Abhishek Yadav

Abhishek Yadav Lives in Gorakhpur, Uttar Pradesh, India

मैं शब्दों में जीता हूँ, अर्थों को समझने के लिए।😍 प्रकृति प्रेमी, साहित्यिक।।

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White एक सितारा हुआ करता था, आज सितारों में खो चुका है। कभी साथ हुआ करता था अब यादों में हो चुका है।। माँ भारती की सेवा में जीवन समर्पित करता था हर। वसुधावासी के हृदय में प्रेम सहित वह रहता था।। मानव नही वह देवता था जो वसुधा पर जन्म लिया। उसका न कोई शत्रु था, उसने ऐसा कर्म किया।। अब सिर्फ उसकी यादें हैं जो यादों में रह जायेंगी। जब भी नाम जुबां पर होगा आंखे नम रह जायेंगी।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#कोट्स #Ratan_Tata  White एक सितारा हुआ करता था, आज सितारों में खो चुका है।
 कभी साथ हुआ करता था अब यादों में हो चुका है।।

माँ भारती की सेवा में जीवन समर्पित करता था हर।
 वसुधावासी के हृदय में प्रेम सहित वह रहता था।।

मानव नही वह देवता था जो वसुधा पर जन्म लिया।
उसका न कोई शत्रु था, उसने ऐसा कर्म किया।।

अब सिर्फ उसकी यादें हैं जो यादों में रह जायेंगी।
जब भी नाम जुबां पर होगा आंखे नम रह जायेंगी।।
        -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#Ratan_Tata गोल्डन कोट्स इन हिंदी

13 Love

White जैसे-जैसे सूर्य अपने चरम पर पहुँचता है, अस्तित्व के हरे-भरे चित्रपट पर एक गर्म चमक बिखेरता है, भाई-बहनों के बीच का सहजीवी बंधन एक दुर्लभ, उत्तम वनस्पति की तरह खिलता है, जिसे प्रेम और भक्ति की दिव्य लय द्वारा पोषित किया जाता है। जैसे विशाल नदियाँ स्थलीय परिदृश्य से होकर बहती हैं, हमारी आत्माओं की स्थलाकृति को आकार देती हैं, वैसे ही राखी के पवित्र धागे भाईचारे के स्नेह की एक अदम्य कहानी बुनते हैं, जो हमेशा के लिए भाइयों और बहनों की नियति को जोड़ते हैं। बहन की मुस्कान, भोर की पहली लालिमा की तरह, उसके भाई के चेहरे को रोशन करे, जैसे राखी, अटूट प्रतिबद्धता का एक ताबीज, उसकी कलाई को सजाती है, जो उनके बीच साझा किए गए शाश्वत, अटूट बंधन का प्रतीक है। और इस बंधन के सुप्रतिम "रक्षाबंधन" के प्रतीक को मेरी तरफ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! 🙏🥰 - अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#raksha_bandhan_2024 #विचार  White जैसे-जैसे सूर्य अपने चरम पर पहुँचता है, अस्तित्व के हरे-भरे चित्रपट पर एक गर्म चमक बिखेरता है, भाई-बहनों के बीच का सहजीवी बंधन एक दुर्लभ, उत्तम वनस्पति की तरह खिलता है, जिसे प्रेम और भक्ति की दिव्य लय द्वारा पोषित किया जाता है।

जैसे विशाल नदियाँ स्थलीय परिदृश्य से होकर बहती हैं, हमारी आत्माओं की स्थलाकृति को आकार देती हैं, वैसे ही राखी के पवित्र धागे भाईचारे के स्नेह की एक अदम्य कहानी बुनते हैं, जो हमेशा के लिए भाइयों और बहनों की नियति को जोड़ते हैं। 

