हर बार तेरे बंद दरवाजे को खटखटाना,
हर बार मेरा यूं ही दस्तक देना...
बंद दरवाजे से टकराते हुए
लौट कर आ जाना,
कभी वक्त मिले तो
खिड़की से झांकना .....
दरवाजे के पास पड़ी हुई मिलेगी
मेरी तमन्ना, इंतजार... आसुं
और अनगिनत आशाएं जो तुम्हें लेकर...।
कमरे के अंदर रह जाओगे तुम,
तुम्हारी आंखें विस्तृत और विलीन हो जाएगी
दूर बहुत दूर,
क्षितिज से परे वहीं पर मिलूंगी मैं
तब भी तुम्हारा
इंतज़ार करते हुए...।। Debasmita
©Debasmita Pani