White यूं तो आजकल कुछ खास लिख नहीं पाता हूं...
मगर तुम्हे सोचकर लिखने लगूं तो,
न जाने कितने ख्याल मन में उछल कूद करने लगते हैं,
तुम्हारी बातें मेरी उंगलियों में जान फूंक देता है जैसे,
मन मस्तिष्क में उमड़ते हैं ,
सारे रंग तुम्हारी चाहत के,
तुम्हारा प्रेम मुझे कभी रिक्त रहने ही नहीं देता,
उसके लिए न शब्द कम पड़ते है मेरे पास,
न हाथ थकते हैं कभी ,
बस तुम्हे याद करने की देरी है,
और मेरे ख्यालों की वो दुनिया जिसमें सिर्फ तुम रहते हो,
खिल उठती है ,चहकने लगती है,
जगमगाने लगती है ये मेरी छोटी छोटी सी आंखे भी,
और चेहरा ऐसे खिलता है मानो,
कौन बनेगा करोड़पति में ,
विजेता मुझे ही चुन लिया गया हो
हर किसी को कहां मिलता है ऐसा प्रेम,
जो जीवन पर्यंत मेरे साथ साथ चलता है,
जिसे मैं कभी बिसरा नहीं सकता,
जिस बातों को केवल स्मरण करते ही,
न जाने कितनी पीड़ाएं कम हो जाती हैं,
साथ रहने ,साथ चलने से ज्यादा जरूरी होता है,
साथ बने रहना ,
किसी के एहसासों की महक ,
आजीवन हमारे मन मस्तिष्क पर यूं छाई रहे,
जैसे हृदय में सांसों का आवागमन ...!
©Rishi Ranjan
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