Village Life आदिवासी देवों की बिल्कुल भी चाह नही | हिंदी कविता

"Village Life आदिवासी देवों की बिल्कुल भी चाह नही होती, ईंट सीमेंट से बनी कोई चारदीवारी। उन्हें तो भाते हैं झरने,सुरम्य प्रकृति और सुंदर नील गगन रूपी छतरी। इंसान देवताओं को चार दिवारी में कैद कर उनके संरक्षण की बात करते हैं। कभी जाकर देखना आदिवासियों के देवगुड़ी पर वहां पे उनके अविचल प्रमाण स्थापित होते हैं। ©rajeshwari Thakur"

 Village Life आदिवासी देवों की 
बिल्कुल भी चाह नही होती, 
ईंट सीमेंट से बनी कोई चारदीवारी।

उन्हें तो भाते हैं 
झरने,सुरम्य प्रकृति
और सुंदर नील गगन रूपी छतरी।

इंसान देवताओं को 
चार दिवारी में कैद कर 
उनके संरक्षण की बात करते हैं। 

कभी जाकर देखना 
आदिवासियों के देवगुड़ी पर
वहां पे उनके अविचल प्रमाण स्थापित होते हैं।

©rajeshwari Thakur

Village Life आदिवासी देवों की बिल्कुल भी चाह नही होती, ईंट सीमेंट से बनी कोई चारदीवारी। उन्हें तो भाते हैं झरने,सुरम्य प्रकृति और सुंदर नील गगन रूपी छतरी। इंसान देवताओं को चार दिवारी में कैद कर उनके संरक्षण की बात करते हैं। कभी जाकर देखना आदिवासियों के देवगुड़ी पर वहां पे उनके अविचल प्रमाण स्थापित होते हैं। ©rajeshwari Thakur

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