजबूर हमारा साया हमदम होने को, उतने ही तुम भी होकर मजबूर हमारे साथ चलो । एक खुले आकाश सी कोई मुझसे प्रीति निभा देना, छोड़ के दुनिया के सारे दस्तूर हमारे साथ चलो । ज्यूं चांद अमावस में आकर पूरनमासी कर देता है, अंधेरी राहों में बन कर यूं नूर हमारे साथ चलो । नीरज निश्चल ©Lakhnavi shayar 2.O

#lovelife  Unsplash अगर गुज़ारिश हो मेरी मंजूर हमारे साथ चलो ।
बिना किसी रिश्ते के तुम कुछ दूर हमारे साथ चलो ।

जितना है मजबूर हमारा साया हमदम होने को,
उतने ही तुम भी होकर मजबूर हमारे साथ चलो ।

एक खुले आकाश सी कोई मुझसे प्रीति निभा देना,
छोड़ के दुनिया के सारे दस्तूर हमारे साथ चलो ।

ज्यूं चांद अमावस में आकर पूरनमासी कर देता है,
अंधेरी राहों में बन कर यूं नूर हमारे साथ चलो ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O

#lovelife

14 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset न ये जमाना न ये जिन्दगी न कुछ और याद रखा । हमने बस तेरी मुलाकातों का हर दौर याद रखा । भूल गये अपने भी दिल की सदायेँ हम , बस तेरे कदमोँ का शोर याद रखा । Neeraj Nishchal ©Lakhnavi shayar 2.O

#SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset न ये जमाना न ये जिन्दगी न कुछ और याद रखा ।

हमने बस तेरी मुलाकातों का हर दौर याद रखा ।

भूल गये अपने भी दिल की सदायेँ हम ,

बस तेरे कदमोँ का शोर याद रखा ।

Neeraj Nishchal

©Lakhnavi shayar 2.O

#SunSet

16 Love

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