Anita Agarwal

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शंकाओं के अंधेरे में दीपक की लौ हो तुम जहां तनिक सा ठहर कर मन को सुकून मिले वो हो तुम बेफिक्र हो साझा कर लें सुख दुख की हम सारी बातें साथ तुम्हारा होता है तो पहर भी कैसे पल बन जाते मां सी ममता स्नेह सखी सा सब कुछ तुम में पाया है हर हाल में सीखो खुश रहना यह तुमने ही तो सिखाया है झुलसते मन के लिए शीतल दरिया हो तुम जो मुझे मुझसे मिला दे वो जरिया हो तुम ओ बहन मेरी तेरा साथ मुझे इस जहां में सबसे प्यारा है बनके मेरी हमराज तूने जीवन को संवारा है ©Anita Agarwal

#sister #Bond  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शंकाओं के अंधेरे में दीपक की लौ हो तुम
जहां तनिक सा ठहर कर मन को सुकून मिले वो हो तुम

बेफिक्र हो साझा कर लें सुख दुख की हम सारी बातें
साथ तुम्हारा होता है तो पहर  भी कैसे पल बन जाते

मां सी ममता स्नेह सखी सा सब कुछ तुम में पाया है
हर हाल में  सीखो खुश रहना यह तुमने ही तो सिखाया है

झुलसते मन के लिए शीतल दरिया हो तुम
जो मुझे मुझसे  मिला दे वो जरिया हो तुम

ओ बहन मेरी तेरा साथ मुझे इस जहां में सबसे प्यारा है
बनके मेरी हमराज तूने जीवन को संवारा है

©Anita Agarwal

#sister#Bond#love#

12 Love

White हम कथा सुनाते महाकुंभ महापर्व की अनमोल धरोहर भक्ति संस्कृति गर्व की देवासुरों का हुआ सामना लक्ष्य था अमृत कलश को पाना युद्ध बड़ा था बड़ी थी हलचल छलक गया कुछ कलश का वो जल हम कथा.... छलकी बूंदे वो जहां.. बन गई पावन धाम सब तीर्थों से ऊपर आता इन चारों का नाम प्रयागराज हरिद्वार जो नहाए जन्मो जन्म के पाप धुल जाए नासिक और उज्जैन की महिमा सुर नर मुनि जन मुख से गाए तब से हर चौथे बरस होता कुम्भ का स्नान बारह बरस मे महा कुम्भ ये है सनातनी पहचान हम कथा... ©Anita Agarwal

 White हम कथा सुनाते महाकुंभ महापर्व की
अनमोल धरोहर भक्ति संस्कृति गर्व की

देवासुरों का हुआ सामना 
लक्ष्य था अमृत कलश को पाना
युद्ध बड़ा था बड़ी थी हलचल
छलक गया कुछ कलश का वो जल
हम कथा....

छलकी बूंदे वो जहां.. 
बन गई पावन धाम 
सब तीर्थों से ऊपर आता
 इन चारों का नाम
 प्रयागराज हरिद्वार जो नहाए
जन्मो जन्म के पाप धुल जाए
नासिक और उज्जैन की महिमा
सुर नर मुनि जन  मुख से गाए

तब से हर चौथे बरस
 होता कुम्भ का स्नान 
बारह बरस मे महा कुम्भ 
ये है सनातनी पहचान 
हम कथा...

