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मैंने कुछ बोला ,वो कुछ समझे और यूँ ही बातें चार हुई l वो घर निकले ,हम साथ चले और यूँ ही मोहब्बत की बातेँ हजार हुई l ©Roshani Thakur

#Flower  मैंने कुछ बोला ,वो कुछ समझे 
और 
यूँ ही बातें चार हुई l

वो घर निकले ,हम साथ चले 
और 
यूँ ही मोहब्बत की बातेँ हजार हुई l

©Roshani Thakur

#Flower

17 Love

मेरी मोहब्बत क्या इतनी खुदगर्ज़ थी जो उसकी खामोशी न समझ पाई बोलता रहा तंग हु ज़माने से मैं मेरी खुशियाँ मांगती रही उससे कितना बेबस हुआ होगा वो जब मुझे भी खुद से झगड़ता देखा ख्वाहिश रही होगी उसे भी समझा जाए जाने कितने ग़मो के बाद वो आखिर मौन हुआ होगा तरस आता है अपनी मोहब्बत पे जो उसकी उदासी मैं भाप न पाई क्या मेरी मोहब्बत इतनी खुदगर्ज थी जो उसकी खामोशी मैं समझ न पाई??? आपका हमदर्द ©Kiran Pawara

 मेरी मोहब्बत क्या इतनी खुदगर्ज़ थी
जो उसकी खामोशी न समझ पाई

बोलता रहा तंग हु ज़माने से
मैं मेरी खुशियाँ मांगती रही उससे

कितना बेबस हुआ होगा वो
जब मुझे भी खुद से झगड़ता देखा

ख्वाहिश रही होगी
उसे भी समझा जाए

जाने कितने ग़मो के बाद
वो आखिर मौन हुआ होगा

तरस आता है अपनी मोहब्बत पे
जो उसकी उदासी मैं भाप न पाई

क्या मेरी मोहब्बत इतनी खुदगर्ज थी
जो उसकी खामोशी मैं समझ न पाई??? 


आपका हमदर्द

©Kiran Pawara

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17 Love

पारिजात - एक नवीन रचना एक बीज पारिजात का.., नंदनकानन से ले आओ, सुगंधित सूत्रपात का.., वृक्ष गली गली लगाओ ! पारिजात भूप रात का.., गुलचाँदनी को बताओ, इस सुवास करामात का.., गुण जन जन को बतलाओं ! उत्सर्ग सुभग पारिजात का.., धवल भोर को सुनाओ, नन्हें निर्मल जज्बात का.., हुनर जन जन को सिखाओ ! दिव्य आलोक पारिजात का.., इस नवयुग में फैलाओ, सम्यक उचित सौगात का.., सामर्थ्य सबको पहुंचाओ ! डॉ आनंद दाधीच "दधीचि" ©Anand Dadhich

#पारिजात #kaviananddadhich #poetananddadhich #कविता #Flower  पारिजात - एक नवीन रचना

एक बीज पारिजात का..,
नंदनकानन से ले आओ,
सुगंधित सूत्रपात का..,
वृक्ष गली गली लगाओ !

पारिजात भूप रात का..,
गुलचाँदनी को बताओ,
इस सुवास करामात का..,
गुण जन जन को बतलाओं !

उत्सर्ग सुभग पारिजात का..,
धवल भोर को सुनाओ,
नन्हें निर्मल जज्बात का..,
हुनर जन जन को सिखाओ !

दिव्य आलोक पारिजात का..,
इस नवयुग में फैलाओ,
सम्यक उचित सौगात का..,
सामर्थ्य सबको पहुंचाओ !

डॉ आनंद दाधीच "दधीचि"

