Unsplash अगर गुज़ारिश हो मेरी मंजूर हमारे साथ चलो ।
बिना किसी रिश्ते के तुम कुछ दूर हमारे साथ चलो ।
जितना है मजबूर हमारा साया हमदम होने को,
उतने ही तुम भी होकर मजबूर हमारे साथ चलो ।
एक खुले आकाश सी कोई मुझसे प्रीति निभा देना,
छोड़ के दुनिया के सारे दस्तूर हमारे साथ चलो ।
ज्यूं चांद अमावस में आकर पूरनमासी कर देता है,
अंधेरी राहों में बन कर यूं नूर हमारे साथ चलो ।
नीरज निश्चल
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