©Anita Agarwal

#mahakumbh#mahaparv#sanatan#poetry#proudfeeling#shahisnan#bhakti #prayagraj

15 Love

अनुयाई से नेतृत्व तक का सफर जिस देश ने किया है आजादी के संघर्ष को... हर साँस में जिया है। बदलाव आया जो अब उसकी वैश्विक भूमिका में. पिछड़ा नहीं कहाता अब वो, विश्व का मुखिया है। परचम उसकी बुलंदियों का जगत में फहरा रहा आत्मनिर्भरता की ताकत से परिचय जो करा रहा । विकास के पथ पर अग्रसर है दिन दुगुना और रात चौगुना उस देश का वासी होने पर हर नागरिक इतरा रहा । यकीनन यह विश्व में सबसे बड़ा गणतंत्र है अपने विचार रखने को हर नागरिक स्वतंत्र है। जनता का राज जनता के लिए होता है जनता द्वारा विकासशील से विकसित बनने का यह मूल मंत्र है। नए रूप में दुनिया के, समक्ष खड़ा है ये नया भारत सबने जिसका लोहा माना, खुली बाँहों से करते स्वागत। हर एक क्षेत्र में प्रतिभाओं ने,जग में अपना नाम किया नतमस्तक हम देश के वासी, यही गर्व है यही इबादत। मस्तक बनके खड़े हिमालय, अरावली और कंचनजंघा चरण पखारे नित नित जिसके यमुना, कावेरी, गंगा। स्वर्णिम इतिहास समेटे खुद में, महाशक्ति यह कहलाता परचम बनकर आसमान में बनता इसकी शान तिरंगा। ©Anita Agarwal

#Motivational #RepublicDay  अनुयाई से नेतृत्व तक का सफर जिस देश ने किया है
आजादी के संघर्ष को... हर साँस में जिया है।
बदलाव आया जो अब उसकी वैश्विक भूमिका में.
पिछड़ा नहीं कहाता अब वो, विश्व का मुखिया है।

परचम उसकी बुलंदियों का जगत में फहरा रहा 
आत्मनिर्भरता की ताकत से परिचय जो करा रहा ।
विकास के पथ पर अग्रसर है दिन दुगुना और रात चौगुना 
उस देश का वासी होने पर हर नागरिक इतरा रहा ।
 
यकीनन यह विश्व में सबसे बड़ा गणतंत्र है 
अपने  विचार रखने को हर नागरिक स्वतंत्र है। 
जनता का राज जनता के लिए होता है जनता द्वारा 
विकासशील से विकसित बनने का यह मूल मंत्र है। 

नए रूप में दुनिया के, समक्ष खड़ा है ये नया भारत 
सबने जिसका लोहा माना, खुली बाँहों से करते स्वागत। 
हर एक क्षेत्र में प्रतिभाओं ने,जग में अपना नाम किया 
नतमस्तक हम देश के वासी, यही गर्व है यही इबादत। 

मस्तक बनके खड़े हिमालय, अरावली और कंचनजंघा
चरण पखारे नित नित जिसके यमुना, कावेरी, गंगा। 
स्वर्णिम इतिहास समेटे खुद में, महाशक्ति यह कहलाता 
परचम बनकर आसमान में बनता इसकी शान तिरंगा।

©Anita Agarwal

#RepublicDay

17 Love

जग से अंधियारा हटाने को चले आओ एक बार। आस का दीप जलाने को चले आओ एक बार।। आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी। भ्रमित मनुष्य को सच का आईना दिखाने चले आओ एक बार।। प्रभु का अनुयाई कहते-कहते स्वयं प्रभु बन जाते हैं। ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को दिखाने चले आओ एक बार।। ©Anita Agarwal

#Motivational #Krishna  जग से अंधियारा हटाने को
 चले आओ एक बार।
आस का दीप जलाने को
 चले आओ एक बार।। 

आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में
जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी। 
भ्रमित मनुष्य को सच का आईना
 दिखाने चले आओ एक बार।। 

प्रभु का अनुयाई कहते-कहते
 स्वयं प्रभु बन जाते हैं। 
ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को 
दिखाने चले आओ एक बार।।

©Anita Agarwal

#Krishna

17 Love

मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है अमर करे यह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु ©Anita Agarwal

#Krishna #Bhakti  मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी
तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी

क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है
अमर करे यह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है

सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में
सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में

अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है
तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है

जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु

©Anita Agarwal

#Krishna

11 Love

मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है अमर करे वह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु ©Anita Agarwal

#Krishna #Bhakti  मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी
तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी

क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है
अमर करे वह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है

सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में
सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में

अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है
तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है

जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु

©Anita Agarwal

#Krishna

17 Love

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