White कर भी क्या सकता हूं दिल का प्यारा हूं किस्मत | हिंदी कविता

"White कर भी क्या सकता हूं दिल का प्यारा हूं किस्मत का मारा हूं मां बाप का दुलारा हूं मन का हारा हूं जीने की राह में जीवन लगा है दांव में कितनों ने दिल थोड़े कितनों ने मुंह मोडे किस्मत भी साथ न छोड़े फिर भी हम न टूटे चलता हूं चलता रहूंगा मुसाफिर हू यारो सबसे लड़ूंगा राह की तकलीफें ही मंजिल का लक्ष्य है जब तक जीवित हू चलता रहूंगा मंजिल तो मेरी तय है बस चंद पलो की दूरी है जीतना जनता हूं और जीतना मेरी लक्ष्य की धूरी है। 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta"

 White कर भी क्या सकता हूं
दिल का प्यारा हूं
किस्मत का मारा हूं
मां बाप का दुलारा हूं 
मन का हारा हूं 
जीने की राह में
जीवन लगा है दांव में 
कितनों ने दिल थोड़े 
कितनों ने मुंह मोडे 
किस्मत भी साथ न छोड़े 
फिर भी हम न टूटे 
चलता हूं चलता रहूंगा 
मुसाफिर हू यारो 
सबसे लड़ूंगा 
राह की तकलीफें ही मंजिल का लक्ष्य है 
जब तक जीवित हू 
चलता रहूंगा 
मंजिल तो मेरी तय है
बस चंद पलो की दूरी है
जीतना जनता हूं 
और जीतना मेरी लक्ष्य की धूरी है।


  👍 सतीश गुप्ता 👍

©satish gupta

White कर भी क्या सकता हूं दिल का प्यारा हूं किस्मत का मारा हूं मां बाप का दुलारा हूं मन का हारा हूं जीने की राह में जीवन लगा है दांव में कितनों ने दिल थोड़े कितनों ने मुंह मोडे किस्मत भी साथ न छोड़े फिर भी हम न टूटे चलता हूं चलता रहूंगा मुसाफिर हू यारो सबसे लड़ूंगा राह की तकलीफें ही मंजिल का लक्ष्य है जब तक जीवित हू चलता रहूंगा मंजिल तो मेरी तय है बस चंद पलो की दूरी है जीतना जनता हूं और जीतना मेरी लक्ष्य की धूरी है। 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta

#Sad_Status 9 दिसम्बर 2024

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