Anita Agarwal

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जग से अंधियारा हटाने को चले आओ एक बार। आस का दीप जलाने को चले आओ एक बार।। आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी। भ्रमित मनुष्य को सच का आईना दिखाने चले आओ एक बार।। प्रभु का अनुयाई कहते-कहते स्वयं प्रभु बन जाते हैं। ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को दिखाने चले आओ एक बार।। ©Anita Agarwal

#Motivational #Krishna  जग से अंधियारा हटाने को
 चले आओ एक बार।
आस का दीप जलाने को
 चले आओ एक बार।। 

आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में
जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी। 
भ्रमित मनुष्य को सच का आईना
 दिखाने चले आओ एक बार।। 

प्रभु का अनुयाई कहते-कहते
 स्वयं प्रभु बन जाते हैं। 
ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को 
दिखाने चले आओ एक बार।।

©Anita Agarwal

#Krishna

16 Love

मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है अमर करे यह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु ©Anita Agarwal

#Krishna #Bhakti  मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी
तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी

क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है
अमर करे यह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है

सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में
सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में

अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है
तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है

जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु

©Anita Agarwal

#Krishna

10 Love

मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है अमर करे वह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु ©Anita Agarwal

#Krishna #Bhakti  मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी
तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी

क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है
अमर करे वह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है

सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में
सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में

अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है
तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है

जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु

©Anita Agarwal

#Krishna

16 Love

जाने किस मृगतृष्णा में भटकता, इत उत चारों ओर। चेहरे पर खामोशी चाहे, मन का पंछी करे शोर।। कभी चाहिए दुनिया के, हर वैभव उल्लास। कभी चाहिए आसपास ही अपना कोई खास।। खुद की तनिक सफलता पर भी जी भरकर इतराए। दिखे गगन में और कोई तो क्यों इतना घबराए।। सोने के पिंजरे में रहकर खुश कैसे हो सकता है! मोह माया के पाश में बंध कर एकाकी हो रहता है। यह एकाकीपन ला देता है, खामोशी घनघोर। लड़ते लड़ते खामोशी से, मन का पंछी करे शोर। ©Anita Agarwal

#Man  जाने किस मृगतृष्णा में भटकता, इत उत  चारों ओर। 
चेहरे पर खामोशी चाहे, मन का पंछी करे शोर।। 

कभी चाहिए दुनिया के, हर वैभव उल्लास।
कभी चाहिए आसपास ही अपना कोई खास।। 

खुद की तनिक सफलता पर भी जी भरकर इतराए।
दिखे गगन में और कोई तो क्यों इतना घबराए।। 

सोने के पिंजरे में रहकर खुश कैसे हो सकता है! 
मोह माया के पाश में बंध कर एकाकी हो रहता है। 

यह एकाकीपन ला देता है, खामोशी घनघोर। 
लड़ते लड़ते खामोशी से, मन का पंछी करे शोर।

©Anita Agarwal

#Man ka panchi

12 Love

Shree Ram राम नाम के जपने से, आशाएं फली भूत इधर हैं । बजरंगबली की शक्ति का देखो बङा सबूत इधर है।। विमुख होकर राम नाम से, कमा लिया क्या जीवन में! राम नाम में डूब कर, पार हुआ अवधूत इधर है।। पर निंदा कर लोक दिखावा, भी करते हैं करने वाले श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ा दे, ऐसा मन मजबूत इधर है। मनमानी से मालिक बनकर करते हैं अपमान बड़ों का। पितृ वचन ही शिरोधार्य हो राम सा कोई पूत इधर है? सहज सरल बन करो पराजित, माया के जंजालों को। साथ तुम्हारा देने को जब, स्वयं राम के दूत इधर है।। ©Anita Agarwal

#shreeram #Bhakti  Shree Ram 

राम नाम के जपने से, आशाएं फली भूत इधर हैं ।
बजरंगबली की शक्ति का देखो बङा सबूत इधर है।। 

विमुख होकर राम नाम से, कमा लिया क्या जीवन में! 
राम नाम में डूब कर, पार हुआ अवधूत इधर है।। 

पर निंदा कर लोक दिखावा, भी करते हैं करने वाले
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ा दे, ऐसा मन मजबूत इधर है।

मनमानी से मालिक बनकर करते हैं अपमान बड़ों का। 
पितृ वचन ही शिरोधार्य हो राम सा कोई पूत इधर है? 

सहज सरल बन करो पराजित, माया के जंजालों को। 
साथ तुम्हारा देने को जब, स्वयं राम के दूत इधर है।।

©Anita Agarwal

#shreeram

13 Love

कभी खुशियों से हरी भरी कभी अनायास फिसलन से भरी। कभी होते धूप कांटे और पत्थर कभी फूलों सी महकती हर तरफ हरी हरी। कभी अवरोध हटाकर करनी पड़ती आगे बढ़ने की तैयारी कभी बीच सफर में ही खत्म हो जाती है उम्र सारी। ना कोई जान पाया था ना कोई जान पाएगा सदा समझ से परे है ए जिंदगी ये राहें तुम्हारी। ©Anita Agarwal

#Motivational  कभी खुशियों से हरी भरी
 कभी अनायास फिसलन से भरी।
कभी होते धूप कांटे और पत्थर
कभी फूलों सी महकती हर तरफ हरी हरी।

कभी अवरोध हटाकर
 करनी पड़ती आगे बढ़ने की तैयारी
कभी बीच सफर में ही
 खत्म हो जाती है उम्र सारी। 
ना कोई जान पाया था
 ना कोई जान पाएगा
सदा समझ से परे है
ए जिंदगी ये राहें तुम्हारी।

©Anita Agarwal

जिंदगी की राहेँ

14 Love

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