Yaminee Suryaja

Yaminee Suryaja

"दिनकर की बेटी हूं आग लिखती हूं, पंक्तियों में मेरे अगर तुम न हो तिरंगे तो ... मैं भी क्या खाक लिखती हूं ।" insta handle : @yaminee_suryaja

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मिलन तुमसे मिलने जिस भी स्थान पर जाती हूं वह स्थान मुझे मंदिर सा लगता है उस क्षण मेरा मन निर्मल, भाव स्वच्छ, सुंदर हो जाते हैं चित्त शांत, प्रसन्न हो उठता है, मिलन के उस महासमर में तुम मुझे प्रेमी नहीं, आराध्य से प्रतीत होते हो जी चाहता है बस निहारती रहूं और हो जाऊं तुममें ही लीन... ©Yaminee Suryaja

#krishna_love  मिलन 
तुमसे मिलने जिस भी स्थान पर जाती हूं
वह स्थान मुझे मंदिर सा लगता है
उस क्षण मेरा मन निर्मल, 
भाव स्वच्छ, सुंदर हो जाते हैं
चित्त शांत, प्रसन्न हो उठता है,
मिलन के उस महासमर में 
तुम मुझे प्रेमी नहीं, 
आराध्य से प्रतीत होते हो
जी चाहता है बस निहारती रहूं 
और हो जाऊं तुममें ही लीन...

©Yaminee Suryaja

प्रिय मिलन #krishna_love quotes on love love quotes @usFAUJI Jasmine of December

10 Love

White प्रणय वृक्ष यदि स्वीकार हूं मैं तो ये पौधा रख लो‌ आम का नहीं लाया हूं फूल के लिए मैं फूल गुलाब का मैं चाहूं ये पौधा बने प्रतीक हमारे प्यार का हम रहें, न रहें प्रेम हमारा हिस्सा रहे संसार का मैं चाहूं तुम संग सींचना इस प्रेम के पौधे को मन जुड़े हमारा और पोषण मिले इस पौधे को मुझे तुम्हारे सौंदर्य या तन से नहीं, मन से प्रेम है मर्यादित हूं मैं, बिना अधिकार स्पर्श से परहेज है तभी यह पौधा साथ लाया हूं प्रेम का नया सलीका भी हाथ लाया हूं जब देर रात आए याद मेरी, इस पौधे को निहारना तुम जब बढ़ने लगे आवेग प्रेम का, स्पर्श इसे करना तुम बस यूं ही हम अपना प्यार जताएंगे जिस धरा पर हम मिले उसे 'प्रणय वृक्ष' दे जाएंगे उसे 'प्रणय वृक्ष' दे जाएंगे। world environment day 🌍 ©Yaminee Suryaja

#short_shyari  White प्रणय वृक्ष 

यदि स्वीकार हूं मैं तो ये पौधा रख लो‌ आम का
नहीं लाया हूं फूल के लिए मैं फूल गुलाब का
मैं चाहूं ये पौधा बने प्रतीक हमारे प्यार का
हम रहें, न रहें प्रेम हमारा हिस्सा रहे संसार का
मैं चाहूं तुम संग सींचना इस प्रेम के पौधे को 
मन जुड़े हमारा और पोषण मिले इस पौधे को 
मुझे तुम्हारे सौंदर्य या तन से नहीं, मन से प्रेम है 
मर्यादित हूं मैं, बिना अधिकार स्पर्श से परहेज है 
तभी यह पौधा साथ लाया हूं 
प्रेम का नया सलीका भी हाथ लाया हूं 
जब देर रात आए याद मेरी, इस पौधे को निहारना तुम 
जब बढ़ने लगे आवेग प्रेम का, स्पर्श इसे करना तुम 
बस यूं ही हम अपना प्यार जताएंगे 
जिस धरा पर हम मिले उसे 'प्रणय वृक्ष' दे जाएंगे
उसे 'प्रणय वृक्ष' दे जाएंगे।

world environment day 🌍

©Yaminee Suryaja

#short_shyari @usFAUJI @Rohit Sharma Krishnadasi Sanatani @Madhusudan Shrivastava Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात)

10 Love

#WorldPoetryDay  World Poetry Day 21 March विश्व कविता दिवस

मैं नहीं कहती स्वयं को कवयित्री
न ही लिखती हूं दुनिया के लिए
कविता तप है, साधना है
और मैं हूं साधिका..,
नित-प्रति करती हूं यह साधना
स्वयं के शुद्धिकरण के लिए
कविता वरदान है न सिर्फ कवि के लिए
अपितु उसे पढ़ने वाले के लिए भी।

©Yaminee Suryaja

#WorldPoetryDay

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#PhisaltaSamay  

तुम्हें पाने की कोशिश में खो गए मुझसे 

तुम, तुम्हारी यादें 

मुलाकातें और बातें 

वह हृदय भी जो सिर्फ तुम्हारा था

भावनाएं जो तुम्हारे लिए थे

प्रार्थनाएं जिनमें तुम थे

मिरे मन‌ का साम्राज्य जिसके सम्राट तुम थे 

इस तरह अपना सर्वस्व खोकर 

एक दिन...

खो दिया मैंने स्वयं को भी।


यामिनी सूर्यजा

©Yaminee Suryaja

#PhisaltaSamay

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हर युग में अवतरित होती जनक सुता  प्रेम से जनकपुर और सींचती संस्कारों से अयोध्या सामर्थ्य इतना कि परिवार स्वयं संभाल‌ ले समर्पण इतना कि निज अस्तित्व का भी बलिदान दे  त्याग, शौर्य और श्रृंगार है मां जानकी समग्र सृष्टि का आधार है मां जानकी। ©Yaminee Suryaja

#womeninternational #womensday  हर युग में अवतरित होती जनक सुता 

प्रेम से जनकपुर और सींचती संस्कारों से अयोध्या

सामर्थ्य इतना कि परिवार स्वयं संभाल‌ ले

समर्पण इतना कि निज अस्तित्व का भी बलिदान दे 

त्याग, शौर्य और श्रृंगार है मां जानकी

समग्र सृष्टि का आधार है मां जानकी।

©Yaminee Suryaja

शब्दों में मेरे शक्ति अपार हो पुष्प सी कोमलता, कृपाण सा धार हो लेखनी से मेरी सदा ही जनोध्दार हो शीश पर मेरी कर अपना रख दो मां वीणा वादिनी वर दो।। ©Yaminee Suryaja

 शब्दों में मेरे शक्ति अपार हो

पुष्प सी कोमलता, कृपाण सा धार हो

लेखनी से मेरी सदा ही जनोध्दार हो

शीश पर मेरी कर अपना रख दो

मां वीणा वादिनी वर दो।।

©Yaminee Suryaja

सरस्वती पूजा

8 Love

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