Shravan Solanki

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White श्रवणकुमार सोलंकी राम ने कर लक्ष्य बाण मारा नाभि में, बहा अमिय कंठ में आये रावण प्राण उठी पुकार त्राहि माम् ,त्राहि माम्। अविचल, किंकर्तव्यविमूढ़ सेना शस्त्र रोक स्तंभित, अविराम। धराशायी हुआ दससीस कह राम, राम, राम, राम,राम..। राम निनाद रण में कंपित धरा, दिशा तमाम। गूँज उठा जयकारा जय श्रीराम, जय श्रीराम। ©Shravan Solanki

#कविता #Dussehra  White श्रवणकुमार सोलंकी

राम ने कर लक्ष्य बाण
मारा नाभि में, बहा अमिय
कंठ में आये रावण प्राण
उठी पुकार त्राहि माम् ,त्राहि माम्।

अविचल, किंकर्तव्यविमूढ़ सेना
शस्त्र रोक स्तंभित, अविराम।
धराशायी हुआ दससीस 
कह राम, राम, राम, राम,राम..।

राम निनाद रण में  
कंपित धरा, दिशा तमाम।
गूँज उठा जयकारा 
जय श्रीराम, जय श्रीराम।

©Shravan Solanki

#Dussehra

8 Love

White कहो कि हर पल ये उलझन क्यूं है। बड़ी हुई सी तुम्हारी धड़कन क्यूं है। हर लब्ज तुम्हारा सही है कहते हो शब्दों के आखिर में कंपन क्यूं हैं। बड़े साफ दिल का दावा है दुनिया से फिर हर किसी से तुम्हें अड़चन क्यूं है। कोई बात है कि भीतर दम घुट रहा गंदगी नही अंदर तो मन बनबन क्यूं है। बुरे किरदार को हिकारत से न देखो खुद को भी देखों भीतर दर्पण क्यूं है। ©Shravan Solanki

#शायरी #sad_quotes  White कहो कि हर पल ये उलझन क्यूं है।
बड़ी हुई सी तुम्हारी धड़कन क्यूं है। 

हर लब्ज तुम्हारा सही है कहते हो 
शब्दों के आखिर में कंपन क्यूं हैं। 

बड़े साफ दिल का दावा है दुनिया से
फिर हर किसी से तुम्हें अड़चन क्यूं है। 

कोई बात है कि भीतर दम घुट रहा
गंदगी नही अंदर तो मन बनबन क्यूं है। 

बुरे किरदार को हिकारत से न देखो 
खुद को भी देखों भीतर दर्पण क्यूं है।

©Shravan Solanki

#sad_quotes

15 Love

#कविता #Moon  White डाॅ. श्रवण कुमार सोलंकी

जीवन को कुछ समझ लेने के बाद- 
उन मृगतृष्णाओं पर हंसी आती है;
जो अब अर्थहीन हो गई है।
लेकिन नयी मृगतृष्णा अर्थवान जान पड़ती है,
एक दिन ये भी अर्थहीन हो जाना है। 

मृत्यु तक आदमी को तृष्णा ही थामें है।
मिलते ही निरर्थक होने वाली इच्छायें-
एक हल्का धक्का देकर जीवन से विदा हो जाती;
ये करना है और वो हो जाये बस !
जीवन भर यही सब चलता है। 

एक विश्रांति का समय भी आता है,
तब सबकुछ व्यर्थ जान पड़ता है। 
एक पल के लिए लगता है जीवन व्यर्थ हो गया;
और अगले पल संसार के बहाव के साथ हो जाते। 

कभी लगता है सब अनायास हो रहा है, 
हम साक्षी मात्र है जीवन के बीतने के, 
कुछ बदलाव वश में ही नही है हमारे,
फिर भी हम दंभ भरते है कि हम ही कर्ता है।

कोई स्क्रिप्ट की तरह होता है कभी-कभार 
हम मेहसूस भी करते हैं लेकिन रोक नही सकते उसे
हम क्या कोई देवता समर्थ नही हैं, 
ग्रह की गति में हस्तक्षेप असंभव है।

©Shravan Solanki

#Moon

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White गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल। सतगुरु संत अनंत हैं, प्रभु से कर दें मेल ।​ शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ©Shravan Solanki

#कविता #teachers_day  White गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल।
सतगुरु संत अनंत हैं, प्रभु से कर दें मेल ।​

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

©Shravan Solanki

#teachers_day

10 Love

#विचार #alone_quotes  White अपने को सबसे बेहतर और अच्छा साबित करने के लिए यह जरूरी नहीं कि दूसरे को कमतर और बुरा साबित किया जाये।

©Shravan Solanki

#alone_quotes

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#विचार #sad_shayari  White दुश्मनी भी ऐसी कर कि 
कल जब हम मिले, तो
शर्मिन्दा नही होना पड़े तुझे।

©Shravan Solanki

#sad_shayari

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