मैंने देखा प्रकृति को जो शायद कुछ कहना चाहती है,
जो इस संसार की आकृति दिखाती है,
तभी तो बादलों संग खुबसूरत पहाड़ों की रानी कहलाती है,
मेरे मन को बहुत भांति है।'
-@sw_thought
my words in continuation 👇👇👇
तुफानों की गूंज में भी शांत स्वर जो सुनाती हे
धरती पर बिछी हरियाली की चादर दिल को बहलाती है।
नदियां भी की कल-कल में मधुर गीत गाती हे
यह वही प्रकृति हे जो जीवन का अर्थ समझाती है।
सूरज की किरणों से दिन को सजाता हे
चांद की चांदनी से रात महक उठती है।
पत्तों की सरसराहट में छिपा कोई एक संदेश हे
हर मौसम की आहट में खुशीओं का आगमन है।
फूलों की खुशबू से हर किसी का दिल महकाती हे
झरनों की धारा संग हर प्यासे कि प्यास बुझाती है।
यह प्रकृति सच्चाई का आईना बन जाती हे
सच कहुं तो यह मेरी आत्मा को शांति दिलाती है।
©Manthan's_kalam
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