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Writer Mamta Ambedkar

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सबसे पहले भारत का संविधान तभी बनेगा देश महान। इसकी नीति से चलता भारत का इंसान संविधान से ही मिलता हैं सबको हक अधिकार हमेशा याद रखना देश की जनता से ही बनाता देश महान। हर किसी के हित की रक्षा करता ऐसा है बाबा साहेब का लिखा विधान। सबको जोड़ कर रखे ऐसा है भारत का संविधान। सामाजिक आर्थिक न्याय से ही हैं हर व्यक्ति का इसमें सम्मान भारतीय संविधान ही भरता हैं हर नारी के जीवन में मुस्कान। 26 नवंबर1949को पारित 26 जनवरी1950 को लागू सबसे लोकप्रिय परमान हैं भारत का संविधान लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष ही हैं गणतंत्र की पहचान संविधान का आदर और इसके गौरवशाली प्रावधानों का गंभीरता से पालन करना नागरिकों का परम कर्तव्य है। भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन बहुत अहमियत रखता है इसी दिन संविधान सभा ने संविधान को स्वीकृति दी थी | इस वजह से इस दिन को संविधान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है समस्त देश वासियों को संविधान दिवस की हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएं कवित्रि एंव Writer Mamta ambedkar samaj sevika jila ghaziabad uttar Pradesh ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Mic  सबसे पहले भारत का संविधान 
तभी बनेगा देश महान।

 इसकी नीति से चलता भारत का इंसान
 संविधान से ही मिलता हैं 
सबको हक अधिकार

 हमेशा याद रखना देश की जनता 
से ही बनाता देश  महान।

 हर किसी के हित की रक्षा करता
 ऐसा है बाबा साहेब का लिखा विधान।

 सबको जोड़ कर रखे ऐसा है
 भारत का संविधान। 

सामाजिक आर्थिक न्याय से ही हैं
हर व्यक्ति का इसमें सम्मान

भारतीय संविधान ही भरता हैं
हर नारी के जीवन में मुस्कान। 

 26 नवंबर1949को पारित 
 26 जनवरी1950 को लागू 

सबसे लोकप्रिय परमान हैं
भारत का संविधान 

लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष ही हैं
गणतंत्र की पहचान

संविधान का आदर और इसके गौरवशाली

प्रावधानों का गंभीरता से पालन करना
नागरिकों का परम कर्तव्य है।

भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन बहुत अहमियत रखता है

  इसी दिन संविधान सभा ने
 संविधान को स्वीकृति दी थी |

 इस वजह से इस दिन को संविधान दिवस’ के रूप में 
मनाया जाता है

समस्त देश वासियों को
संविधान दिवस की हार्दिक 
बधाई एवं मंगल कामनाएं

कवित्रि एंव Writer Mamta ambedkar samaj sevika jila ghaziabad uttar Pradesh

©Writer Mamta Ambedkar

#Mic

8 Love

White अपनों से हार जिंदगी की राहों में, चलते रहे निरंतर, सोचा न था, अपनों से ही होंगे बेअसर। ग़ैरों के तीर सह लिए मुस्कुराकर, मगर अपनों की चोट ने कर दिया लाचार। जो साथ थे, वही पराए हो गए, बिन कहे ही रिश्ते बुझाए हो गए। आँखों में थे जिनके हमारे लिए ख्वाब, आज वही देते हैं दर्द बेहिसाब। ग़ैरों की ठोकरें संभलना सिखाती हैं, मगर अपनों की बेरुखी रुलाती है। जिन्हें अपना समझकर दिल दिया था, उन्होंने ही हमें अजनबी बना दिया था। पर ये भी सच है, यही दुनिया का दस्तूर, जो जितना करीब, वही देता है ज़ख़्म भरपूर। पर हार कर भी हम रुकेंगे नहीं, अपने जख्मों को भी गुल बना देंगे सही। जिंदगी के सफ़र में चलते रहेंगे, अपनों की साजिशों से भी लड़ते रहेंगे। क्योंकि हार मानना हमारी फितरत नहीं, हर दर्द को जीत में बदलते रहेंगे। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Sad_Status  White अपनों से हार

जिंदगी की राहों में, चलते रहे निरंतर,
सोचा न था, अपनों से ही होंगे बेअसर।
ग़ैरों के तीर सह लिए मुस्कुराकर,
मगर अपनों की चोट ने कर दिया लाचार।

