मोहब्बत कभी अतीत का हिस्सा नही बनती,
यह होती है और रहती है ताउम्र
आप शहर बदल ले या देश छोड़ दें,
जिंदगी में बड़े से बड़ा बदलाव ले आए,
स्वयं को व्यस्त कर लें,
लेकिन मोहब्बत अपनी जगह से बराबर भी नही हटती।
मोहब्बत और बातों का आपस में कोई रिश्ता नही है,
आप चाय या कॉफी पीते हुए किसी कहानी या फिल्म में किरदारों को देखकर
कोई अधूरा गाना सुन के और यहाँ तक की राह चलते हुए
किसी पुराने कागज के टुकड़े पर भी
सिर्फ मोहब्बत शब्द लिखा हुआ पढ़ लें तो
आपके दिमाग में उसका चेहरा आ जाएगा...
मुझे अनुभव तो नहीं है पर नहीं लिखता हूँ तो मेरे मन मस्तिष्क में चलते द्वंद्वात्मक सवालों के बीच उलझा रहता हूँ इसलिए लिख रहा हूँ....
©Rishi Ranjan
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here