Dr Jyotirmayee Patel

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a lost soul with nowhere to go........

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#humarikahani

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ज़रूरी नहीं... की कोशिश करते रहने से आख़िरकार तुम जीत ही जाओगे। पर हार का तुम्हे गम भी नहीं होगा.... ये तय है। ज़रूरी नहीं.... दिल की बातें कह देने से, मसले सारे हल हो ही जाएँगे। पर कोई टीस या अफ़सोस ज़हन में फ़िर बाकी नहीं रह जाएगा.... ये तय है। ज़रूरी नहीं.... हर किसी को तुम अपना नज़रिया समझा पाओगे। वक़्त-बेवक़्त शायद तुम, खुद ही खुद को समझ नहीं पाओगे। पर यक़ीन सिरहाने रख कर ख्वाब बुनोगे, तो इन ख्वाबों को पँख लग ही जाएँगे.... ये तय है। ©Dr Jyotirmayee Patel

 ज़रूरी नहीं...
की कोशिश करते रहने से
आख़िरकार तुम जीत ही जाओगे।
पर हार का तुम्हे
गम भी नहीं होगा....
ये तय है।

ज़रूरी नहीं....
दिल की बातें कह देने से,
मसले सारे हल हो ही जाएँगे।
पर कोई टीस या अफ़सोस
ज़हन में फ़िर बाकी नहीं रह जाएगा....
ये तय है।

ज़रूरी नहीं....
हर किसी को
तुम अपना नज़रिया समझा पाओगे।
वक़्त-बेवक़्त शायद तुम,
खुद ही खुद को समझ नहीं पाओगे।
पर यक़ीन सिरहाने रख कर
ख्वाब बुनोगे,
तो इन ख्वाबों को पँख
लग ही जाएँगे....
ये तय है।

©Dr Jyotirmayee Patel

ज़रूरी नहीं... की कोशिश करते रहने से आख़िरकार तुम जीत ही जाओगे। पर हार का तुम्हे गम भी नहीं होगा.... ये तय है। ज़रूरी नहीं.... दिल की बातें कह देने से, मसले सारे हल हो ही जाएँगे। पर कोई टीस या अफ़सोस ज़हन में फ़िर बाकी नहीं रह जाएगा.... ये तय है। ज़रूरी नहीं.... हर किसी को तुम अपना नज़रिया समझा पाओगे। वक़्त-बेवक़्त शायद तुम, खुद ही खुद को समझ नहीं पाओगे। पर यक़ीन सिरहाने रख कर ख्वाब बुनोगे, तो इन ख्वाबों को पँख लग ही जाएँगे.... ये तय है। ©Dr Jyotirmayee Patel

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जाने किन मुख़्तलिफ़ बातों में उलझे रहे, और ज़रूरी बातों को जाने दिया। वक़्त को काफी था, पास हमारे.... सब कुछ शुरू से शुरू कर लेने को। चलो...."शुरुवात" न सही, पर "हश्र" अपने हिसाब का लिख लेने को। पर हम उस ला-वजूद "कल" का सोचते रहे, और हाथों में रखें इस "आज" को फ़िसल जाने दिया। ©Dr Jyotirmayee Patel

 जाने किन मुख़्तलिफ़
बातों में उलझे रहे,
और ज़रूरी बातों को जाने दिया।

वक़्त को काफी था,
पास हमारे....
सब कुछ शुरू से शुरू कर लेने को।
चलो...."शुरुवात" न सही,
पर "हश्र" अपने हिसाब का
लिख लेने को।

पर हम उस ला-वजूद "कल" 
का सोचते रहे,
और हाथों में रखें
इस "आज" को
फ़िसल जाने दिया।