©Anand Dadhich
#कविता #तुम  तुम संतान हो पैगंबर मोहम्मद का
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तुम  जिहादी संतान हो .... पैगंबर  मोहम्मद का,
मैं सनातनी पैगाम हूं .... दुनिया से मोहब्बत का।
भाईचारा   अकेला  ....  तुम   क्यों   निभाओगे,
धर्म  का  पाठ  अकेला .... तुम  क्यों  पढ़ाओगे।
तुम एक  रोजा .... मेरे  राम के नाम  रख  लेना,
मैं  अल्लाह  के  नाम .... एक दिया  जला दूंगा।
तुम गीता - रामायण का  पाठ करा देना,
मैं   कुरान  का  ज्ञान .... समझा   दूंगा।।
छठी मैया का उपवास .... तुम रख लेना,
पूजा का  दौरा सर पर ..... मैं उठा लूंगा।
नवरात्रि  का  उपवास ..... तुम रख लेना,
मैया   का   मूर्ति  मैं   ला  दूंगा।।
पूजा का फलहार तुम कर लेना,
इफ्तार   पार्टी    मैं   कर   लूंगा।
हनुमान चालीसा  तुम पढ़ लेना,
एक  दिन  कलमा  मैं पढ़  लूंगा।
तुम   जन्मदाता   हो ...... जद्दोजेहद   का,
तुम जिहादी संतान हो .... पैगंबर मोहम्मद का,
मैं सनातनी पैगाम हूं दुनिया से मोहब्बत का।।
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प्रमोद मालाकार कि कलम से
23.10.23

©pramod malakar

#तुम संतान हो पैगंबर मोहम्मद का।

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#shree_  kash main.
teri tarah hota.

khoobsoorat.
beintehan hota.

©shree

#shree_

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तुम संतान हो पैगंबर मोहम्मद का 11111111111111111111 तुम जिहादी संतान हो .... पैगंबर मोहम्मद का, मैं सनातनी पैगाम हूं .... दुनिया से मोहब्बत का। भाईचारा अकेला .... तुम क्यों निभाओगे, धर्म का पाठ अकेला .... तुम क्यों पढ़ाओगे। तुम एक रोजा .... मेरे राम के नाम रख लेना, मैं अल्लाह के नाम .... एक दिया जला दूंगा। तुम गीता - रामायण का पाठ करा देना, मैं कुरान का ज्ञान .... समझा दूंगा।। छठी मैया का उपवास .... तुम रख लेना, पूजा का दौरा सर पर ..... मैं उठा लूंगा। नवरात्रि का उपवास ..... तुम रख लेना, मैया का मूर्ति मैं ला दूंगा।। पूजा का फलहार तुम कर लेना, इफ्तार पार्टी मैं कर लूंगा। हनुमान चालीसा तुम पढ़ लेना, एक दिन कलमा मैं पढ़ लूंगा। तुम जन्मदाता हो ...... जद्दोजेहद का, तुम जिहादी संतान हो .... पैगंबर मोहम्मद का, मैं सनातनी पैगाम हूं दुनिया से मोहब्बत का।। 11111111111111111111 प्रमोद मालाकार कि कलम से 23.10.23 ©pramod malakar

#कविता #तुम  तुम संतान हो पैगंबर मोहम्मद का
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तुम  जिहादी संतान हो .... पैगंबर  मोहम्मद का,
मैं सनातनी पैगाम हूं .... दुनिया से मोहब्बत का।
भाईचारा   अकेला  ....  तुम   क्यों   निभाओगे,
धर्म  का  पाठ  अकेला .... तुम  क्यों  पढ़ाओगे।
तुम एक  रोजा .... मेरे  राम के नाम  रख  लेना,
मैं  अल्लाह  के  नाम .... एक दिया  जला दूंगा।
तुम गीता - रामायण का  पाठ करा देना,
मैं   कुरान  का  ज्ञान .... समझा   दूंगा।।
छठी मैया का उपवास .... तुम रख लेना,
पूजा का  दौरा सर पर ..... मैं उठा लूंगा।
नवरात्रि  का  उपवास ..... तुम रख लेना,
मैया   का   मूर्ति  मैं   ला  दूंगा।।
पूजा का फलहार तुम कर लेना,
इफ्तार   पार्टी    मैं   कर   लूंगा।
हनुमान चालीसा  तुम पढ़ लेना,
एक  दिन  कलमा  मैं पढ़  लूंगा।
तुम   जन्मदाता   हो ...... जद्दोजेहद   का,
तुम जिहादी संतान हो .... पैगंबर मोहम्मद का,
मैं सनातनी पैगाम हूं दुनिया से मोहब्बत का।।
11111111111111111111
प्रमोद मालाकार कि कलम से
23.10.23

©pramod malakar

#तुम संतान हो पैगंबर मोहम्मद का।

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