नफरत तो उनसे है जो मेरे अपनो को खुद के अपने बता रहे है।
कोई तो समजते की,
मेरा आप सब से दूर हो जाने का डर,
मुजे खुद से मिलों दूर कर रहा है।
आप सब के पास हजारों लोग है।
मेरे पास तो आप गिने चुने लोग हो।
गुस्सा मेरा दिखता है, बदलाव मेरा दिखता है।
कोई पूछ लो,
या कोई तो बता दो,
मुजे पता है आप सब हो मेरे पास।
लेकिन मेरा डर मुजसे भगा दो।
एक बार सिर्फ बतादो।
डर किस बात से है?
हम सब सिर्फ और सिर्फ तेरे पास है।
©अज़नबी किताब
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