जो साथ थे, वही पराए हो गए,
बिन कहे ही रिश्ते बुझाए हो गए।
आँखों में थे जिनके हमारे लिए ख्वाब,
आज वही देते हैं दर्द बेहिसाब।

ग़ैरों की ठोकरें संभलना सिखाती हैं,
मगर अपनों की बेरुखी रुलाती है।
जिन्हें अपना समझकर दिल दिया था,
उन्होंने ही हमें अजनबी बना दिया था।

पर ये भी सच है, यही दुनिया का दस्तूर,
जो जितना करीब, वही देता है ज़ख़्म भरपूर।
पर हार कर भी हम रुकेंगे नहीं,
अपने जख्मों को भी गुल बना देंगे सही।

जिंदगी के सफ़र में चलते रहेंगे,
अपनों की साजिशों से भी लड़ते रहेंगे।
क्योंकि हार मानना हमारी फितरत नहीं,
हर दर्द को जीत में बदलते रहेंगे।

©Writer Mamta Ambedkar

#Sad_Status

9 Love

White बागबां अब अकेला हैं, उम्र के इस मोड़ पर !!सब परिंदे उड़ गए हैं, धीरे-धीरे छोड़कर, चमन सूनसान है अब, साज को तोड़कर। बागबां खड़ा है, पेड़ों की छांव तले, पर साया भी रूठ गया, वक्त की चाल चले। उम्र की ढलान पर, अकेलेपन का पहरा, हर सांस में गूंजता है यादों का गहरा। जहां कभी था चहचहाट का समां, अब खामोशी का है वहां नया जहां। ख्वाबों के पत्ते झड़ गए पतझड़ की तरह, बचपन की खुशियां बिछड़ गई उम्र भर। अब तो बस यादें हैं, बीते दिनों की, और आंखें नम हैं, अपनों के गम की। पर बागबां का हौसला, पत्थर से कम नहीं, हर दर्द सह लेता है, कोई गम नहीं। परिंदे भले ही उड़ गए, पर घोंसले हैं याद, और उम्मीदें कहती हैं, आएगा फिर कोई दिन खास। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #sad_quotes  White बागबां अब अकेला हैं, उम्र के इस मोड़ पर !!सब परिंदे उड़ गए हैं, धीरे-धीरे छोड़कर,
चमन सूनसान है अब, साज को तोड़कर।

बागबां खड़ा है, पेड़ों की छांव तले,
पर साया भी रूठ गया, वक्त की चाल चले।

उम्र की ढलान पर, अकेलेपन का पहरा,
हर सांस में गूंजता है यादों का गहरा।

जहां कभी था चहचहाट का समां,
अब खामोशी का है वहां नया जहां।

ख्वाबों के पत्ते झड़ गए पतझड़ की तरह,
बचपन की खुशियां बिछड़ गई उम्र भर।

अब तो बस यादें हैं, बीते दिनों की,
और आंखें नम हैं, अपनों के गम की।

पर बागबां का हौसला, पत्थर से कम नहीं,
हर दर्द सह लेता है, कोई गम नहीं।

परिंदे भले ही उड़ गए, पर घोंसले हैं याद,
और उम्मीदें कहती हैं, आएगा फिर कोई दिन खास।

©Writer Mamta Ambedkar

#sad_quotes

12 Love

White बालिका दिवस नन्हीं कली, कोमल सी प्यारी, सपनों से भरी दुनिया न्यारी। हर दिल का अभिमान बने, हर घर का सम्मान बने। चमकती किरण सी जो मुस्काए, सपनों का आकाश सजाए। पढ़ाई, खेल, हर कला में आगे, हर मुश्किल में हौसला बढ़ाए। मत रोको उसे, न बांधो पंख, उड़ने दो उसे अपने संग। वो भी है धरती का गौरव, जीवन का सुंदरतम स्वरूप। बालिका है तो जीवन खिलता, उससे सारा संसार है मिलता। चलो मनाएं ये दिवस खास, दे हर बालिका को सम्मान और आस। "बालिका दिवस पर संकल्प लें, हर बेटी का जीवन सुंदर बनें।" ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #fathers_day  White बालिका दिवस 

