alone_sad_shayri
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White बहुत से ख्वाब मरते एक ख्वाब के खातिर । कई ख्वाब की मजार पर घर का ख्वाब खड़ा होता है। एक घर के लिए पापा के जूते माँ की साड़ी बबलू की पेंट और ठंड के लिए नया कोट जाने कितने बलिदान होते हैं। स्कूल की फीस बहन की शादी भाभी के गहने सब इंतजार करते नये घर का। पापा बीड़ी छोड़ते माँ तम्बाकू और गोलू खिलौने नहीं खरीदता आखिर तब कहीं बनता एक घर । एक घर बनाने में खप जाती जिंदगियाँ। कई जिंदगी का हासिल एक घर होता है। टूटे घर की किस्त का संभव नहीं अनुदान। घर को ढहाना एक ख्वाब का ढहना है। ©Shravan Solanki

#alone_sad_shayri #कविता  White बहुत से ख्वाब मरते 
एक ख्वाब के खातिर ।
कई ख्वाब की मजार पर
घर का ख्वाब खड़ा होता है।

एक घर के लिए 
पापा के जूते 
माँ की साड़ी 
बबलू की पेंट 
और ठंड के लिए नया कोट 
जाने कितने बलिदान होते हैं। 

स्कूल की फीस 
बहन की शादी 
भाभी के गहने
सब इंतजार करते 
नये घर का। 

पापा बीड़ी छोड़ते
माँ तम्बाकू 
और गोलू खिलौने नहीं खरीदता
आखिर तब कहीं
बनता एक घर ।

एक घर बनाने में
खप जाती जिंदगियाँ।
कई जिंदगी का हासिल 
एक घर होता है। 

टूटे घर की किस्त का
संभव नहीं अनुदान।
घर को ढहाना
एक ख्वाब का ढहना है।

©Shravan Solanki

White अकेलेपन का मजा ही कुछ और हैँ... मैने खुद को पा लिया तुझे ढूंढते ढूंढते !! . ©Parveen kaushik 'Jaani'

#alone_sad_shayri  White अकेलेपन का मजा ही कुछ और हैँ...

मैने खुद को पा लिया तुझे ढूंढते ढूंढते !!






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©Parveen kaushik 'Jaani'

White "బ్రతుకుతున్నాం అనే భ్రమలో నటిస్తున్నాం మనం, ఈ నటనకి ఎన్ని అస్కార్లు ఇచ్చిన తక్కువే" ©Saraf Veer

#alone_sad_shayri  White "బ్రతుకుతున్నాం అనే భ్రమలో 
నటిస్తున్నాం మనం,
ఈ నటనకి ఎన్ని అస్కార్లు 
ఇచ్చిన తక్కువే"

©Saraf Veer

White पल्लव की डायरी घोसले जानवरो जैसे पिंजरो जैसे फ्लैटों में मानव का अब मकान है रहता जिसमे हवा पानी का अभाव घुटन भरी शाम है ना सूरज ना चाँद का दीदार है अगर जिंदगी की गुजर बसर के लिये कुछ टुकड़े लालच के फेककर गाँवो से होता पलायन है सजे है शहर भीडो से, तरक्की के नाम से मगर हो चला गुमशुदा आदमी यहाँ अपनी पहचान से प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#alone_sad_shayri #कविता  White पल्लव की डायरी
घोसले जानवरो जैसे
पिंजरो जैसे फ्लैटों में मानव का अब मकान है
रहता जिसमे हवा पानी का अभाव
घुटन भरी शाम है
ना सूरज ना चाँद का दीदार है
अगर जिंदगी की गुजर बसर के लिये
कुछ टुकड़े लालच के  फेककर
गाँवो से होता पलायन है
सजे है शहर भीडो से, तरक्की के नाम से
मगर हो चला गुमशुदा 
आदमी यहाँ अपनी पहचान से
                                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#alone_sad_shayri रहता जिसमे हवा पानी का अभाव है

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White मैं खत्म कर चुकी हूं खुद को,, मुझ में सिर्फ तू बाकी है दुनिया कहती है बर्बाद हो गई तू,,, पर देख मुझमें सिर्फ तू बाकी है अब फर्क नहीं पड़ता किसी के जाने का,,,, बस गुरूर है मुझे मुझ में सिर्फ तू बाकी है..... ©Ritu Singh

#alone_sad_shayri  White मैं खत्म कर चुकी हूं खुद को,,
मुझ में सिर्फ तू बाकी है
दुनिया कहती है बर्बाद हो गई तू,,,
पर देख 
मुझमें सिर्फ तू बाकी है
अब फर्क नहीं पड़ता किसी के जाने का,,,,
बस गुरूर है मुझे
मुझ में सिर्फ तू बाकी है.....

©Ritu Singh

White हर किसी के आगे अपने ज़खम न खोलिए ये नमक का शहर है जनाब यहां हर किसी से न बोलिए। ©Tania Aggarwal

#मोटिवेशनल #alone_sad_shayri  White हर किसी के आगे अपने ज़खम न खोलिए
ये नमक का शहर है जनाब
यहां हर किसी से न बोलिए।

©Tania Aggarwal
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