बहन की मुस्कान, भोर की पहली लालिमा की तरह, उसके भाई के चेहरे को रोशन करे, जैसे राखी, अटूट प्रतिबद्धता का एक ताबीज, उसकी कलाई को सजाती है, जो उनके बीच साझा किए गए शाश्वत, अटूट बंधन का प्रतीक है। और इस बंधन के सुप्रतिम "रक्षाबंधन" के प्रतीक को मेरी तरफ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! 🙏🥰
            - अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#raksha_bandhan_2024 आज का विचार सुप्रभात

14 Love

White हमने उनके हिस्से मढ़ दीं हैं अनेक जिम्मेदारियाँ। हमने उनके कमजोर पड़ने को असंभव बताया।। हमने उनकी आँखों पर आने वाले आँसुओं को देखा आश्चर्यों की तरह हमेशा। हमने उनपे थोप सा दिया कठोर, विशाल बरगद हो जाना।। हमने पिताओं की ममता से ज्यादा तवज्जो उनके अविचल, अजेय, आराध्य होने को दिया। और इन सारे प्रतिमानों के तले दबते, पिसते रहें वो पिता, जिनके मन की उथल-पुथल आंसुओं के रास्ते बहने का रास्ता नहीं खोज पातीं।। जिनके हिस्से की कमजोरियाँ हमारी बाहों में जगह नहीं पातीं। और जिनके बरगद होने की दुश्वारियों में फूल खिलना अवांछित है।। पिता योद्धा होते हैं बेशक! पर बच्चों की बाहों में टूटकर जार-जार रोना उनकी भी ख्वाहिश होती है।। कि पिताओं में भी कहीं, एक माँ छिपी होती है। पर पिताओं के हिस्सों में नहीं होता माँ हो जाना।। -✍️अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#विचार #fathers_day  White हमने उनके हिस्से मढ़ दीं हैं अनेक जिम्मेदारियाँ।
हमने उनके कमजोर पड़ने को असंभव बताया।।

हमने उनकी आँखों पर आने वाले आँसुओं को देखा आश्चर्यों की तरह हमेशा।
हमने उनपे थोप सा दिया कठोर, विशाल बरगद हो जाना।।

हमने पिताओं की ममता से ज्यादा तवज्जो
उनके अविचल, अजेय, आराध्य होने को दिया।

और इन सारे प्रतिमानों के तले दबते, पिसते रहें वो पिता,
जिनके मन की उथल-पुथल आंसुओं के रास्ते बहने का रास्ता नहीं खोज पातीं।।

जिनके हिस्से की कमजोरियाँ हमारी बाहों में जगह नहीं पातीं।
और जिनके बरगद होने की दुश्वारियों में फूल खिलना अवांछित है।।

पिता योद्धा होते हैं बेशक!
पर बच्चों की बाहों में टूटकर
जार-जार रोना उनकी भी ख्वाहिश होती है।।

कि पिताओं में भी कहीं, 
एक माँ छिपी होती है।

पर पिताओं के हिस्सों में नहीं होता माँ हो जाना।।
      -✍️अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#fathers_day

12 Love

खिड़की, दरवाजा और दीवार होना। मुहब्बत में किसी का घर-बार होना।। जिंदगी बेहद आसान-सी लगती है। सुख-दुःख में किसी खातिर तैयार होना।। जब चाहो प्यारी-सी मुस्कान मिले। बात-बात में किसी का निसार होना।। हर पल उसका चेहरा याद आता है। खयालों में किसी का खुशबूदार होना।। दूरी नहीं थी कोई मजबूरी उसके लिए। हर मौसम में किसी का दिलदार होना।। दिन काटे अब कटते नहीं हैं अभिषेक। बिना उसके मेरे दिल का बेजार होना।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#GateLight #लव  खिड़की, दरवाजा और दीवार होना।
मुहब्बत में किसी का घर-बार होना।।

जिंदगी बेहद आसान-सी लगती है।
सुख-दुःख में किसी खातिर तैयार होना।।

जब चाहो प्यारी-सी मुस्कान मिले।
बात-बात में किसी का निसार होना।।

हर पल उसका चेहरा याद आता है।
खयालों में किसी का खुशबूदार होना।।

दूरी नहीं थी कोई मजबूरी उसके लिए।
हर मौसम में किसी का दिलदार होना।।

दिन काटे अब कटते नहीं हैं अभिषेक।
बिना उसके मेरे दिल का बेजार होना।।
    -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#GateLight

