White श्रवणकुमार सोलंकी
राम ने कर लक्ष्य बाण
मारा नाभि में, बहा अमिय
कंठ में आये रावण प्राण
उठी पुकार त्राहि माम् ,त्राहि माम्।
अविचल, किंकर्तव्यविमूढ़ सेना
शस्त्र रोक स्तंभित, अविराम।
धराशायी हुआ दससीस
कह राम, राम, राम, राम,राम..।
राम निनाद रण में
कंपित धरा, दिशा तमाम।
गूँज उठा जयकारा
जय श्रीराम, जय श्रीराम।
©Shravan Solanki
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