कौन हैं वो लड़की?
वो चुप चुप सी क्यूं हैं?
इक राज छुपाए अपने दिल में,
वो गुमसुम सी क्यूं हैं।
लेगी वो बदला,
बदला लेगी वो, उस हर कातिल से,
जिसने उस लड्की की हंसी को,
दर्द में भींगाई हैं।
वही आसमां, वही जमीं होगी,
रात भी वैसी,बात भी वैसी ही होगी
उसी जगह, वही भंयकर शोर होगा
बदले में सब कुछ खामोश होगा।
धर्म होगा, मर्ज होगा,
बांकि था वो फर्ज होगा।
बड़े दिनो के बाद आज,
उस दिल का दर्द कम होगा।
दौड़ी थी वो ,चीखी थी वो,
लेकिन रहम न किसी ने दिखलाई।
आयी, आयी, आयी, आयी
अब उस हत्यारे कि बारी आई।
©rajeshwari Thakur
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