जादुई छड़ी हो
आप मेरे,
यूं दुर से छू जाते हो...
रंगत बदल जाता है चेहरे पर मेरे,
इंद्रधनुष की हर रंग से भी रंगीन...
दुनियां बदल जाती है मेरी,
ले आते हो सारे ऋतु मेरी दुनिया
में...
कभी बारिश में भिगा देते हो,
कभी बसंत जैसा हजारो फूल खिला देते हो
मेरे मन की बगियां में.....
कभी रूठ जाती हूं तुमसे कड़क धूप के जैसी,
कभी छोटी सी एक तुम्हारी मुस्कान
से खिल जाता है चेहरा मेरा और
रंगत बदल जाती है....
मेरी मुस्कान मेरी चेहरे की चमक हो आप,
यूं छू देने से मेरा हर दर्द मिट जाता है,
मेरी खुशी मेरी हर दर्द मेरे चेहरे की रंगत,
सब आपसे जुड़ी है .....
मेरे दर्द की दवा हर दवा हो तुम,
यूं मिट जाता है सारा दर्द मेरा...
हां मेरे जादुई छड़ी हो आप.......।। Debasmita
©Debasmita Pani