Village Life हरियाली के बीच रांझणा,पूंछ मरोड़े बैलों की।
साँझ पड़े मैं बात बताऊं,घास फूस के महलों की।।
जब चंदा चांदनी बरसाए,
गौरी के नैन तो हरषे रे,,
रात अमावस की हो तो,
हम सब के नैना बरसे रे,,
मंदिर की झालर बज उठे,
बैलों की घंटियाँ नाच फिरे,,
और स्याह अंधेरे के मध्य,
मेरी झोंपड़ की तो लाज गिरे,,
इतना होने पर मन मेरा,बात करे नहले दहलो की।
साँझ पड़े मैं बात बताऊं,घास फूस के महलों की।।
©Satish Kumar Meena
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here