Debasmita Pani

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कृपया अनुशीर्षक पढ़े... ©Debasmita Pani

#मोटिवेशनल  कृपया अनुशीर्षक पढ़े...

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12 Love

हां मैंने नजरअंदाज किया.... तुमने आंसू छुपाए मुझसे , मैने नजरअंदाज किया... कहीं तुम्हारे दर्द और बढ़ ना जाए, इसलिए कुछ ना पुछा और नजरअंदाज किया....। तुमने खुद के अनछुए दर्द कभी किसी को ना सुनाया, मैने भी नहीं पूछा नजरअंदाज किया... तुम हर बात पे ख़ामोश रहे, मैंने ख़ामोशी पर सवाल नहीं उठाया और नजरअंदाज किया.... जहां जहां तुमने लकीरें खींची, वहां -वहां .... मै रुकी और ख़ुद पर पाबंद लगाया....। तुमने अपने आंसू, सारे दर्द खामोशी से छुपाया, शायद मुझे दर्द दिखाते दिखाते तुम टूट न जाओ बस इसीलिए मैं हमेशा नासमझ रहा ... हां मैंने नजरअंदाज किया....।।Debasmita ©Debasmita Pani

#शायरी  हां मैंने नजरअंदाज किया....
तुमने आंसू छुपाए मुझसे , 
मैने नजरअंदाज किया...
कहीं तुम्हारे दर्द  और बढ़ ना जाए,
 इसलिए कुछ ना पुछा और नजरअंदाज किया....।
तुमने खुद के अनछुए दर्द कभी किसी को ना सुनाया,
मैने भी नहीं पूछा नजरअंदाज किया...
तुम हर बात पे  ख़ामोश रहे,
मैंने ख़ामोशी पर सवाल नहीं उठाया 
और नजरअंदाज किया....
जहां जहां तुमने लकीरें खींची, 
वहां -वहां ....
मै रुकी और ख़ुद पर पाबंद लगाया....।
 तुमने अपने आंसू, सारे दर्द खामोशी से छुपाया,
 शायद मुझे दर्द दिखाते दिखाते तुम टूट न जाओ
 बस इसीलिए मैं हमेशा नासमझ रहा ...
हां मैंने नजरअंदाज किया....।।Debasmita

©Debasmita Pani

हां मैंने नजरअंदाज किया.... तुमने आंसू छुपाए मुझसे , मैने नजरअंदाज किया... कहीं तुम्हारे दर्द और बढ़ ना जाए, इसलिए कुछ ना पुछा और नजरअंदाज किया....। तुमने खुद के अनछुए दर्द कभी किसी को ना सुनाया, मैने भी नहीं पूछा नजरअंदाज किया... तुम हर बात पे ख़ामोश रहे, मैंने ख़ामोशी पर सवाल नहीं उठाया और नजरअंदाज किया.... जहां जहां तुमने लकीरें खींची, वहां -वहां .... मै रुकी और ख़ुद पर पाबंद लगाया....। तुमने अपने आंसू, सारे दर्द खामोशी से छुपाया, शायद मुझे दर्द दिखाते दिखाते तुम टूट न जाओ बस इसीलिए मैं हमेशा नासमझ रहा ... हां मैंने नजरअंदाज किया....।।Debasmita ©Debasmita Pani

14 Love

हां मैंने नजरअंदाज किया.... तुमने आंसू छुपाए मुझसे , मैने नजरअंदाज किया... कहीं तुम्हारे दर्द और बढ़ ना जाए, इसलिए कुछ ना पुछा और नजरअंदाज किया....। तुमने खुद के अनछुए दर्द कभी किसी को ना सुनाया, मैने भी नहीं पूछा नजरअंदाज किया... तुम हर बात पे ख़ामोश रहे, मैंने ख़ामोशी पर सवाल नहीं उठाया और नजरअंदाज किया.... जहां जहां तुमने लकीरें खींची, वहां -वहां मै रुकी और ख़ुद पर पाबंद लगाया....। तुमने अपने आंसू, सारे दर्द खामोशी से छुपाया, शायद मुझे दर्द दिखाते दिखाते तुम टूट न जाओ बस इसीलिए मैं हमेशा नासमझ रहा हां मैंने नजरअंदाज किया....।।Debasmita ©Debasmita Pani

#शायरी  हां मैंने नजरअंदाज किया....
तुमने आंसू छुपाए मुझसे , 
मैने नजरअंदाज किया...
कहीं तुम्हारे दर्द  और बढ़ ना जाए, 
इसलिए कुछ ना पुछा और नजरअंदाज किया....।
तुमने खुद के अनछुए दर्द  कभी किसी को ना सुनाया,
मैने भी नहीं पूछा नजरअंदाज किया...
तुम हर बात पे  ख़ामोश रहे,
मैंने ख़ामोशी पर सवाल नहीं उठाया और नजरअंदाज किया....
जहां जहां तुमने लकीरें खींची, 
वहां -वहां
मै रुकी और ख़ुद पर पाबंद लगाया....।
 तुमने अपने आंसू, सारे दर्द खामोशी से छुपाया,
 शायद मुझे दर्द दिखाते दिखाते तुम टूट न जाओ 
बस
 इसीलिए मैं हमेशा नासमझ रहा 
हां
 मैंने नजरअंदाज किया....।।Debasmita

