White सत्ता सब को चाहिए सतत कोई नहीं होना चाहता... | हिंदी Poetry

"White सत्ता सब को चाहिए सतत कोई नहीं होना चाहता.... जो सतत होना चाहते हैं उसे भी डराया जाता है धमकाया जाता है.... सत्ता के लालच में यहाँ हर नेता अंधा है मानों जैसे उसका यह एक धंधा है.... कभी धर्म के नाम पर लडाया जाता है.. यहाँ कर्म कोई नहीं देखता... देखते हैं सब केवल जात और पात... यहां माता और बहनों के नाम पर वोट मांगने वाले लोग माता और बहन पर हो रहे अत्याचार रोक नहीं पा रहे हैं... बल्कि जो अत्याचार करते हैं उनको अपनी पार्टी में शामिल कर के उसके नाम पर वोट मांगते हैं.... राम को लाने वाले आजकल राम का नाम भूल गए हैं.. नौकरी विरोधी लोग सत्ता के गलियारों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि नौकरी मांगने वाले विद्यार्थियों पर लाठियां बरसवाते हैं... शायद वो भूल गए हैं जब वोट मांगने आते हैं तो 2 करोड़ नौकरी का वादा कर के जाते हैं... हर परीक्षा का पेपर लीक कर के उस परीक्षा को टाल के आने वाले 5 साल गुजार लेते हैं... अगली वोट में परिक्षाओं के नाम पर फिर से वोट मांग लेते हैं... ©Rishi Ranjan"

 White सत्ता सब को चाहिए सतत कोई नहीं होना चाहता....
जो सतत होना चाहते हैं उसे भी डराया जाता है
 धमकाया जाता है....
सत्ता के लालच में यहाँ हर नेता अंधा है 
मानों जैसे उसका यह एक धंधा है....
कभी धर्म के नाम पर लडाया जाता है..
यहाँ कर्म कोई नहीं देखता...
देखते हैं सब केवल जात और पात...
यहां माता और बहनों के नाम पर वोट मांगने वाले लोग 
माता और बहन पर हो रहे अत्याचार रोक नहीं पा रहे हैं...
बल्कि जो अत्याचार करते हैं उनको अपनी पार्टी में 
शामिल कर के उसके नाम पर वोट मांगते हैं....
राम को लाने वाले आजकल राम का नाम भूल गए हैं..
नौकरी विरोधी लोग सत्ता के गलियारों में इतने व्यस्त हो गए हैं 
कि नौकरी मांगने वाले विद्यार्थियों पर लाठियां बरसवाते हैं...
शायद वो भूल गए हैं जब वोट मांगने आते हैं तो
 2 करोड़ नौकरी का वादा कर के जाते हैं...
हर परीक्षा का पेपर लीक कर के उस परीक्षा को टाल के 
आने वाले 5 साल गुजार लेते हैं... 
अगली वोट में परिक्षाओं के नाम पर फिर से वोट मांग लेते हैं...

©Rishi Ranjan

White सत्ता सब को चाहिए सतत कोई नहीं होना चाहता.... जो सतत होना चाहते हैं उसे भी डराया जाता है धमकाया जाता है.... सत्ता के लालच में यहाँ हर नेता अंधा है मानों जैसे उसका यह एक धंधा है.... कभी धर्म के नाम पर लडाया जाता है.. यहाँ कर्म कोई नहीं देखता... देखते हैं सब केवल जात और पात... यहां माता और बहनों के नाम पर वोट मांगने वाले लोग माता और बहन पर हो रहे अत्याचार रोक नहीं पा रहे हैं... बल्कि जो अत्याचार करते हैं उनको अपनी पार्टी में शामिल कर के उसके नाम पर वोट मांगते हैं.... राम को लाने वाले आजकल राम का नाम भूल गए हैं.. नौकरी विरोधी लोग सत्ता के गलियारों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि नौकरी मांगने वाले विद्यार्थियों पर लाठियां बरसवाते हैं... शायद वो भूल गए हैं जब वोट मांगने आते हैं तो 2 करोड़ नौकरी का वादा कर के जाते हैं... हर परीक्षा का पेपर लीक कर के उस परीक्षा को टाल के आने वाले 5 साल गुजार लेते हैं... अगली वोट में परिक्षाओं के नाम पर फिर से वोट मांग लेते हैं... ©Rishi Ranjan

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