White धीमी हल्की सी मुस्कराहट
एक गाल को चूमता हुआ बालों का लट,
बड़ी- बड़ी आंखें और आँखों में काजल,
दोनों भौंहे को मिलाती हुई, एक छोटी लाल बिंदी,
गले में पतली सुनहरी चैन
और गालों को चूमता कान का सुई-धागा...
था छड़हरा बदन, थे पैरों में पायल,
पहनी थी गुलाबी साड़ी,
और बिल्कुल हीं सादा लिबास...
बगीचे को सिंचते हुए नज़र थी आयी,
सामने खड़ा था मैं, देखते हीं मुझे, थी हौले से मुस्काई...
मौसम भी था गर्मी का, धूप भी थी निकल आयी,
कुंदन सी धूप की किरण, थी बदन पर उसकी छायी...
देखते हीं देखते उसके बदन, गुलाबी थी हो आयी,
चेहरे का पसीना पोंछ कभी,
कभी बालों के लटों को थी हटाई....
पहली बार हीं देखा उसे, उसमें हीं खो गया,
उसकी 'धीमी हल्की सी मुस्कुराहट' से मानों,
मुझे मोहब्बत हो गया....
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©अपनी कलम से
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