जग से अंधियारा हटाने को
चले आओ एक बार।
आस का दीप जलाने को
चले आओ एक बार।।
आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में
जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी।
भ्रमित मनुष्य को सच का आईना
दिखाने चले आओ एक बार।।
प्रभु का अनुयाई कहते-कहते
स्वयं प्रभु बन जाते हैं।
ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को
दिखाने चले आओ एक बार।।
©Anita Agarwal
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