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हां मैंने नजरअंदाज किया.... तुमने आंसू छुपाए मुझसे , मैने नजरअंदाज किया... कहीं तुम्हारे दर्द और बढ़ ना जाए, इसलिए कुछ ना पुछा और नजरअंदाज किया....। तुमने खुद के अनछुए दर्द कभी किसी को ना सुनाया, मैने भी नहीं पूछा नजरअंदाज किया... तुम हर बात पे ख़ामोश रहे, मैंने ख़ामोशी पर सवाल नहीं उठाया और नजरअंदाज किया.... जहां जहां तुमने लकीरें खींची, वहां -वहां मै रुकी और ख़ुद पर पाबंद लगाया....। तुमने अपने आंसू, सारे दर्द खामोशी से छुपाया, शायद मुझे दर्द दिखाते दिखाते तुम टूट न जाओ बस इसीलिए मैं हमेशा नासमझ रहा हां मैंने नजरअंदाज किया....।।Debasmita ©Debasmita Pani

20 Love

काबिल नहीं हूं आपके, ये एहसास कभी आपने होने ही नहीं दिया, थोड़े से खडूस हो,थोड़ा कम बोलते हो, परवाह करना कभी नहीं छोड़ा आपने हम...हक़ जताना नहीं आता तुम्हें, पर मुझे नजर अंदाज कभी किया नहीं ,और... मैंने कभी इंतजार किया ही नहीं, की जताओ आप . बिन कहे अपना एहसास जता देते हो आप, मैं कभी खरी नहीं उतर पाऊंगी आपकी परीक्षा में, क्योंकि मुझे कभी आपने आजमाया ही नहीं . राह चलते डगमगा जाती हूं जब, एक सख्त एहसासो से संभाल लेते हो आप मुझे, इतना ही तो चाहिए एक रिश्ते को, अपनापन और समझदारी की, बाकी मैं कुछ नहीं माँगूँगी कभी आपसे, आपका मिलना ही तो एक मन्नत जैसा है मेरे लिए।।Debasmita ©Debasmita Pani

#शायरी  काबिल नहीं हूं आपके,
ये एहसास  कभी आपने होने ही नहीं दिया,
थोड़े से खडूस हो,थोड़ा कम बोलते हो,
परवाह करना कभी नहीं छोड़ा आपने
हम...हक़ जताना नहीं आता तुम्हें,
 पर मुझे नजर अंदाज कभी किया नहीं ,और...
मैंने कभी इंतजार किया ही नहीं, की जताओ आप .
बिन कहे अपना एहसास जता देते हो आप, 
मैं कभी खरी नहीं उतर पाऊंगी
आपकी परीक्षा में, 
क्योंकि मुझे कभी  आपने आजमाया ही नहीं .
राह चलते डगमगा जाती हूं जब, 
एक सख्त एहसासो से संभाल लेते हो आप मुझे,
इतना ही तो चाहिए एक रिश्ते को,
अपनापन और समझदारी की,
बाकी  मैं कुछ नहीं माँगूँगी कभी आपसे,
आपका मिलना ही तो एक मन्नत जैसा है मेरे लिए।।Debasmita

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काबिल नहीं हूं आपके, ये एहसास कभी आपने होने ही नहीं दिया, थोड़े से खडूस हो,थोड़ा कम बोलते हो, परवाह करना कभी नहीं छोड़ा आपने हम...हक़ जताना नहीं आता तुम्हें, पर मुझे नजर अंदाज कभी किया नहीं ,और... मैंने कभी इंतजार किया ही नहीं, की जताओ आप . बिन कहे अपना एहसास जता देते हो आप, मैं कभी खरी नहीं उतर पाऊंगी आपकी परीक्षा में, क्योंकि मुझे कभी आपने आजमाया ही नहीं . राह चलते डगमगा जाती हूं जब, एक सख्त एहसासो से संभाल लेते हो आप मुझे, इतना ही तो चाहिए एक रिश्ते को, अपनापन और समझदारी की, बाकी मैं कुछ नहीं माँगूँगी कभी आपसे, आपका मिलना ही तो एक मन्नत जैसा है मेरे लिए।।Debasmita ©Debasmita Pani

13 Love

हर बार तेरे बंद दरवाजे को खटखटाना, हर बार मेरा यूं ही दस्तक देना... बंद दरवाजे से टकराते हुए लौट कर आ जाना, कभी वक्त मिले तो खिड़की से झांकना ..... दरवाजे के पास पड़ी हुई मिलेगी मेरी तमन्ना, इंतजार... आसुं और अनगिनत आशाएं जो तुम्हें लेकर...। कमरे के अंदर रह जाओगे तुम, तुम्हारी आंखें विस्तृत और विलीन हो जाएगी दूर बहुत दूर, क्षितिज से परे वहीं पर मिलूंगी मैं तब भी तुम्हारा इंतज़ार करते हुए...।। Debasmita ©Debasmita Pani

