इक दिन उदास थी,
ख़ुद की नाकामी से,
तो खुदा से शिकवा गिला करने लगी,,
खुदा ने कहा अपनी नाकामी को,
खुद की कमजोरी नहीं,,
खुद की ताक़त बना,,
फिर देख जो लोग तेरी नाकामी का जश्न
मनाते है ना,,कल वही तेरी कमजाबी का जश्न मनाएंगे।।
क्यूं घबरा जाता है छोटी छोटी मुश्किलों से,,
तू तो खुश किस्मत है,,
कि मैंने तुम्हें चुना है।।
क्योंकि सुख को तो सभी संभाल लेते है,,
दुख को कोई कोई ।।
माना मैने की तुम्हे मैने ,,
दूसरे के बदले ज्यादा दुख दिए,,
पर कभी सोचा तूने ऐसा क्यूं किया मैंने।।
क्योंकि तुम मेरी खास हों,,
तुम मे इक अलग बात है ,,
जितने इम्तहान तेरे लिए है,,
उतना सबर भी तो तूने किया है ।।
अब वो दिन दूर नही,,
जब तेरे सबर के फल को,
सब देखेगे ।
©Mrs.Doniaaa Sharma
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