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मेंरा यही अंदाज जमाने को बुरा लगता है यह इतनी ठोकरो के बाद कैसे सीधा चलता है... 👍सतीश गुप्ता👍
White लिखता हु अपनी जुबानी अपनी हर कहानी कोई समझ न सके कोई पढ़ न सके जब आय गुमान थोड़ी सा भी मुड़ के पढ़ लूं पन्नों को ताकि गिर न सकूं किसी को गिरा न सकूं आय घमंड किसी बात का यदि तभी एक पन्ना पलट कर देख लूं एक पन्ना लिखता चलूं लिखता चलूं अपनी जुबानी अपनी कहानी। 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta
satish gupta
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White टूटा हू लेकिन टूटा दिखता नहीं यही मेरी सादगी है जिसको हर कोई समझा नहीं यूं ही बिखर जाऊ ये हरगिज़ संभव नहीं हर कोई समझ ले ऐसा कोई मिला नहीं । 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta
12 Love
White कर भी क्या सकता हूं दिल का प्यारा हूं किस्मत का मारा हूं मां बाप का दुलारा हूं मन का हारा हूं जीने की राह में जीवन लगा है दांव में कितनों ने दिल थोड़े कितनों ने मुंह मोडे किस्मत भी साथ न छोड़े फिर भी हम न टूटे चलता हूं चलता रहूंगा मुसाफिर हू यारो सबसे लड़ूंगा राह की तकलीफें ही मंजिल का लक्ष्य है जब तक जीवित हू चलता रहूंगा मंजिल तो मेरी तय है बस चंद पलो की दूरी है जीतना जनता हूं और जीतना मेरी लक्ष्य की धूरी है। 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta
16 Love
White जला देना एक दीपक जो हुए बलिदान देश की रखवाली में एक दीपक उनके भी नाम जो देश की सेवा में लगे है जवान एक दीपक इस बार जो हुए हमसे दूर रतन टाटा जी जैसे थे वो कोहनूर एक दीपक देश की कुशलता के नाम जो सतत करे सफलता का प्रयास और एक दीपक जला लेना अपने भीतर जो कर दे अंदर से प्रकाश मिट जाए भेद और हो जाए चारों ओर उजियार। 🙏 सतीश गुप्ता 🙏 ©satish gupta
13 Love
White महफिल बनी रहेंगी बस तराने बदलेंगे गाने वही रहेंगे बस गाने वाले बदलेंगे। हम तो मुसाफिर हैं बस मिलते और चलते रहेंगे राहें वहीं रहेगी बस राहों में मिलने वाले बदलेंगे। 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta
11 Love
White प्रभु श्री राम जी ने मारा एक रावण अब रावण ही रावण हो गए परंपरा हुई रावण रूपी असत्य को मिटाना अब रावण ही रावण हो गए असत्य पर सत्य की जीत हुई अब जीत कर भी हार गए हम जलाओ एक ऐसी अलख रावण रूपी पुतले में लाखों आहूति हो दुष्टों की भूल जाए वो सपने मे भी कोई ऐसा दुष्कर करे रावण दहन तो परंपरा है अब हम मिलकर एक इतिहास रचे रावण रूपी हर राक्षसों का हर दशहरे में दहन करे। मर्यादा पुरुषोत्तम थे वो जिसमें थे संस्कार भरे अब हम मिलकर नए नर रूपी राक्षसों का दहन करे। स्वरचित 👏 सतीश गुप्ता 👏 ©satish gupta
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