#शायरी  हर बार तेरे बंद दरवाजे को खटखटाना,
हर बार मेरा यूं ही दस्तक देना... 
बंद दरवाजे से टकराते हुए
 लौट कर आ जाना,
कभी वक्त मिले तो 
 खिड़की से झांकना .....
दरवाजे के पास पड़ी हुई मिलेगी 
मेरी तमन्ना, इंतजार... आसुं 
और अनगिनत आशाएं जो तुम्हें लेकर...। 
कमरे के अंदर रह जाओगे तुम,
तुम्हारी आंखें विस्तृत और विलीन हो जाएगी 
दूर बहुत दूर, 
क्षितिज से परे  वहीं पर मिलूंगी मैं 
तब भी तुम्हारा
 इंतज़ार करते हुए...।। Debasmita

©Debasmita Pani

हर बार तेरे बंद दरवाजे को खटखटाना, हर बार मेरा यूं ही दस्तक देना... बंद दरवाजे से टकराते हुए लौट कर आ जाना, कभी वक्त मिले तो खिड़की से झांकना ..... दरवाजे के पास पड़ी हुई मिलेगी मेरी तमन्ना, इंतजार... आसुं और अनगिनत आशाएं जो तुम्हें लेकर...। कमरे के अंदर रह जाओगे तुम, तुम्हारी आंखें विस्तृत और विलीन हो जाएगी दूर बहुत दूर, क्षितिज से परे वहीं पर मिलूंगी मैं तब भी तुम्हारा इंतज़ार करते हुए...।। Debasmita ©Debasmita Pani

19 Love

जादुई छड़ी हो आप मेरे, यूं दुर से छू जाते हो... रंगत बदल जाता है चेहरे पर मेरे, इंद्रधनुष की हर रंग से भी रंगीन... दुनियां बदल जाती है मेरी, ले आते हो सारे ऋतु मेरी दुनिया में... कभी बारिश में भिगा देते हो, कभी बसंत जैसा हजारो फूल खिला देते हो मेरे मन की बगियां में..... कभी रूठ जाती हूं तुमसे कड़क धूप के जैसी, कभी छोटी सी एक तुम्हारी मुस्कान से खिल जाता है चेहरा मेरा और रंगत बदल जाती है.... मेरी मुस्कान मेरी चेहरे की चमक हो आप, यूं छू देने से मेरा हर दर्द मिट जाता है, मेरी खुशी मेरी हर दर्द मेरे चेहरे की रंगत, सब आपसे जुड़ी है ..... मेरे दर्द की दवा हर दवा हो तुम, यूं मिट जाता है सारा दर्द मेरा... हां मेरे जादुई छड़ी हो आप.......।। Debasmita ©Debasmita Pani

#शायरी  जादुई छड़ी हो
 आप मेरे,
 यूं दुर से छू जाते हो...
 रंगत बदल जाता है चेहरे पर मेरे, 
इंद्रधनुष की हर रंग से भी रंगीन... 
दुनियां बदल जाती है मेरी, 
ले आते हो सारे ऋतु मेरी दुनिया
में... 
कभी बारिश में भिगा देते हो, 
कभी बसंत जैसा हजारो फूल खिला देते हो 
मेरे मन की बगियां में.....
कभी रूठ जाती हूं तुमसे कड़क धूप के जैसी,
कभी छोटी सी एक तुम्हारी मुस्कान
 से खिल जाता है चेहरा मेरा और 
रंगत बदल जाती है....
मेरी मुस्कान मेरी चेहरे की चमक हो आप, 
यूं छू देने से मेरा हर दर्द मिट जाता है, 
मेरी खुशी मेरी हर दर्द मेरे चेहरे की रंगत, 
सब आपसे जुड़ी है .....
मेरे दर्द की दवा हर दवा हो तुम, 
यूं मिट जाता है सारा दर्द मेरा...
हां मेरे जादुई छड़ी हो आप.......।। Debasmita

©Debasmita Pani

जादुई छड़ी हो आप मेरे, यूं दुर से छू जाते हो... रंगत बदल जाता है चेहरे पर मेरे, इंद्रधनुष की हर रंग से भी रंगीन... दुनियां बदल जाती है मेरी, ले आते हो सारे ऋतु मेरी दुनिया में... कभी बारिश में भिगा देते हो, कभी बसंत जैसा हजारो फूल खिला देते हो मेरे मन की बगियां में..... कभी रूठ जाती हूं तुमसे कड़क धूप के जैसी, कभी छोटी सी एक तुम्हारी मुस्कान से खिल जाता है चेहरा मेरा और रंगत बदल जाती है.... मेरी मुस्कान मेरी चेहरे की चमक हो आप, यूं छू देने से मेरा हर दर्द मिट जाता है, मेरी खुशी मेरी हर दर्द मेरे चेहरे की रंगत, सब आपसे जुड़ी है ..... मेरे दर्द की दवा हर दवा हो तुम, यूं मिट जाता है सारा दर्द मेरा... हां मेरे जादुई छड़ी हो आप.......।। Debasmita ©Debasmita Pani

10 Love

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