नन्हीं कली, कोमल सी प्यारी,
सपनों से भरी दुनिया न्यारी।

हर दिल का अभिमान बने,
हर घर का सम्मान बने।

चमकती किरण सी जो मुस्काए,
सपनों का आकाश सजाए।

पढ़ाई, खेल, हर कला में आगे,
हर मुश्किल में हौसला बढ़ाए।

मत रोको उसे, न बांधो पंख,
उड़ने दो उसे अपने संग।

वो भी है धरती का गौरव,
जीवन का सुंदरतम स्वरूप।

बालिका है तो जीवन खिलता,
उससे सारा संसार है मिलता।

चलो मनाएं ये दिवस खास,
दे हर बालिका को सम्मान और आस।

"बालिका दिवस पर संकल्प लें,
हर बेटी का जीवन सुंदर बनें।"

©Writer Mamta Ambedkar

#fathers_day

14 Love

White प्रकृति सुंदर रूप धारे, रंग-बिरंगे फूल खिले। हर दिल में प्रेम बसा रहे, यही तो सच्चा जीवन है धरती पर बिखरे मोती जैसे, बगिया में महकते फूल,ऐसे आकाश में सूर्य की किरणें, नदियों में बहती धारा, हर एक सांस में बसता है, प्रेम का गहरा तारा। हवाओं में गूंजे सुख-संदेश, चाँदनी रातों की गहरी नींद, हर दिन एक नयी सुबह हो, जीवन में अमृत जैसे प्रेम की जीत। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #good_night  White प्रकृति सुंदर रूप धारे, 
रंग-बिरंगे फूल खिले।

हर दिल में प्रेम बसा रहे,
 यही तो सच्चा जीवन है 

धरती पर बिखरे मोती जैसे,
 बगिया में महकते फूल,ऐसे

आकाश में सूर्य की किरणें, 
नदियों में बहती धारा,

हर एक सांस में बसता है, 
प्रेम का गहरा तारा।

हवाओं में गूंजे सुख-संदेश,
 चाँदनी रातों की गहरी नींद,

हर दिन एक नयी सुबह हो, 
जीवन में अमृत जैसे प्रेम की जीत।

©Writer Mamta Ambedkar

**खुद की तलाश** मैंने आज तक खुद को समझ नहीं पाया, खुद की परछाईं से भी नाता जुड़ नहीं पाया। हर मोड़ पर सवालों का साया मिला, जवाबों का जहां कभी साफ़ न दिखा। लोग क्या-क्या समझते हैं मुझे, कभी परिंदे, कभी बंदिशें समझते हैं मुझे। मैं एक गूंज हूँ, जो ख़ुद से टकराई, शायद इसलिए, मेरी आवाज़ भी अधूरी रह गई। दुनिया ने जो देखा, वो चेहरा नकाब था, मेरे भीतर का सच तो अनकहा ख़्वाब था। खुद से मिलने की चाह अब भी बाकी है, इस सफर में मंज़िल कहीं धुंधली सी झांकी है। क्या मैं बूँद हूँ, या मैं समंदर का हिस्सा, क्या मैं एक सवाल हूँ, या किसी उत्तर का हिस्सा? खुद को समझने की कशिश जारी है, इस दिल की कहानी अभी अधूरी सारी है। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #allalone  **खुद की तलाश**  

मैंने आज तक खुद को समझ नहीं पाया,  
खुद की परछाईं से भी नाता जुड़ नहीं पाया।  
हर मोड़ पर सवालों का साया मिला,  
जवाबों का जहां कभी साफ़ न दिखा।  

लोग क्या-क्या समझते हैं मुझे,  
कभी परिंदे, कभी बंदिशें समझते हैं मुझे।  
मैं एक गूंज हूँ, जो ख़ुद से टकराई,  
शायद इसलिए, मेरी आवाज़ भी अधूरी रह गई।  

दुनिया ने जो देखा, वो चेहरा नकाब था,  
मेरे भीतर का सच तो अनकहा ख़्वाब था।  
खुद से मिलने की चाह अब भी बाकी है,  
इस सफर में मंज़िल कहीं धुंधली सी झांकी है।  

क्या मैं बूँद हूँ, या मैं समंदर का हिस्सा,  
क्या मैं एक सवाल हूँ, या किसी उत्तर का हिस्सा?  
खुद को समझने की कशिश जारी है,  
इस दिल की कहानी अभी अधूरी सारी है।

©Writer Mamta Ambedkar

#allalone

14 Love

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