Suman Rakesh Shah

Suman Rakesh Shah

I am a mother, a wife, a home maker, an insurance agent, but beside of all I'm an artist. Art gives me satisfaction of life, and gives me my identity, I'm sharing some my art piece, some poetry, with the world through social media, hoping to make art that connects with people. Your one like, comment and subscription will give abundance of happiness to me. please share these posts with your friends to encourage me, to spread love in the world.

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#कविता

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स्त्री अक्सर दो दुनिया में जीती है इक दुनिया घर की दहलीज के भीतर, समाज व परिवार के दायरों में खुद को भूली सी, बाहर बिखरी सी खुश दिखती है जैसे सारे जहां की खुशियों उसके कदमों में पड़ी है झुकी नजर, खामोश जुबान, सब कुछ स्वीकारती सी मुस्कान मगर एकांत में वो इक अलग दुनिया में पहुंच जाती है भीतर की दुनिया खुद की गहराइयों में उतरती है डूबती है, उबरती है, बारिश की कुछ बूंदे चेहरे पर महसूस करती है पहली बारिश और मिट्टी की खुशबू में वो खो जाती है कभी वो हवा के साथ उड़ती है कभी नदी के साथ बहती है कभी जब फूलों की खुशबू से महक जाती है कभी अकेले चांद को देखती है मगर ये सब तो बहाने है भीतर की दुनिया में उतरने के फिर लौट ही आना है उस दुनिया में जहाँ खुश दिखती है वो जैसे सारे जहां की खुशियों उसके कदमों में पड़ी है ..सुमन शाह ©Suman Rakesh Shah

#जानकारी #sumanshah #Ruhaani #Woman #world  स्त्री अक्सर दो दुनिया में जीती है
इक दुनिया घर की दहलीज के भीतर,
समाज व परिवार के दायरों में
खुद को भूली सी, बाहर बिखरी सी
खुश दिखती है जैसे सारे जहां की 
खुशियों उसके कदमों में पड़ी है 
झुकी नजर, खामोश जुबान,
सब कुछ स्वीकारती सी मुस्कान
मगर एकांत में
वो इक अलग दुनिया में पहुंच जाती है
भीतर की दुनिया
खुद की गहराइयों में उतरती है  
डूबती है, उबरती है,
बारिश की कुछ बूंदे चेहरे पर महसूस करती है
पहली बारिश और मिट्टी की खुशबू
में वो खो जाती है
कभी वो हवा के साथ उड़ती है
कभी नदी के साथ बहती है
कभी जब फूलों की खुशबू से महक जाती है
कभी अकेले चांद को देखती है
मगर ये सब तो बहाने है 
भीतर की दुनिया में उतरने के 
फिर लौट ही आना है उस दुनिया में
जहाँ खुश दिखती है वो 
जैसे सारे जहां की 
खुशियों उसके कदमों में पड़ी है ..सुमन शाह

©Suman Rakesh Shah

स्त्री और उसकी दुनिया #Woman #poem #Poetry #Hindi #world #Life #love #Ruhaani #sumanshah #think

3 Love

इश्क है तुम्हें मुझसे तो बताते कभी क्यों नही जताते हो मगर खामोशियों से समझ कर भी कितना समझती दिल सुनना चाह रहा है वो अल्फाज जो मेरे लिए सजाए है तुमने मगर इंतजार अब थकने लगा है काश तुम मुझे थकने न दो काश मुझे बताते रहो कि मैं क्या हूं तुम्हारे लिए, तुम्हारे ख्यालों में रहती हूं, सांसों में और धड़कनो में रहती हूं उसी धड़कन की लय पे तुम तरन्नुम सजाते हो मगर नही ... बताते कभी नही जताते हो, इश्क है तुम्हें मुझसे मगर ...,सुमन ©Suman Rakesh Shah

#holdmyhand #Blissful #Ruhaani #follow #najoto  इश्क है तुम्हें मुझसे
तो बताते कभी क्यों नही
जताते हो मगर खामोशियों से
समझ कर भी कितना समझती
दिल सुनना चाह रहा है
वो अल्फाज जो
मेरे लिए सजाए है तुमने
मगर इंतजार अब थकने लगा है
काश तुम मुझे थकने न दो
काश मुझे बताते रहो 
कि मैं क्या हूं तुम्हारे लिए,
तुम्हारे ख्यालों में रहती हूं, 
सांसों में और धड़कनो में रहती हूं
उसी धड़कन की लय पे
तुम तरन्नुम सजाते हो 
मगर नही ... बताते कभी नही
जताते हो, 
इश्क है तुम्हें मुझसे
मगर ...,सुमन

©Suman Rakesh Shah

इश्क है तुम्हें मुझसे तो कहते क्यों नही #Love #najoto #Hindi #Poet #Poetry #Ruhaani #Blissful #follow #holdmyhand

5 Love

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क्या सपना, क्या हकीकत #hindiwriters #hindi_poem #hindiquotes #hindipoetrylove #hindikavita #hindi_poetry #hindilines #nojota #LostLegends

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#Quotes  सपना क्या है और क्या है हकीक़त,
कल रात इक सपना देखा था
अभी तक वो एहसास मन को छू रहे है
वो पल जीये थे तेरे संग सपने में,
ये वो मुलाकात थी जो हकीकत नही थी,
मगर हकीकत सी थी
और एक वो मुलाकात याद है मुझे,
जो हकीकत थी, 
जब हम मिले थे, रूबरू
मगर तुम्हारे चले जाने के बाद 
यकीन ही नहीं कर पा रही थी,
क्या सचमुच वो तुम ही थे 
कभी कभी ऐसा होता है न 
.वक्त बीत जाने के बाद 
 सपना हकीकत सा लगता है
और हकीकत सपनों सी लगने लगती है
क्या फर्क होता है वो मिलने …न मिलने में
…उस रूहानी एहसास में 
यही सोच रही हूं मैं...सुमन

©Suman Rakesh Shah

कई रात में देखे हुए सपने हमारी यादों में यूं बस जाते है कि वर्षो बीत जाने पर भी स्मृति पटल पर ज्यों के त्यों छाए रहते है। और कुछ हकीकत बीत जाने के बाद ऐसा एहसास कराती है की जैसे हम सपना देख कर जागे है, खुद को बार बार पूछते है, ये सच था या सपना 

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