Aditya Sarswati

Aditya Sarswati

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#मीम #Anhoni  She used to rescue me from all the problems because She loved me very much.
Then, one day I married her.

©Aditya Sarswati

#Anhoni

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#समाज                              हम और हमारे कमरे

आजकल कमरों की हकीकत बदल गई है। पहले हमारे घरों में कमरे होते थे, अब तो कमरों में हीं घर सिमट गया है। 

पहले कमरे सिर्फ सोने, आराम करने और निजी भावनाओ को व्यक्त करने के लिए होते थे परंतु अब कमरे में हीं खाना, पीना, टीवी, व्यायाम, सब हो जाते हैं। बच्चे कमरों में बंद रहते हैं, अपनी व्यक्तिगत आजादी के नाम पर। नौकरियां और व्यापार भी कमरों से हीं चलने लगे हैं। सबसे मजे की बात तो ये है की अब सरकारें भी संसद की बजाय होटल के कमरों में हीं बन जाती हैं। 

शानदार भविष्य खुले आसमान में बनता है। बंद कमरे गुलामी की पहचान हैं। जरूरत है हम सब संभल जाएं और अपने कमरों से बाहर निकलें।

©Aditya Sarswati

हम और हमारे कमरे आजकल कमरों की हकीकत बदल गई है। पहले हमारे घरों में कमरे होते थे, अब तो कमरों में हीं घर सिमट गया है। पहले कमरे सिर्फ सोने, आराम करने और निजी भावनाओ को व्यक्त करने के लिए होते थे परंतु अब कमरे में हीं खाना, पीना, टीवी, व्यायाम, सब हो जाते हैं। बच्चे कमरों में बंद रहते हैं, अपनी व्यक्तिगत आजादी के नाम पर। नौकरियां और व्यापार भी कमरों से हीं चलने लगे हैं। सबसे मजे की बात तो ये है की अब सरकारें भी संसद की बजाय होटल के कमरों में हीं बन जाती हैं। शानदार भविष्य खुले आसमान में बनता है। बंद कमरे गुलामी की पहचान हैं। जरूरत है हम सब संभल जाएं और अपने कमरों से बाहर निकलें। ©Aditya Sarswati

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#होली_शायरी #लव  दिल का हाल 
बिगड़ रहा है 
हुस्न पे तेरे ,
रंग लाल देख कर ।

थोड़ी रहम 
कर दे सनम
मुझपे मेरा, 
हाल देख कर ।



ये रंग सिपहसालार है,
मेरी हीं सियासत के
गालों को चूमते है तेरी, 
मेरी हसरते जान कर।

पिछली कई होली का हिसाब अब भी
बाकी है
कर दे ना सब चुकता
अपनी बाहें, मेरे गले में डाल कर ।

©Aditya Sarswati
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