मेरे जीवन का उद्देश्य आज तक तुम्हें संजो कर रखना था। परंतु मेरे साथ पिछले कुछ दिनों में जो घटित हुआ, उसने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इस संसार में निष्ठुर बन जाना ही सबसे उत्तम है। निष्ठुरता हमें स्वयं पर केंद्रित करती है। मैं जीवन के अंतिम क्षण तक तुम्हारे प्रेम को संजो कर रखूंगा। लेकिन बाह्य रूप से तुमसे और इस संसार से निष्ठुर बना रहूंगा।
©Arjun Bharat आदित्य
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