©Dr Jyotirmayee Patel

जाने किन मुख़्तलिफ़ बातों में उलझे रहे, और ज़रूरी बातों को जाने दिया। वक़्त को काफी था, पास हमारे.... सब कुछ शुरू से शुरू कर लेने को। चलो...."शुरुवात" न सही, पर "हश्र" अपने हिसाब का लिख लेने को। पर हम उस ला-वजूद "कल" का सोचते रहे, और हाथों में रखें इस "आज" को फ़िसल जाने दिया। ©Dr Jyotirmayee Patel

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"फुर्सत" की बातें, हम फुर्सत से करें.... तो अच्छा। रोज़-तरार की ये ज़िन्दगी, बड़ी ही मशक्कत से भरी है। शिकायतों की बातें, हम सोहबत से करें.... तो अच्छा। ©Dr Jyotirmayee Patel

#Quotes  "फुर्सत" की बातें,
हम फुर्सत से करें....
तो अच्छा।
रोज़-तरार की ये ज़िन्दगी,
बड़ी ही मशक्कत से भरी है।
शिकायतों की बातें,
हम सोहबत से करें....
तो अच्छा।

©Dr Jyotirmayee Patel

"फुर्सत" की बातें, हम फुर्सत से करें.... तो अच्छा। रोज़-तरार की ये ज़िन्दगी, बड़ी ही मशक्कत से भरी है। शिकायतों की बातें, हम सोहबत से करें.... तो अच्छा। ©Dr Jyotirmayee Patel

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कहीं से निकले हैं, तो कहीं पहुँच जाने का इंतज़ार। कभी किसी नये दिन का, तो कभी .... बस इस रात के गुज़र जाने का इंतज़ार। किसी के किस्सों में, तो किसी की लकीरों में बस जाने का इंतज़ार। किसी के ख़्वाबों में, तो किसी के सजदों में बस ज़िंदा रहने का इंतज़ार। ऐसे देखा जाय.... तो ज़िन्दगी इंतेज़ार ही तो है। हर गुज़रे पल को इंतेज़ार है... आने वाले का। इस ज़िन्दगी को इंतेज़ार है.... "ज़िन्दगी" का। शायद इसलिए, ज़िन्दगी...." सफर" है। और ये सफर.... बेअंजाम, बेमंज़िल ही सही, खूबसूरत है। ©Dr Jyotirmayee Patel

 कहीं से निकले हैं,
तो कहीं पहुँच जाने का इंतज़ार।
कभी किसी नये दिन का,
तो कभी ....
बस इस रात के गुज़र जाने का इंतज़ार।

किसी के किस्सों में,
तो किसी की लकीरों में
बस जाने का इंतज़ार।
किसी के ख़्वाबों में,
तो किसी के सजदों में
बस ज़िंदा रहने का इंतज़ार।

ऐसे देखा जाय....
तो ज़िन्दगी इंतेज़ार ही तो है।
हर गुज़रे पल को इंतेज़ार है...
आने वाले का।
इस ज़िन्दगी को इंतेज़ार है....
"ज़िन्दगी" का।

शायद इसलिए,
ज़िन्दगी...." सफर" है।
और ये सफर....
बेअंजाम, बेमंज़िल ही सही,
खूबसूरत है।

©Dr Jyotirmayee Patel

कहीं से निकले हैं, तो कहीं पहुँच जाने का इंतज़ार। कभी किसी नये दिन का, तो कभी .... बस इस रात के गुज़र जाने का इंतज़ार। किसी के किस्सों में, तो किसी की लकीरों में बस जाने का इंतज़ार। किसी के ख़्वाबों में, तो किसी के सजदों में बस ज़िंदा रहने का इंतज़ार। ऐसे देखा जाय.... तो ज़िन्दगी इंतेज़ार ही तो है। हर गुज़रे पल को इंतेज़ार है... आने वाले का। इस ज़िन्दगी को इंतेज़ार है.... "ज़िन्दगी" का। शायद इसलिए, ज़िन्दगी...." सफर" है। और ये सफर.... बेअंजाम, बेमंज़िल ही सही, खूबसूरत है। ©Dr Jyotirmayee Patel

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