White कर भी क्या सकता हूं
दिल का प्यारा हूं
किस्मत का मारा हूं
मां बाप का दुलारा हूं
मन का हारा हूं
जीने की राह में
जीवन लगा है दांव में
कितनों ने दिल थोड़े
कितनों ने मुंह मोडे
किस्मत भी साथ न छोड़े
फिर भी हम न टूटे
चलता हूं चलता रहूंगा
मुसाफिर हू यारो
सबसे लड़ूंगा
राह की तकलीफें ही मंजिल का लक्ष्य है
जब तक जीवित हू
चलता रहूंगा
मंजिल तो मेरी तय है
बस चंद पलो की दूरी है
जीतना जनता हूं
और जीतना मेरी लक्ष्य की धूरी है।
👍 सतीश गुप्ता 👍
©satish gupta
#Sad_Status 9 दिसम्बर 2024