16 Love

White इशारों-इशारों में इकरार होता रहा। दिल रह-रहकर बेकरार होता रहा।। हुए गायब वो एक झलक दिखाकर। ख्वाबों में उनका इंतजार होता रहा।। तस्वीर भेजकर पूछा कैसी लगती हूँ? जवाब लफ्जों में बेशुमार होता रहा।। नजर न लगे उनकी मासूमियत को। खामोशी से उन पर एतबार होता रहा।। न मिलना हुआ कभी तय वक्त पर। पर वादों का वादों से प्यार होता रहा।। मौसम बदले तो बहुत उन्हें याद कर। एक हसीन चेहरा दीदार होता रहा।। बात बस वहीं ठहर जाती रही अभिषेक। जहाँ पर नसीब का इनकार होता रहा।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#Romantic #लव  White इशारों-इशारों में इकरार होता रहा।
दिल रह-रहकर बेकरार होता रहा।।

हुए गायब वो एक झलक दिखाकर।
ख्वाबों में उनका इंतजार होता रहा।।

तस्वीर भेजकर पूछा कैसी लगती हूँ?
जवाब लफ्जों में बेशुमार होता रहा।।

नजर न लगे उनकी मासूमियत को।
खामोशी से उन पर एतबार होता रहा।।

न मिलना हुआ कभी तय वक्त पर।
पर वादों का वादों से प्यार होता रहा।।

मौसम बदले तो बहुत उन्हें याद कर।
एक हसीन चेहरा दीदार होता रहा।।

बात बस वहीं ठहर जाती रही अभिषेक।
जहाँ पर नसीब का इनकार होता रहा।।
    -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#Romantic

14 Love

White जिंदगी खट्टी-मीठी बातों की कहानी है। कुछ इनकी, तो कुछ उनकी जुबानी है।। कुछ हकीकत, कुछ ख्वाब, कुछ उम्मीद। हर किसी की बात रंगीन और सुहानी है।। दिलों को खूब तसल्ली देते हैं लोग यहाँ। धड़कन-धड़कन में जबरदस्त रवानी है।। ढल जाता है सूरज दिन का रोज शाम को। हर रात माहताब के मुस्कान की दीवानी है।। प्यार-मुहब्बत और एक-दूसरे का इंतजार। चाहतों ने अपने दिलबर की बात मानी है।। हैं परेशानियाँ यहाँ, तो क्या हुआ दोस्तों! हौसले हों तो ऐसी बात आनी-जानी है।। न मिले कभी किसी को यहाँ तन्हाई अभिषेक क्यूँकि जब तक हैं साँस, तब तक जवानी है, जिंदगानी है।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#मोटिवेशनल #life_quotes  White जिंदगी खट्टी-मीठी बातों की कहानी है।
कुछ इनकी, तो कुछ उनकी जुबानी है।।

कुछ हकीकत, कुछ ख्वाब, कुछ उम्मीद।
हर किसी की बात रंगीन और सुहानी है।।

दिलों को खूब तसल्ली देते हैं लोग यहाँ।
धड़कन-धड़कन में जबरदस्त रवानी है।।

ढल जाता है सूरज दिन का रोज शाम को।
हर रात माहताब के मुस्कान की दीवानी है।।

प्यार-मुहब्बत और एक-दूसरे का इंतजार।
चाहतों ने अपने दिलबर की बात मानी है।।

हैं परेशानियाँ यहाँ, तो क्या हुआ दोस्तों!
हौसले हों तो ऐसी बात आनी-जानी है।।

न मिले कभी किसी को यहाँ तन्हाई अभिषेक
क्यूँकि जब तक हैं साँस, तब तक जवानी है, जिंदगानी है।।
      -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#life_quotes

12 Love

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