Arjun Bharat आदित्य

Arjun Bharat आदित्य Lives in Fatehabad, Haryana, India

एक समुद्र हूं कोई गोता लगाकर तो देखो, डूब जाओगे

  • Latest
  • Popular
  • Video
#my_truth #Adhura  मन करता है कि तुमसे लाख बातें करूं पर तुम्हारे पास इतना वक्त कहां है? तुमसे तुम्हारी शिकायत करूं, तुमसे रूठूं, पर ये सोच कर डर जाता हूं कि अगर तुमने मनाया ही नहीं। तुम्हारे इंतजार में कहीं मैं  खत्म ही न हो जाऊं। हर दिन तुमसे एक वादा कर देता हूं पर ये भी नहीं जानता कि तुम मेरे साथ उन वादों को पूरा करने के लिए होगे भी या नहीं।

©Arjun Bharat आदित्य

जीवन में संगतता का होना अति आवश्यक है।यदि आप अपने कार्य में संगतता नहीं दिखाते तो आप विफल होने को तैयार रहें ©Arjun Bharat आदित्य

#Dark  जीवन में संगतता का होना अति आवश्यक है।यदि आप अपने कार्य में संगतता नहीं दिखाते तो आप विफल होने को तैयार रहें

©Arjun Bharat आदित्य

#Dark

8 Love

ज़िंदगी का दूसरा नाम ही संघर्ष है। इस संघर्ष भरे जीवन का सफर करते समय हम राह में खड़े होकर अपने जीवन के निशांत होने की प्रतीक्षा करते हैं । उस समय हम ये भूल जाते हैं कि ये सफर कैलाश के सफर की तरह कठिन ही है। अब हमें विचार करना है कि इस भोर होने की प्रतीक्षा खड़े होकर करनी है या फिर सफर करके। ©Arjun Bharat आदित्य

#सफर् #भोर् #alone  ज़िंदगी का दूसरा नाम ही संघर्ष है। इस संघर्ष भरे जीवन का सफर करते समय हम राह में खड़े होकर अपने जीवन के निशांत होने की  प्रतीक्षा करते हैं । उस समय हम ये भूल जाते हैं कि ये सफर कैलाश के सफर की तरह कठिन ही है। अब हमें विचार  करना है कि इस भोर होने की प्रतीक्षा खड़े होकर करनी है या फिर सफर करके।

©Arjun Bharat आदित्य

आज के दिन ही अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में हिंदी को महत्त्वपूर्ण भाषा का दर्ज़ा देने की नाकाम कोशिश की जाती है। ©Arjun Bharat आदित्य

#हिंदी_दिवस #विचार  आज के दिन ही अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में हिंदी को महत्त्वपूर्ण भाषा का दर्ज़ा देने की नाकाम कोशिश की जाती है।

©Arjun Bharat आदित्य

मोहब्बत और दोस्ती को कभी भी मुक्कमल नहीं होना चाहिए क्योंकि जब आप उनके लिए सोचते हो, तो सिवाय तन्हाई और रुसवाई के कुछ नहीं मिलता। ©Arjun Bharat आदित्य

#तन्हाई #रुसवाई #विचार #Death  मोहब्बत और दोस्ती को कभी भी मुक्कमल नहीं होना चाहिए क्योंकि जब आप उनके लिए सोचते हो, तो सिवाय तन्हाई और रुसवाई के कुछ नहीं मिलता।

©Arjun Bharat आदित्य

मेरे जीवन का उद्देश्य आज तक तुम्हें संजो कर रखना था। परंतु मेरे साथ पिछले कुछ दिनों में जो घटित हुआ, उसने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इस संसार में निष्ठुर बन जाना ही सबसे उत्तम है। निष्ठुरता हमें स्वयं पर केंद्रित करती है। मैं जीवन के अंतिम क्षण तक तुम्हारे प्रेम को संजो कर रखूंगा। लेकिन बाह्य रूप से तुमसे और इस संसार से निष्ठुर बना रहूंगा। ©Arjun Bharat आदित्य

#सफरनामा #ज़िन्दगी #Walk  मेरे जीवन का उद्देश्य आज तक तुम्हें संजो कर रखना था। परंतु मेरे साथ पिछले कुछ दिनों में जो घटित हुआ, उसने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इस संसार में निष्ठुर बन जाना ही सबसे उत्तम है। निष्ठुरता हमें स्वयं पर केंद्रित करती है। मैं जीवन के अंतिम क्षण तक तुम्हारे प्रेम को संजो कर रखूंगा। लेकिन बाह्य रूप से तुमसे और इस संसार से निष्ठुर बना रहूंगा।

©Arjun Bharat आदित्य
Trending Topic