काबिल नहीं हूं आपके,
ये एहसास कभी आपने होने ही नहीं दिया,
थोड़े से खडूस हो,थोड़ा कम बोलते हो,
परवाह करना कभी नहीं छोड़ा आपने
हम...हक़ जताना नहीं आता तुम्हें,
पर मुझे नजर अंदाज कभी किया नहीं ,और...
मैंने कभी इंतजार किया ही नहीं, की जताओ आप .
बिन कहे अपना एहसास जता देते हो आप,
मैं कभी खरी नहीं उतर पाऊंगी
आपकी परीक्षा में,
क्योंकि मुझे कभी आपने आजमाया ही नहीं .
राह चलते डगमगा जाती हूं जब,
एक सख्त एहसासो से संभाल लेते हो आप मुझे,
इतना ही तो चाहिए एक रिश्ते को,
अपनापन और समझदारी की,
बाकी मैं कुछ नहीं माँगूँगी कभी आपसे,
आपका मिलना ही तो एक मन्नत जैसा है मेरे लिए।।Debasmita
©Debasmita Pani